हम जंगल में अन्दर चलते गए, और गाँव से बहुत दूर निकल गए l लगभग एक घंटे बाद, हमने जल की गर्जनापूर्ण आवाज़ सुनी l अपने क़दमों को तेज करते हुए, हम एक वृक्षहीन स्थान पर पहुंचे और हमारा स्वागत धूसर चट्टानों पर प्रपात के रूप में गिरता हुआ सफ़ेद जल ने किया l भव्य!
हमारे साथ चलने वाले मित्र, जो उस गाँव के निवासी थे जिसे हम एक घंटे पहले पीछे छोड़ आये थे, ने निर्णय किया कि हम एक पिकनिक करेंगे l महान विचार, लेकिन भोजन कहाँ से आएगा? हमने कुछ भी नहीं ख़रीदा था l हमारे मित्र आसपास के जंगल में चले गए और विभिन्न प्रकार के फल और सब्जी और कुछ मछली के साथ लौटे l भोजन विचित्र था, लेकिन उसका स्वाद स्वर्गिक था!
मैंने याद किया कि सृष्टि परमेश्वर के असाधारण प्रबंध का वर्णन करती है l हम उसकी उदारता का साक्ष्य “छोटे छोटे पेड़ जिनमें अपनी अपनी जाति के अनुसार बीज होता है, और फलदाई वृक्ष जिनके बीजे एक एक की जाति के अनुसार उन्हीं में होते हैं” में पाते हैं (उत्पत्ति 1:12) l परमेश्वर ने “बीजवाले छोटे छोटे पेड़ . . . और जितने वृक्षों में बीजवाले फल होते हैं” (पद. 29) उन्हें बनाया है और हमें भोजन के लिए दिया है l
क्या आपको कभी-कभी परमेश्वर पर आपके लिए प्रबंध करने में भरोसा करने में कठिनाई होती है? क्यों न प्रकृति में घूमने चलें? जो आप देखते हैं वह आपको यीशु के आश्वस्त करने वाले शब्द स्मरण दिला सकें : “इसलिए तुम चिंता करके यह न कहना कि हम क्या खाएंगे, या क्या पीएँगे . . . क्योंकि . . . तुम्हारा स्वर्गीय पिता जानता है कि तुम्हें इन सब वस्तुओं की आवश्यकता है” (मत्ती 6:31-32) l
किस तरह परमेश्वर ने अतीत में आपके लिए प्रबंध किया है? आप वर्तमान में किस तरह उसके प्रबंध पर निरंतर निर्भर रह सकते हैं?
प्रेमी परमेश्वर, आप उदार प्रबंधकर्ता हैं l मेरी आवश्यकता की पूर्ति के लिए आप पर भरोसा करने में मेरी मदद कर l