डाएट इमन नेदरलैंड्स की एक साधारण, शर्मीली युवती थी──प्यार में, काम करने में, और परिवार और दोस्तों के साथ समय का आनंद लेने वाली──जब 1940 में जर्मनी ने आक्रमण किया । जैसा कि डाएट (उच्चारित डीफ) ने बाद में लिखा, “जब आपके दरवाजे पर खतरा है, आप लगभग शुतुरमुर्ग की तरह रेत में अपना सर छिपाना चाहते हैं ।” फिर डाएट ने महसूस किया कि ईश्वर ने उसे जर्मन उत्पीड़कों का विरोध करने के लिए बुलाया है, जिसमें यहूदियों और अन्य लोगों के लिए छिपने के स्थानों को खोजने के लिए अपने जीवन को जोखिम में डालना शामिल है । यह बेबस युवती ईश्वर के लिए योद्धा बन गयी । 

हमें डाएट के समान बाइबल में कई कहानियाँ मिलती हैं, कहानियाँ जिसमें हम परमेश्वर को अविश्वसनीय प्रतीत होने वाले चरित्रों को अपनी सेवा में उपयोग करते हुए देखते हैं । उदहारण के लिए, जब प्रभु के दूत ने गिदोन से संपर्क किया, तो उसने घोषणा की, “हे शूरवीर सूरमा, यहोवा तेरे संग है” (न्यायियों 6:12) । फिर भी गिदोन शूरवीर के सिवा कुछ और प्रतीत हो रहा था । वह गुप्त रूप से मिद्यानियों की भेद लेनेवाली आँखों से दूर गेहूं झाड़ रहा था जिन्होंने दमनात्मक ढंग से इस्राएल को नियंत्रित कर रखा था (पद. 1-6, 11) । वह इस्राएल(मनश्शे) के सबसे कमज़ोर कुल और उसके घराने में “सबसे छोटा” (पद.15) था । उसने परमेश्वर के आह्वान को महसूस नहीं किया और कई संकेतों का अनुरोध भी किया । फिर भी परमेश्वर ने उसे क्रूर मिद्यानियों को पराजित करने के लिए इस्तमाल किया (देखें अध्याय 7) । 

परमेश्वर ने गिदोन को “शूरवीर” के रूप में देखा । और जिस तरह परमेश्वर गिदोन के साथ था और उसे सज्जित किया, उसी तरह ईश्वर हमारे──“उसके प्रिय बालकों”──साथ भी है, (इफिसियों 5:1)──हमारे जीने के लिए उसकी सेवा छोटे या बड़े तरीकों से करने के लिए हमारी समस्त आवश्यकताओं को पूरा कर रहा है ।