विक्टर धीरे–धीरे अश्लील वीडियो देखने का आदी हो गया। उसके बहुत सारे मित्र अश्लील वीडियो देखते थे और क्योंकि वह ऊबा हुआ था  इसलिये वह भी इसका आदी हो गया था। पर अब उसे समझ आया कि यह कितना गलत था,उसने परमेश्वर के विरुद्ध पाप किया था,और  उसकी पत्नी उसकी इस आदत से बिल्कुल टूट चुकी थी। उसने अपने जीवन को बचाने  की कसम खाईए ताकि वह उसकी ओर दुबारा न देखे। वह अभी भी डरता है की बहुत देर हो चुकी है। क्या उसकी शादी बचाई जा सकती है? क्या वह कभी स्वतंत्र हो पायेगा और पूरी तरफ से माफ़ी प्राप्त कर पायेगा?

हमारा शत्रु शैतान परीक्षा को ऐसे प्रस्तुत करता है जैसे की यह कोई बड़ी बात नहीं। सब कोई तो कर रहे हैं।  इसमें नुकसान क्या है? लेकिन जिस क्षण हम उसके योजना को पकड़ लेते है वह अपना रास्ता बदल देता है। आप सोचते हैं कि बहुत देर हो चुकी! आप ज्यादा दूर निकल चुके! अब कोई आशा नहीं है!  

जब हम आत्मिक युद्ध में संग्लन होते हैं, शत्रु हमें हराने के लिए कुछ भी कह सकता है। यीशु ने कहा  “वह तो आरम्भ से हत्यारा है, और सत्य पर स्थिर न रहा, क्योंकि सत्य उस में है ही नहीं जब वह झूठ बोलता, तो अपने स्वभाव ही से बोलता हैय क्योंकि वह झूठा है, वरन झूठ का पिता है।” (यूहन्ना8:44)

यदि शैतान झूठा है तो हमें उसकी कभी नहीं सुनना चाहिए। जब वह कहता है कि हमारा पाप कोई बड़ी बात नहीं है, तब नहीं  सुनना चाहिए और तब नहीं जब वह कहता है कि हम आशा हीन हैं। यीशु हमें शैतान के शब्दों को खारिज करने और उसके बजाय उनकी सुनने में मदद करें। हम उसके वायदों पर अपने दिल से निर्भर करते हैं।  “यदि तुम मेरे वचन में बने रहोगे तो सचमुच मेरे चेले ठहरोगे, और सत्य को जानोगे, और सत्य तुम्हें स्वतंत्र करेगा।” (पद31.32)