2018 के बेसबॉल के मौसम के दौरान, एक कोच डगआउट(मैदान के बाहर दोनों टीमों के लिए एक स्थान) के किनारे बैठे एक छोटे लड़के को एक बेसबॉल देना चाहता था l लेकिन जब कोच ने उसकी ओर बॉल उछाला, तो उसकी जगह पर एक व्यक्ति ने उसको पकड़ लिया l इस घटना का विडियो वायरल हो गया l समाचार ब्यूरो और सोशल मीडिया इस मनुष्य की “भावशून्यता” के साथ कठोरता से पेश आए l दर्शक को छोड़कर दूसरे पूरी कहानी को नहीं जानते थे l इसके पहले, इस व्यक्ति ने उस छोटे बच्चे की मदद एक फ़ाउल बॉल पकड़ने में की थी; और वे दोनों उनकी ओर आने वाले कोई भी अतिरिक्त बॉल पकड़ने की साझेदारी करने के लिए सहमत हुए थे l दुर्भाग्यवश, सच्ची कहानी को उभरने में चौबीस घंटे लगे l भीड़ ने उस निर्दोष आदमी को दोषी ठहरा कर पहले ही हानि कर लिया था l 

कई बार, हम सोचते हैं कि हमारे पास सभी तथ्य हैं जबकि हमारे पास केवल अंश होते हैं l हमारी आधुनिक गोटचा(gotcha-पकड़ लिया) संस्कृति में, नाटकीय विडियो के टुकड़ों और उत्तेजित ट्वीट्स में, पूरी कहानी सुने बगैर लोगों को दोषी ठहराना आसान है l हालाँकि, पवित्रशास्त्र हमें चेतावनी देता है, “झूठी बात न फैलाना” (निर्गमन 23:1) l हम दोष लगाने से पहले सच्चाई की पुष्टि करने के लिए हर संभव प्रयास करें, जिससे यह सुनिश्चित हो जाए कि हम झूठ में शामिल नहीं हो रहे हैं l जब भी सतर्कता वाली आत्मा गिरफ्त में ले ले, जब भी भावावेश सुलगता हो और निर्णय की लहरें उठने लगे तो हमें सतर्क रहना है l हमें “अन्यायी साक्षी होकर दुष्ट का साथ न” देने में खुद को सुरक्षित करना होगा (पद.2) l 

यीशु के विश्वासी के रूप में, परमेश्वर हमें झूठ को फैलाने से रोकने में मदद करे l वह हमारी  बुद्धिमत्ता को प्रदर्शित करने की आवश्यकता का प्रबंध करे और हमारे शब्द वास्तव में सच्चे हैं की पुष्टि करे l