जब अनीता अपने नव्वेवां जन्मदिन पर अपनी नींद में गुज़र गयी, उनके जाने की शान्ति उनके जीवन की शांतता में प्रतिबिंबित होती दिखाई दी l एक विधवा होकर भी, उन्होंने अपना जीवन अपने बच्चों और अपने नाती-पोतों और चर्च में युवा महिलाओं का मित्र होने में समर्पित किया l 

अनीता योग्यता या उपलब्धि में ख़ास उत्कृष्ट नहीं थी l लेकिन परमेश्वर में उसका गहरा विश्वास उसके जाननेवालों को प्रेरित करता था l मेरे एक मित्र ने कहा, “जब मुझे नहीं मालूम  कि किसी समस्या के विषय मैं क्या करूँ, मैं किसी प्रसिद्ध उपदेशक या लेखक के शब्दों पर विचार नहीं करता हूँ l मैं सोचता हूँ कि अनीता क्या कहती l”

हममें से कई लोग अनीता की तरह हैं──साधारण जीवन जीने वाले साधारण लोग l हमारे नाम कभी भी ख़बरों में नहीं होंगे, और हमारे सम्मान में कभी स्माराकें बनायीं नहीं जाएंगी l लेकिन यीशु में विश्वास के साथ जीया हुआ जीवन कभी भी साधारण नहीं है l इब्रानियों 11 में सूचीबद्ध कुछ लोगों के नाम नहीं हैं (पद.35-38); वे अप्रसिद्धि के मार्ग पर चले और इस जीवन में प्रतिज्ञात ईनाम प्राप्त नहीं किये (पद.39) l फिर भी, इसलिए कि वे परमेश्वर के प्रति आज्ञाकारी थे उनका विश्वास बेकार नहीं गया l परमेश्वर ने उनके जीवनों का उपयोग उन तरीकों से किया जो उनकी कुख्याती की कमी से परे थे (पद.40) l 

यदि आप अपने जीवन की प्रतीत होनेवाली सामान्य स्थिति के बारे में निराशा महसूस करते हैं, तो याद रखें कि ईश्वर में विश्वास रखने से जीवन अनंत काल तक प्रभावित होता है l अगर हम साधारण हैं, तो भी हम एक असाधारण विश्वास रख सकते हैं l