“मुझे समझ में नहीं आता है!” मेरी बेटी ने डेस्क पर अपनी पेंसिल को पटक दिया l वह गणित का एक गृहकार्य हल कर रही थी, और मैंने होमस्कूलिंग माँम/टीचर के रूप में अपना “काम” शुरू किया ही था l हम समस्या में थे l मैंने जो दशमलव को अंश में बदलना पैंतीस साल पहले सीखा था उसे याद नहीं कर पा रही थी l मैं उसे कुछ नहीं सीखा पा रही थी जो मैं पहले से नहीं जानती थी, इसलिए हमने एक ऑनलाइन टीचर को इस युक्ति को समझाते हुए देखा l
मानव रूप में, हम उन चीजों के साथ कई बार संघर्ष करते हैं जिन्हें हम जानते या समझते नहीं हैं l लेकिन परमेश्वर नहीं l वह सर्वज्ञ है──सर्वज्ञानी है l यशायाह ने लिखा, “किसने यहोवा . . . [का] मत्री होकर उसको ज्ञान सिखाया है? उसने किससे सम्मति ली और किसने उसे समझाकर न्याय का पथ बता दिया और ज्ञान सिखाकर बुद्धि का मार्ग जता दिया है?” (यशायाह 40:13-14) l उत्तर? कोई नहीं!
मनुष्य के पास अक्ल/समझ है क्योंकि परमेश्वर ने हमें अपने स्वरुप में बनाया है l इसके बावजूद, हमारी समझ केवल उसकी एक छाप है l हमारा ज्ञान सीमित है, लेकिन परमेश्वर अनंत अतीत से अनंत भविष्य तक सब कुछ जानता है (भजन 147:5) l आज हमारा ज्ञान तकनीक की मदद से बढ़ रहा है, लेकिन फिर भी हम गलती करते हैं l यीशु, हालाँकि, “तुरंत, साथ-साथ, सुविस्तृत रूप से और सच्चाई से सब कुछ” जानता है जैसा कि धर्मविज्ञानी कहते हैं l
चाहे मनुष्य जितना भी ज्ञान में विकास कर ले, हम कभी भी मसीह के सर्वज्ञानी दर्जा को पार नहीं कह सकते हैं l हमें हमारी समझ को आशीष देने और हमें यह सिखाने के लिए कि अच्छा और सच्चा क्या है उसकी हमेशा ज़रूरत पड़ेगी l
आप किस प्रकार की स्थितियों में ईश्वर की सर्वज्ञता के लिए आभारी हैं? जब आप यीशु को सब कुछ समझने वाले के रूप में सोचते हैं तो आपको कैसे प्रोत्साहित होते हैं?
हे यीशु, मैं आपकी सर्वज्ञानी होने के लिए प्रशंसा करता हूँ l मुझे सिखाएं कि आप क्या चाहते हैं कि मैं सीखूँ, और मुझे पूरे मन से आपसे प्यार करने में मेरी मदद करें l
परमेश्वर के बारे में अधिक जानने के लिए Christian University.org/character_god पर जाएँ l