1799 में 12 साल के कोनार्ड रीड ने अपने परिवार के छोटे खेत से होकर बहती  हुई नदी में एक बड़ा, चमचमाता पत्थर पाया। वह अपने पिता, एक गरीब अप्रवासी किसान, को दिखाने घर लेकर गया । उसके पिता ने उस पत्थर के संभावित मूल्य को नहीं समझा। और उसे दरवाजा रोकने के लिए इस्तेमाल किया। वह परिवार वर्षों तक उस पत्थर के आस पास चलता रहा। 

कोनार्ड का पत्थर वास्तव में एक 17पौंड सोने का डला था । एक स्थानीय जौहरी ने उसे देखा जल्द ही वह रीड परिवार अमीर हो गया, और उनकी संपत्ति अमेरिका में पहला प्रमुख गोल्डस्ट्राइक का स्थल बना।

कभी–कभी हम अपनी योजनाओं और तरीकों के इरादे से एक आशीष से आगे बढ़ते हैं। परमेश्वर की अवज्ञा करने के कारण इस्राएल को बाबुल में निर्वासित किए जाने के बाद, उसने एक बार फिर उनके लिए स्वतंत्रता की घोषणा की। लेकिन उसने उन्हें यह भी याद दिलाया कि वे क्या चूक गए थे। उसने उनसे कहा, “मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूं, जो तुम्हें सिखाता है कि तुम्हारे लिए सबसे अच्छा क्या है, जो तुम्हें उस मार्ग पर ले जाता है जिस पर तुम्हें चलना चाहिए। यदि तूने मेरी आज्ञाओं पर ध्यान दिया होताए तो तेरी शान्ति नदी के समान, तेरा कल्याण समुद्र की लहरोंके समान होता।” फिर परमेश्वर ने उन्हें पुराने तौर–तरीकों से दूर एक नए जीवन में अपने पीछे चलने के लिए प्रोत्साहित कियार, “बाबुल को छोड़ दो — जयजयकार करते हुए इसकी घोषणा करो” (यशायाह 48:17–18, 20) ।

बाबुल छोड़ने का, शायद जो उस समय मतलब था, अब भी वही है,— पापमय मार्गों को छोड़ना, और एक ऐसे परमेश्वर के पास “घर आना” जो हमारे लिये अच्छा करने के लिए तरसता है, यदि केवल हम उसकी आज्ञा का पालन करें और उसका अनुसरण करें!