डिवाइट मूडी (1837-99) के मसीह में विश्वास करने के तुरंत बाद, उन्होंने संकल्प किया कि हर दिन के बीतने से पहले वे कम से कम एक व्यक्ति के साथ सुसमाचार ज़रूर साझा करेंगे l व्यस्त दिनों में, वे अपना संकल्प देर तक भूल जाते थे l एक रात, जब वे बिस्तर में थे उन्हें याद आया l जब वह बिस्तर से बाहर निकले, उन्होंने सोचा, इस भारी बारिश में कोई बाहर नहीं होगा l उसी समय उन्होंने एक आदमी को सड़क पर जाते देखा l मूडी दौड़कर उसे बारिश से बचाने के लिए उसे अपने छाते के नीचे खड़े होने को कहा l अनुमति मिलने के बाद, उन्होंने पूछा, “क्या तूफ़ान के समय आपके पास आश्रय है? क्या मैं आपको यीशु के बारे में बता सकता हूँ?”
मूडी यह बात साझा करने में तत्पर थे कि कैसे परमेश्वर हमें हमारे पापों के परिणाम से बचाता है l उन्होंने इस्राएलियों को दिया गया परमेश्वर का निर्देश माना कि उसका नाम घोषित करो और “सब जातियों में उसके बड़े कामों का प्रचार करो” (यशायाह 12:4) न केवल परमेश्वर के लोगों को “यह घोषित करने के लिए बुलाया गया था कि “उसका नाम महान् है” (पद.4), लेकिन उन्हें यह भी साझा करना था कि वह कैसे “उनका” [उद्धार] बन गया था (पद.2) l सदियों बाद, यीशु के मनुष्य बनने, क्रूस पर मरने और फिर से जी उठने के आश्चर्यों को बताने की हमारी बुलाहट वही है l
शायद हमने परमेश्वर के प्यार के बारे में सुना जब, जैसे मूडी ने सुना था, किसी ने यीशु के बारे में हमारे साथ बात करने के लिए अपने सुखद क्षेत्र को छोड़ा था l और हम भी, प्रत्येक अपने तरीके से, बचानेवाले के बारे में किसी को बता सकते हैं l
आपके जीवन में परमेश्वर ने क्या किया है जिसे आप दूसरे के साथ साझा कर सकते हैं? उसने आपको सुसमाचार प्रस्तुत करने के लिए कैसे तैयार किया है?
हे यीशु, मुझे मेरे पापों से छुड़ाने के लिए धन्यवाद l अपनी अच्छी खबर दूसरों को बताने के लिए तैयार रहने में मेरी मदद कर l
Evangelism: Reaching out through Relationships को DiscoverySeries.org/Q0913 पर पढ़ें l