2006 में, मेरे पिताजी को एक न्यूरोलॉजिकल(तंत्रिका सम्बन्धी) बिमारी का पता चला था, जिसने उनकी स्मृति, वाणी, और शरीर की गतिविधियों पर नियंत्रण छीन लिया । वह 2011 में शय्याग्रस्त(bedridden) हो गए और तब से मेरी माँ घर पर निरंतर उनकी देखभाल करती है । उनकी बिमारी का आरम्भ बहुत बुरा समय था । मैं भयभीत था : मैं एक बीमार व्यक्ति की देखभाल के बारे में कुछ नहीं जानता था, और मैं अपनी वित्तीय स्थिति और अपनी माँ की सेहत के विषय चिंतित था । 

विलापगीत 3:22 के शब्दों ने मुझे कई सुबह उठने में मदद की जब प्रकाश मेरे हृदय की स्थिति के समान निराशाजनक था : “हम मिट नहीं गए; यह यहोवा की महाकरुणा का फल है ।” “मिट नहीं गए” के लिए इब्री शब्द का अर्थ है “पूरी तरह से उपयोग हो जाना” या “अंत में पहुँच जाना ।”

ईश्वर का महान प्रेम हमें दिन का सामना करने के लिए उठने में सक्षम बनाता है । हमारे परीक्षण भारी लग सकते हैं, लेकिन हम उनके द्वारा नष्ट नहीं किए जाएंगे क्योंकि ईश्वर का प्यार कहीं अधिक है!

कई बार मैं यह याद कर सकता हूँ जब परमेश्वर ने मेरे परिवार के प्रति अपना वफादार, प्रेमपूर्ण तरीके दिखाए हैं । मैंने सम्बन्धियों और मित्रों की दयालुता, डॉक्टरों की समझदारी से परामर्श, वित्तीय प्रबंध, और हमारे हृदयों में याद दिलाने वाले कि──एक दिन──मेरे पिताजी फिर से स्वर्ग में सम्पूर्ण होंगे, इन बातों में उसका प्रावधान देखा ।  

यदि आप अँधेरे समय से गुज़र रहे हैं, तो उम्मीद मत खोइए । आप जिसका सामना करेंगे उससे आप भस्म नहीं होंगे । आप के लिए ईश्वर के वफादार  प्यार और प्रबंध पर भरोसा रखें ।