1952 में, एक दुकान में अनाड़ी या लापरवाह लोगों को सामान तोड़ने से रोकने के प्रयास में, एक दुकान मालिक ने एक संकेत पोस्ट किया जिसमें लिखा था: “आप इसे तोड़ते हैं, आप इसे खरीदते हैं।” आकर्षक वाक्यांश ने ग्राहकों के लिए चेतावनी का काम किया। इस तरह के संकेत अब कई बुटीक/वस्त्रालय में देखे जा सकते हैं।
विपरीततया एक असली कुम्हार की दुकान में एक अलग चिन्ह लगाया जा सकता है। यह कहेगा : “यदि आप इसे तोड़ते हैं, तो हम इसे कुछ बेहतर बना देंगे।” और ठीक यही यिर्मयाह 18 में प्रकट है।
यिर्मयाह एक कुम्हार के घर जाता है और देखता है कि कुम्हार अपने हाथों से “विकृत” मिट्टी को आकार दे रहा है, सावधानी से सामग्री को संभाल रहा है और उसका “दूसरा बर्तन” बना रहा है (पद 4)। भविष्यवक्ता हमें याद दिलाता है कि परमेश्वर वास्तव में एक कुशल कुम्हार है, और हम मिट्टी हैं। वह सर्वशक्तिमान है और वह जो कुछ भी बनाता है उसका उपयोग बुराई को नष्ट करने और हममें सुंदरता पैदा करने अर्थात् दोनों के लिए कर सकता है।
परमेश्वर हमें तब भी आकार दे सकता है जब हम विकृत हैं या टूट गए हैं । वह, कुशल कुम्हार, हमारे टूटे हुए टुकड़ों से नए और कीमती मिट्टी के बर्तन बनाने के लिए तैयार है। परमेश्वर हमारे टूटे हुए जीवन, गलतियों और पिछले पापों को अनुपयोगी सामग्री के रूप में नहीं देखता है। इसके बजाय, वह हमारे टुकड़ों को उठाता है और उन्हें वैसा ही नया आकार देता है जैसा वह सबसे अच्छा देखता है।
हमारे टूटेपन में भी, हमारे सिद्ध कुम्हार के लिए हमारी बहुत उपयोगिता है। उसके हाथों में, हमारे जीवन के टूटे हुए टुकड़े सुंदर बर्तन में बदले जा सकता हैं’ जिनका उपयोग उसके द्वारा किया जा सकता है (पद 4)।
परमेश्वर एक कुम्हार है जो आपके टूटे हुए टुकड़ों से कुछ नया बना सकता है, यह जानने में आपको क्या सुकून मिल सकता है? आप कैसे आराम कर सकते हैं जब कुम्हार आपको एक सुंदर बर्तन में बदल देता है?
परमेश्वर, आप कुम्हार हैं और मैं मिट्टी। मुझे अपनी इच्छानुसार ढालें। मुझे याद दिलाएं कि मैं आपके कुशल और देखभाल करने वाले हाथों में हूँ।