1941 में, जब पूरे यूरोप में हिटलर के शासन का विस्तार हो रहा था, उपन्यासकार जॉन स्टाइनबैक(एक अमरीकी लेखक) को युद्ध के प्रयासों में सहायता करने के लिए कहा गया । उसे अग्रिम पंक्ति पर लड़ने या सैनिकों से मिलने के लिए नहीं कहा गया था, बल्कि एक कहानी लिखने के लिए कहा गया । परिणाम द मून इज़ डाउन(The Moon Is Down), एक शांतिमय भूमि के बारे में एक उपन्यास है जिसपर एक दुष्ट शासक आक्रमण करता है । भूमिगत प्रेस पर मुद्रित और गुप्त रूप से पूरे कब्जे वाले देशों में वितरित किये गए, उपन्यास ने एक सन्देश भेजा : मित्र राष्ट्र आ रह थे, और उपन्यास के पात्रों की नक़ल करके पाठक अपनी स्वतंत्रता को सुरक्षित रखने में मदद कर सकते थे । द मून इज़ डाउन(The Moon Is Down) के द्वारा, इस लेखक ने जर्मन शासन के तहत लोगों के लिए खुशखबरी लायी──उनकी आज़ादी निकट थी ।
इस कहानी के पात्रों की तरह, पहली शताब्दी में यहूदी लोग क्रूर रोमन शासन के कब्जे में थे । लेकिन सदियों पहले, ईश्वर ने उन्हें मुक्त करने और दुनिया में शांति लाने के लिए एक सहयोगी भेजने का वादा किया था (यशायाह 11) । आनंद तब भड़क उठा जब वह सहयोगी आया! पौलुस कहता है, “हम तुम्हें उस प्रतिज्ञा के विषय में जो बापदादों से की गयी थी, यह सुसमाचार सुनाते हैं, कि परमेश्वर ने यीशु को जिलाकर, वही प्रतिज्ञा हमारी संतान के लिए पूरी की” (प्रेरितों 13:32-33) । यीशु के पुनरुथान और क्षमा की पेशकश के द्वारा, संसार में बहाली शुरू हो गयी थी (पद.38-39; रोमियों 8:21) ।
तब से, यह कहानी संसार भर में फैल गयी है, जिसे जहाँ भी अपनाया गया शांति और स्वतंत्रता लेकर लाती है । यीशु को मरे हुओं में से जिलाया गया है । पाप और बुराई से हमारा छुटकारा शुरू हो गया है । उसी में हम स्वतंत्र हैं!
दूसरे शासकों की तुलना में, यीशु कैसे इस संसार में शांति लाता है? आप इस कार्य में उसके साथ कैसे जुड़ सकते हैं?
यीशु, मेरा परम सहयोगी, मैं आपके सही शासन के समक्ष आत्मसमर्पण करता हूँ ।