2020 में, इक्वेडोर का एक ज्वालामुखी संगे फूट गया । न्यूज़ चैनलों ने विवरण दिया “गहरा राख का धूँआ जो 12,000 मीटर से भी अधिक की ऊँचाई तक पहुँच गया ।” बहाव ने धूसर राख और घोर कालिख से चार प्रान्तों को ढंक दिया (लगभग 198,000 एकड़) । आकाश धुंधला और मनहूस हो गया, और हवा भारी हो गयी──साँस लेने में कठिनाई होने लगी । किसान फ़ेलिसियानो इनगा ने एल कोमरसियो समाचार पत्र में उस दहला देनेवाले दृश्य का वर्णन किया : “हम नहीं जानते थे कि धूल कहाँ से आ रही थी . . . हमने आकाश को काला होते देखा और डर गए ।”
इस्राएली भी सीनै पर्वत के नीचे इसी प्रकार का डर अनुभव किये जब वे “उस पर्वत के नीचे खड़े हुए, और वह पहाड़ आग से धधक रहा था . .. और बादल और घोर अन्धकार छाया हुआ था” (व्यवस्थाविवरण 4:11) । परमेश्वर गरजा, और वे लोग कांप गए । यह भयानक था । यह विस्मयकारी था, और जीवित परमेश्वर का सामना करने के लिए दोनों घुटने जवाब दे रहे थे ।
तब यहोवा ने . . . बातें की,” और उनको “बातों का शब्द . . . सुनाई पड़ा परन्तु कोई रूप न दिखा” (पद.12) । जिस आवाज़ ने उनकी हड्डियों को बजा दी उसी ने जीवन और आशा दी । परमेश्वर ने इस्राएल को दस आज्ञाएँ दी और उनके साथ अपनी वाचा को नूतन किया । अँधेरे बादल में से आवाज़ ने उनको कंपा दी, लेकिन उनको आकर्षित किया और उनको दृढ़ता से प्यार किया ।
परमेश्वर सामर्थी है, हमारी पहुँच से बाहर है, और आश्चर्यजनक है । और इसके बावजूद प्रेम से भरपूर, हमेशा हम तक पहुँचनेवाला है । ऐसा परमेश्वर जो सामर्थी और प्रेमी दोनों ही है──यही वह है जो हमारी अनिवार्य आवश्यकता है ।
कब परमेश्वर के साथ सामना ने आपको घबड़ा दिया है? किस तरह उसने प्रेम भी संचारित किया?
हे परमेश्वर, कभी-कभी मैं आपके पास बहुत लापरवाही से आया, मैं बहुत बनावटी था । मेरे साथ आपके धैर्य और प्यार के लिए धन्यवाद ।