भारत की तीन-पहिया टैक्सी, जिसे “टुकटुक” या ऑटोरिक्शा” के रूप में जाना जाता है, कई लोगों के लिए परिवहन का एक सुविधाजनक और आनंदमय साधन है l चेन्नई की रहनेवाली माला को भी एहसास हुआ कि वह एक मिशन फील्ड है l एक दिन ऑटो में, उसकी मुलाकात एक मित्रवत ड्राईवर से हुई  जो धर्म के विषय बातचीत में संलग्न होने में बहुत खुश था l अगली बार, उसने खुद से कहा, वह ड्राईवर से सुसमाचार के बारे में बात करेगी l 

रोमियों की पुस्तक की शुरुआत में पौलुस द्वारा खुद को “परमेश्वर के . . . सुसमाचार के लिए अलग किया हुआ” घोषित करते हुए आरम्भ होता है (रोमियों 1:1) l “सुसमाचार” के लिए यूनानी शब्द इवेंगेलियोन(evangelion) है, जिसका अर्थ “खुश खबरी” है l पौलुस खास तौर पर कह रहा था कि उसका मूल उद्देश्य परमेश्वर का सुसमाचार बताना था l 

यह सुसमाचार क्या है? रोमियों 1:3 कहता है कि परमेश्वर का सुसमाचार उसके “पुत्र . . . के विषय है l” सुसमाचार यीशु है! यह परमेश्वर ही है जो संसार को बताना चाहता है कि यीशु हमें पाप और मृत्यु से बचाने आया, और वह हमें संप्रेषण के अपने साधन के रूप में होने के लिए चुना है l कितनी विनम्र सच्चाई!

सुसमाचार को साझा करना यीशु में सभी विश्वासियों को प्राप्त एक सुअवसर है l हमें इस विश्वास में दूसरों को बुलाने के लिए “अनुग्रह” मिला है (पद.5-6) l परमेश्वर ने हमें अपने चारों-ओर के लोगों तक सुसमाचार का यह उत्तेजक समाचार ले जाने के लिए अलग किया है, चाहे टुकटुक में या जहाँ भी हम हैं l हम भी, माला की तरह, अपने दैनिक जीवन में दूसरों को सुसमाचार जो यीशु में है बताने के अवसर ढूंढें l