मैं एक दक्षिणी बैपटिस्ट उपदेशक के पहलौठे पुत्र के रूप में पला-बढ़ा हूं। हर रविवार को उम्मीद स्पष्ट थी : मुझे चर्च में रहना था। संभावित अपवाद? शायद अगर मुझे तेज बुखार होता। लेकिन सच्चाई यह है कि, मुझे जाना बहुत पसंद था, और मैं कई बार बुखार में भी गया। लेकिन दुनिया बदल गई है, और चर्च में नियमित उपस्थिति पहले की तरह नहीं है। बेशक, त्वरित सवाल यह है कि क्यों? उत्तर कई और विविध हैं। लेखक कैथलीन नॉरिस ने उन उत्तरों को एक पासबान से प्राप्त प्रतिक्रिया के साथ सामना करते हुए कहा, “हम चर्च क्यों जाते हैं?” उन्होंने कहा, “हम अन्य लोगों के लिए चर्च जाते हैं। क्योंकि वहां किसी को आपकी जरूरत हो सकती है।”

अब किसी भी तरह से हमारे चर्च जाने का एकमात्र कारण है यह नहीं है, लेकिन उसकी प्रतिक्रिया इब्रानियों के लिए लेखक के दिल की धड़कन के साथ प्रतिध्वनित होती है। उसने विश्वासियों को विश्वास में बने रहने के लिए आग्रह किया, और उस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उसने “एक दूसरे के साथ इकठ्ठा होना न [छोड़ने]” पर जोर दिया (इब्रानियों 10:25)। क्यों? क्योंकि हमारी अनुपस्थिति में कुछ महत्वपूर्ण छूट जाएगा : “एक दूसरे को समझाते रहें” (पद 25)। हमें “प्रेम और भले कामों में उकसाने के लिए” आपसी प्रोत्साहन की आवश्यकता है (पद 24)।

भाइयों-बहनों, मिलते रहें, क्योंकि वहाँ किसी को आपकी आवश्यकता हो सकती है। और संगत सच्चाई यह है कि आपको उनकी भी आवश्यकता हो सकती है।