“अंकल, क्या आपको वो दिन याद है जब आप मुझे नाई की दूकान और सुपरमार्केट में ले गए थे? मैं एक भूरे रंग का पैंट, एक नीली चारखानेदार स्वेटर, भूरे मोज़े, और भूरे रंग के जूते पहने था l वह दिन था गुरूवार, अक्टूबर 20, 2016 l” मेरे भांजे की स्वलीनता(autism)-सम्बंधित चुनौतियाँ उसके असाधारण स्मृति से दूर हो गई हैं जो किसी घटना के वर्षों बाद भी दिन और दिनांक और कपड़े जो वह पहना था याद रख सकता है l 

जिस तरह से उसे बनाया गया है उसके कारण, मेरे भांजे के पास इस प्रकार की स्मृति है जो मुझे सर्वज्ञानी, प्रेमी परमेश्वर──समय और अनंतता का पालक──की याद दिलाता है l वह तथ्यों को जानता है और अपने वादों या अपने लोगों को नहीं भूलेगा l क्या आपके पास ऐसे क्षण हैं जब आपने सवाल किया हो कि परमेश्वर आपको भूल गया या नहीं भूला? जब दूसरे अधिक स्वस्थ, आनंदित या अधिक सफल या अन्यथा बेहतर दिखाई देते हैं? 

प्राचीन इस्राएल की आदर्श से भी कम स्थिति ने उसके बोलने का कारण बना, “यहोवा ने मुझे त्याग दिया है, मेरा प्रभु मुझे भूल गया है” (यशायाह 49:14) l लेकिन मामला यह नहीं था l परमेश्वर की अनुकम्पा और देखभाल स्नेह के स्वाभाविक बंधन से अधिक था जो माताओं का अपने बच्चों के लिए होता है (पद.15) l “त्याग दिया है” या “भूल गया है” जैसे सूचक पत्र को अपनाने से पहले परमेश्वर ने अपने पुत्र, यीशु में और के द्वारा क्या किया है के विषय विचार करें l सुसमाचार में जो क्षमा लेकर आता है, परमेश्वर ने स्पष्ट कहा है, “मैं तुझे नहीं भूल सकता” (पद.15) l