विकिरण(radiation) उपचार के चौंका देनेवाले तीस चक्कर के बाद, रीमा को कैंसर मुक्त घोषित कर दिया गया । हॉस्पिटल की परंपरा के एक हिस्से के रूप में, वह “कैंसर-मुक्त घंटी” बजाने के लिए उत्सुक थी जिसने उसके इलाज के अंत को चिन्हित किया और आधिकारिक रूप से घोषित उसके अच्छे स्वास्थ्य का जश्न मनाया । रीमा अपने उत्सव की घंटी बजाने में इतनी उत्साही और जोरदार थी कि रस्सी वास्तव में घंटी से अलग हो गयी! आनंदपूर्ण हंसी के ढेर लग गए । 

रीमा की कहानी मेरे चेहरे पर मुस्कान लाती है और मुझे इस बात का एहसास दिलाती है कि जब भजनकार ने इस्राएली लोगों को उनके जीवन में ईश्वर के कार्य का जश्न मनाने के लिए आमंत्रित किया तो उसने क्या कल्पना की होगी । लेखक ने उन्हें “तालियाँ [बजाने],” और “जयजयकार [करने],”  और “भजन [गाने]” के लिए उत्साहित किया क्योंकि परमेश्वर ने उनके शत्रुओं को भगा दिया था और इस्राएलियों को अपने प्रिय लोगों के रूप में चुन लिया था (भजन 47:1,6) । 

परमेश्वर हमेशा हमें इस जीवन में हमारे संघर्षों पर विजय नहीं देता है, चाहे वह स्वास्थ्य सम्बन्धी हो या वित्तीय या संबंधपरक । वह उन परिस्थितियों में भी हमारी आराधना और प्रशंसा के योग्य है क्योंकि हम विश्वास कर सकते हैं कि वह अभी भी “अपने सिंहासन पर विराजमान है” (पद. 8) । जब वह हमें वास्तव में चंगाई की जगह पर लाता है──तो कम से कम एक तरह से हम इस सांसारिक जीवन में पहचानते हैं──यह महान उत्सव का कारण होता  है । हमारे पास बजाने के लिए शायद एक भौतिक घंटी न हो, लेकिन जैसे रीमा ने दिखाया हम उसी तरह की अतिशयोक्ति के साथ हमारे साथ जो भलाई हुई है उसका जश्न मना सकते हैं ।