लूई जैम्पेरिनी का सैन्य विमान युद्ध के दौरान समुद्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें आठ लोगों की मृत्यु हो गयी l “लूई” और दो अन्य लोग जीवन बेड़ा पर कठिनाई से चढ़ने में सफल रहे l दो महीने तक समुद्र में इधर उधर  बहते रहे, शार्कों से बचते रहे, तूफानों को पार करने की कोशिश करते रहे, शत्रु की गोलियों से बचते रहे, और कच्ची मछली और चिड़ियों को पकड़कर खाते रहे l अंततः वे बहकर एक द्वीप पर पहुँच गए और तुरंत गिरफ्तार कर लिए गए l दो वर्षों तक लूई को पीटा गया, प्रताड़ित किया गया और उसने युद्ध बंदी के रूप में निर्दयता से काम किया l उसकी असाधारण कहानी अन्ब्रोकन(Unbroken) पुस्तक में बताई गई  है l

यिर्मयाह बाइबल अटूट चरित्रों में से एक है l उसने शत्रु के षड्यंत्रों को सहा (यिर्मयाह 11:18), उसे कोड़े मारे गए और काठ में जकड़ दिया गया (20:2), उसे पीटा गया और काल कोठरी में डाल दिया गया (37:15-16), और उसे एक दलदल वाले गड़हे में रस्सियों से उतार दिया गया (38:6) l वह इसलिए बच गया क्योंकि परमेश्वर ने उसके साथ रहने और उसे बचाने का वादा किया था (1:8) l परमेश्वर हमारे साथ भी समान वादा करता है : “मैं तुझे कभी न छोडूंगा, और न कभी तुझे त्यागूँगा” (इब्रानियों 13:5) l परमेश्वर ने यिर्मयाह को या हम को परेशानी से बचाने की प्रतिज्ञा नहीं की है, लेकिन उसने परेशानियों में से होकर ले जाने की प्रतिज्ञा की है l  

लूई ने परमेश्वर की सुरक्षा को पहचाना, और युद्ध के बाद अपना जीवन यीशु को दे दिया l उसने उसे कैद करनेवालों को क्षमा कर दिया और कुछ को मसीह के लिए जीत लिया l लूई ने समझ लिया कि यद्यपि हम समस्याओं से भाग नहीं सकते, मुझे उन्हें अकेले सहने की ज़रूरत नहीं है l जब हम यीशु के साथ उनका सामना करते हैं, हम अटूट हो जाते हैं l