एक दशक पहले तक, वे यीशु का नाम नहीं जानते थे । फिलीपींस में मिंदनाओ(Mindanao) की पहाड़ों में छिपे, बनवान(Banwaon) लोगों का बाहरी संसार से बहुत कम संपर्क था । एक बार की सामग्री की आपूर्ति ले जाने में दो दिन लगते थे, जिसमें उबड़-खाबड़ भूभाग पर पैदल चढ़ना-उतरना ज़रूरी था । संसार ने उनका कोई सुधि  नहीं लिया ।  

तब एक मिशन समूह उन तक पहुँचा, एक हेलिकॉप्टर के द्वारा लोगों को क्षेत्र से आने-जाने में मदद किया । इससे बनवान लोगों को आवश्यक सामग्री, अनिवार्य  चिकित्सीय मदद मिली, और अधिक बड़े संसार का ज्ञान मिला । उन्होंने उनका परिचय यीशु से भी करवाया । वर्तमान में, आत्माओं के लिए गाने के स्थान पर, वह अपने पारम्पारिक जनजातीय गीतों को नए शब्दों के साथ जपते हैं जो एक सच्चे परमेश्वर की प्रशंसा करते हैं । मिशन विमानन ने इस नाज़ुक संपर्क को स्थापित किया । 

जब यीशु अपने स्वर्गिक पिता के पास लौटा, उसने अपने शिष्यों को यह आज्ञा दिया । “इसलिए तुम जाओ, सब जातियों के लोगों को चेला बनाओ; और उन्हें पिता, पुत्र, और पवित्र आत्मा के नाम से बपतिस्मा दो” (मत्ती 28:19) । वह आज्ञा भी स्थिर है । 

जहाँ सुसमाचार नहीं पहुँचा है वहां के लोग अजनबी स्थानों तक सीमित नहीं हैं जिनके विषय हमलोगों ने नहीं सुना है । अक्सर, वे हमारे बीच रहते हैं । बनवान लोगों तक सुसमाचार पहुँचाने में रचनात्मक्ताता और साधन-सम्पन्नता की ज़रूरत थी, और यह हमें हमारे समुदायों में बाधाओं को लांघने में रचनात्मक तरीकों को खोजने के लिए प्रेरित करता है । इसमें एक “अप्राप्य” समूह शामिल हो सकता है जिसके विषय आपने विचार भी नहीं किया होगा──कोई जो इस वक्त आपके पड़ोस में रहता है । किस तरह परमेश्वर दूसरों तक सुसमाचार पहुंचाने में आपका उपयोग कर सकता है?