मनोवैज्ञानिक ने पंद्रह वर्षीय लड़की की “काटनेवाले उपकरण(cutter device)” पर ध्यान दिया──एक लम्बी आस्तीन वाली टी-शर्ट उसकी हाथ पर आधी खिंची हुई  थी जो आमतौर पर उन लोगों द्वारा उपयोग की जाती है जो खुद को नुक्सान पहुंचाते हैं । जब युवा लड़की ने अपने आस्तीन वापस खींच ली, तो लवीन यह देख कर घबरा गई  कि लड़की ने अपनी भुजा के अगले हिस्से में “खाली” गोदने के लिए एक उस्तुरा का उपयोग किया था । वह दुखी थी, लेकिन आभारी भी कि वह किशोरी गंभीर सहायता पाना चाहती थी जिसकी उसे ज़रूरत थी । 

किशोरी कुछ प्रकार से कई लोगों का प्रतिनिधित्व करती है जिन्होंने अपने हृदयों पर “खाली” उकेर लिये हैं । यूहन्ना ने लिखा कि यीशु खाली को भरने और “बहुतायत” का जीवन देने आया (यूहन्ना 10:10) । परमेश्वर ने सम्पूर्ण जीवन की अभिलाषा हर एक मानव में डाला, और वह लोगों को उसके साथ एक प्यार भरे रिश्ते का अनुभव करने की लालसा रखता है । लेकिन उसने उन्हें यह भी चेतावनी दी कि “चोर” लोगों, चीजों और परिस्थितियों का उपयोग करके उनके जीवन को नाश करने का प्रयास करेगा (पद.1,10) । हर एक ने जीवन देने के जो दावे किये हैं खोटा और एक नकल होगा । इसकी विरुद्ध, यीशु वास्तविक──”अनंत जीवन” देता है और यह प्रतिज्ञा कि “कोई [हमें उसके] हाथ से छीन न लेगा” (पद.28) । 

केवल यीशु हमारे हृदयों के खाली स्थानों को जीवन से भर सकता है । यदि आप खाली महसूस कर रहे हैं, आज ही उसके पुकारिए । और यदि आप गंभीर संघर्षों का अनुभव कर रहे हैं, ईश्वरीय परामर्श प्राप्त कीजिये । अकेले मसीह जीवन देता है जो बहुतायत का और सम्पूर्ण है──उसमें पाया जानेवाला अर्थपूर्ण जीवन ।