ऑब्रे ने अपने बुजुर्ग पिता के लिए ऊन का धारीदार कोट ख़रीदा, पर वह उसे पहनने से पहले ही गुजर गये । तो ऑब्रे ने एक प्रोत्साहन के नोट के साथ $20(बीस डॉलर) का एक नोट पॉकेट में डाला और उस जैकेट को दानी संस्था में दान कर दिया ।

90 मील दूर, अपने परिवार की दुष्क्रियाओं को सहने में असमर्थ, 19 साल का केली बिना कोट लिए अपना घर छोड़ दिया । वह मुड़ने के लिए सिर्फ एक जगह जानता था──अपनी दादी का घर जो उसके लिए प्रार्थना करती थी l घंटों बाद वह बस से उतरा और अपनी दादी के बाँहों में सिमट गया । उसे ठंडी हवा से बचाते हुए, उन्होंने कहा, “हमें तुम्हारे लिए एक कोट लाना होगा!” मिशन स्टोर में, केली ने एक कोट पहनकर देखा जो उसे पसंद आ गया । जैसे ही उसने अपने हाथ पॉकेट में डाले, उसे एक लिफाफा मिला──ऑब्रे की पर्ची के साथ $20(बीस डॉलर) का नोट l 

याकूब ने अपने जीवन के डर से दुष्क्रियाओं से पूर्ण अपने परिवार को छोड़ा (उत्पति 27:41-45) । जब वह रात के लिए रुका, तो परमेश्वर ने स्वयं को याकूब के सपने में प्रकट किया । परमेश्वर ने उससे कहा, “मैं तेरे संग रहूँगा, और जहाँ कहीं तू जाए वहाँ तेरी रक्षा करूँगा” (28:15) । याकूब ने सपथ खाई, “यदि परमेश्वर . . . मुझे खाने के लिये रोटी, और पहिनने के लिये कपड़ा दे . . . तो यहोवा मेरा परमेश्वर ठहरेगा” (पद.20-21) l 

याकूब ने एक मौलिक वेदी बनायी और उस जगह का नाम “परमेश्वर का भवन” रखा (पद.22) । केली जहाँ भी जाता है अपने साथ ऑब्रे की पर्ची और $20 ले जाता है l और प्रत्येक एक यादगार के रूप में काम करता है कि हम जहाँ भी भागते हैं, परमेश्वर वहाँ है ।