आदित और उसकी पत्नी, रेशमा, घर में एक तस्वीर लटकाने के लिए, क्राफ्ट स्टोर में घूमते रहे । आदित ने सोचा कि उसे सही वस्तु मिल गयी है और रेश्मा को इसे दिखाने के लिए उसे बुलाया । सिरेमिक शिल्पकृति के दाहिनी ओर शब्द अनुग्रह था । लेकिन बायीं ओर दो लम्बी दरारें थीं । “ये तो टूटा हुआ है!” रेशमा बोली जब वह शेल्फ पर एक अखंडित वस्तु ढूँढने लगी । लेकिन तब आदित ने कहा, “नहीं । यही तो बात है । हम सब टूटे हुए हैं और तब अनुग्रह पहुँचता है──अवधि में ।” उन्होंने दरारों के साथ वाला खरीदने का निर्णय लिया । जब वे भुगतान स्थल पर पहुंचे, दूकानदार बोला, “अरे नहीं, यह तो टूटा है!” “हाँ, हम भी,” रेश्मा फुसफुसाई ।
एक “टूटा” व्यक्ति होने का मतलब क्या है? किसी ने इसे इस तरह परिभाषित किया है : एक बढ़ती जागरूकता कि चाहे हम जितनी भी कोशिश कर लें, जीवन को बेहतर बनाने की हमारी क्षमता बेहतर के बजाय बदतर होती जाती है । यह ईश्वर के लिए हमारी ज़रूरत और हमारे जीवन में उसके हस्तक्षेप की मान्यता है ।
प्रेरित पौलुस ने इन शब्दों में हमारे टूटेपन के बारे में बात किया “अपने अपराधों और पापों के कारण मरे हुए” (इफिसियों 2:1) । क्षमा किए जाने और बदल दिए जाने की हमारी ज़रूरत का उत्तर पद. 4 और 5 में मिलता है : “परमेश्वर ने जो दया का धनी है, अपने उस बड़े प्रेम के कारण . . . हमें . . . जिलाया । अनुग्रह ही से [हमारा] उद्धार हुआ है ।”
परमेश्वर अपने अनुग्रह से हमारे टूटेपन को चंगा करना चाहता है जब हम स्वीकार करते हैं, “मैं टूटा हूँ ।”
कौन सी बात आपको आपके टूटेपन को चंगा करने की ज़रूरत के साथ परमेश्वर से मांगने के लिए पहुँचा दी? आज आपको उसकी ज़रूरत कैसे है?
हे परमेश्वर, मेरी लिए दया का धनी होने के लिए धन्यवाद! मैं विश्वास से अनुग्रह के द्वारा आप में और आपके उद्धार के दान में घमण्ड करूँ ।