एक राष्ट्रीय जंगल में, एक फफूंद जो सामान्यतः  हनी मशरूम(honey mushroom) नाम से जाना जाता है 2,200 एकड़ में फैले पेड़ों के जड़ों द्वारा फैलता है, जिससे यह अब तक का सबसे बड़ा जीवित जीव बन गया है l यह वन में दो सहस्त्राब्दी तक “जूते के फीते के समान अपने काले-काले तंतु बुनकर” बढ़ते पेड़ों को मारता रहा है l उसके जूते के फीतों के समान तंतु, जो “तंतुजटा (rhizomorphs),” कहलाते हैं मिटटी में दस फीट की गहराई तक जाते हैं l और यद्यपि यह जीव आश्चर्यजनक रूप से बड़ा है, यह एक अति सूक्ष्म बीजाणु(microscopic spore) से आरम्भ हुआ था!

बाइबल हमें अनाज्ञाकारिता के एकलौते कार्य के बारे में बताती है जो व्यापक दंडाज्ञा का कारण बना और आज्ञाकारिता का एकलौता कार्य जिसने उसे पलट दिया l प्रेरित पौलुस ने दो व्यक्तियों──आदम और यीशु──की परस्पर तुलना की (रोमियों 5:14-15) l आदम के पाप ने “सब मनुष्यों में” (पद.12) दंडाज्ञा और मृत्यु लाया l अनाज्ञाकारिता के एक कार्य के द्वारा, सब लोग पापी हो गए और परमेश्वर के सामने दोषी हुए (पद.17) l लेकिन उसके पास मानवता के पाप की समस्या से पेश आने के लिए उपाय था l क्रूस पर यीशु के धार्मिकता के कार्य के द्वारा, परमेश्वर अनंत जीवन और अपने सामने सही आधार प्रदान करता है l मसीह के प्रेम और आज्ञाकारिता का एक कार्य आदम की अनाज्ञाकारिता के एक कार्य पर विजय प्राप्त करने के लिए पर्याप्त था──जिसने “सब मनुष्यों [को] जीवन [दिया] (पद.18) l 

क्रूस पर अपनी मृत्यु के द्वारा, यीशु हर किसी को अनंत जीवन देता है जो उसमें विश्वास करता है l यदि आपने उसकी क्षमा और उद्धार को स्वीकार नहीं किया है, आज आप ऐसा कर सकते हैं l यदि आप पहले से विश्वासी है, जो उसने अपने प्रेम के महान कार्य के द्वारा आपके लिए किया है उसकी प्रशंसा करें!