फ्रेडरिक ब्युवचर ने अपने शक्तिशाली संस्मरण टेलिंग सीक्रेट्स(Telling Secrets) में कहा, “बात न करें, भरोसा न करें, अनुभव न करें ही वह नियम था जिसके अनुसार हम जीते थे, और उस पर श्राप जिसने उसे तोड़ा l” ब्युवचर अपने अनुभव का वर्णन कर रहे हैं जिसे वह कहते हैं,  “परिवारों का अलिखित नियम जो किसी न किसी कारण से अब सार्थक नहीं है l” उसके अपने परिवार में, उस “नियम” का मतलब था कि ब्युवचर को अपने पिता की आत्महत्या के विषय बात करना या उस पर शोक करने की अनुमति नहीं थी, जिससे वह अपने दुःख के साथ किसी पर भरोसा नहीं कर सकता था l 

क्या आप हमदर्दी प्रगट कर सकते हैं? हममें से कई लोग किसी न किसी तरीके से प्रेम के विकृत संस्करण के साथ जीना सीख लिए हैं, एक जो हमें नुक्सान पहुँचाया है के बारे में बेईमानी या चुप्पी की मांग करता है l इस तरह का “प्रेम’ नियंत्रण के लिए डर पर निर्भर होता  है──और एक तरह की गुलामी है l 

जिस तरह के सशर्त प्रेम का हम अक्सर अनुभव करते हैं, उससे अलग यीशु के प्यार के निमंत्रण को हम भूल नहीं सकते──एक तरह का प्यार जिससे हम हमेशा डरते हैं कि हम खो सकते हैं l जैसे कि पौलुस बताता है, मसीह के प्रेम के माध्यम से हम आखिरकार समझ सकते हैं कि डर में नहीं रहने का क्या मतलब है (रोमियों 8:15) और श्रेष्ठ स्वतंत्रता की तरह समझना शुरू कर देते हैं (पद.21) जो संभव है जब हम जानते हैं कि हम गहराई से, सही मायने में बिना शर्त प्यार किये जाते हैं l हम बात करने के लिए, भरोसा करने के लिए, और फिर महसूस करने के लिए स्वतंत्र हैं──यह जानने के लिए कि बेख़ौफ़ जीने का क्या मतलब है l