उसकी लालसा करो
ऐसा क्यों है कि जब हम कहते है यह आखिरी आलू चिप्स है जो मैं खाने जा रहा हूँ। और पांच मिनट बाद हम और खोज रहे होते हैं? माइकल मोस इस सवाल का जवाब अपने किताब साल्ट सुगर फैट में देते हैं। वह बताते है कि कैसे अमेरिका का सबसे बड़ा नाश्ता उत्पादक लोगों को जंकफ़ूड की लालसा पैदा करने में “मदद” करना जानता है। वास्तव में, एक लोकप्रिय कंपनी ने एक वर्ष में $30 मिलियन (लगभग ₹222 करोड़) खर्च किए और उपभोक्ताओं के लिए आनंद की स्थिति निर्धारित करने के लिए “लालसा सलाहकार” को काम पर रखा ताकि हमारे भोजन की लालसा का फायदा उठा सके।
उस कम्पनी के विपरीत यीशु हमें असली खाने की लालसा पैदा करने के लिए मदद करता है—आत्मिक भोजन—जो हमारी आत्माओं को संतुष्टि लाता है। उसने कहा “जीवन की रोटी मैं हूं जो मेरे पास आएगा वह कभी भूखा न होगा और जो मुझ पर विश्वास करेगाए वह कभी प्यासा न होगा।” (यूहन्ना 6:35)। यह दावा करके उन्होंने दो महत्वपूर्ण बातों को बताया— पहला, जिस रोटी की उन्होंने बात की वह एक व्यक्ति है, न की वस्तु (पद 32)। दूसरा, जब लोग पापों के क्षमा के लिए अपना भरोसा यीशु पर डालते है, वे उसके साथ एक सही रिश्ते में प्रवेश करते है और अपनी आत्मा की हर लालसा की भरपूरी पाते है। यह रोटी चिरस्थायी है, आत्मिक भोजन जो संतुष्टि और जीवन की ओर ले जाता है।
जब हम अपना भरोसा यीशु, स्वर्ग की सच्ची रोटी, पर डालते है, हम उसकी लालसा करेंगे, वह हमें शक्तिशाली बनाएगा और हमारे जीवनों को परिवर्तित करेगा।
असाधारण साहस
1478 में इटली के फ्लोरेंस के शासक लोरेंजो डी मेडिसी अपने जीवन पर हमले से बच गए। उनके देशवासियों ने उस समय युद्ध छेड़ दिया जब उन्होंने अपने नेता पर हमले के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करने की कोशिश की। जैसे–जैसे स्थिति बिगड़ती गई नेपल्स के क्रूर राजा फेरेंटे लोरेंजो के दुश्मन बन गए, लेकिन लोरेंजो के एक साहसी कार्य ने सब कुछ बदल दिया। वह निहत्थे और अकेले राजा के पास गया। उनकी बहादुरी ने, उनके आकर्षण और प्रतिभा के साथ मिलकर फेरांटे की प्रशंसा जीती और युद्ध को समाप्त कर दिया।
दानिय्येल ने भी एक राजा को हृदय परिवर्तन का अनुभव कराने में मदद की। बाबुल में कोई भी राजा नबूकदनेस्सर के परेशान करने वाले सपने का वर्णन या व्याख्या नहीं कर सकता था। इससे वह इतना क्रोधित हो गया कि उसने अपने सभी सलाहकारों को मारने का फैसला किया जिसमें दानिय्येल और उसके दोस्त भी शामिल थे। परन्तु दानिय्येल ने उस राजा से भेंट करने को कहा जो उसे मरवाना चाहता था (दानिय्येल 2:24)।
नबूकदनेस्सर के सामने खड़े होकर, दानिय्येल ने स्वप्न के रहस्य को प्रकट करने का सारा श्रेय परमेश्वर को दिया (पद 28)। जब भविष्यवक्ता ने इसका वर्णन और व्याख्या की, तो नबूकदनेस्सर ने“ ईश्वरों का ईश्वर और राजाओं के यहोवा का सम्मान किया” (पद 47)। दानिय्येल के असाधारण साहस, जो परमेश्वर में उसके विश्वास से पैदा हुआ था, ने उसे, उसके दोस्तों और अन्य सलाहकारों को उस दिन मृत्यु से बचने में मदद की।
हमारे जीवन में ऐसे समय होते हैं जब महत्वपूर्ण संदेशों को संप्रेषित करने के लिए बहादुरी और साहस की आवश्यकता होती है। प्रमेश्वर हमारे शब्दों का मार्गदर्शन करें और हमें यह जानने की बुद्धि दें कि क्या कहना है और इसे अच्छी तरह से कहने की क्षमता दे।
भीषण संघर्ष
896 में कार्ल एकली नाम के एक खोजकर्ता ने खुद को इथियोपिया के एक सुदूर हिस्से में पाया, जिसका पीछा अस्सी पाउंड के तेंदुए ने किया था। उसे याद आया कि तेंदुआ उछल रहा था, “अपने दाँत मेरे गले में डालने की कोशिश कर रहा था।” पर वह चूक गई, उसने अपने खतरनाक जबड़ों से उसका दाहिना हाथ पकड लिया। दोनों रेत में लुढ़क गए—एक लंबा, भयंकर संघर्ष। एकली कमजोर पड़ गया, और अब यह सवाल पैदा हो गया कि कौन पहले हार मान लेगा। अपनी आखिरी ताकत को समेटते हुए एकली अपने नंगे हाथों से उस बड़ी बिल्ली का दम घोंटने में सक्षम हुआ।
प्रेरित पौलुस ने समझाया कि कैसे हम में से प्रत्येक जो यीशु में विश्वास करते हैं अनिवार्य रूप से अपने भयंकर संघर्षों का सामना करते हैं,जहाँ हम अभिभूत महसूस करते हैं और आत्मसमर्पण करने के लिए प्रलोभित होते हैं। इसके बजाय, हमें अपने शैतान की युक्तियों के साम्हने खड़े और दृढ़ बने रहना चाहिए (इफिसियों 6:11,14)। जब हम अपनी कमजोरी और संवेदनशीलता को पहचानते हैं तो डरने या टूटने के बजाय पौलुस ने हमें विश्वास में आगे बढ़ने के लिए चुनौती दी, यह याद करते हुए कि हम अपने साहस और ताकत पर नहीं बल्कि परमेश्वर पर भरोसा करते हैं। “यहोवा में और उसके पराक्रम में बलवन्त बनो” (पद 10)। जिन चुनौतियों का हम सामना करते हैं, उनमें वह केवल एक प्रार्थना दूर है (पद 18)।
हां, हमारे पास कई संघर्ष हैं, और हम अपनी शक्ति या चतुरता से उनसे कभी नहीं बचेंगे। लेकिन परमेश्वर किसी भी शत्रु या बुराई से अधिक शक्तिशाली है जिसका हम कभी भी सामना करेंगे।
ब्रह्मांड के साथ छेड़ छाड़
1980 के दशक की शुरुआत में, एक प्रमुख खगोलशास्त्री, जो ईश्वर में विश्वास नहीं करता था, ने लिखा, “तथ्यों की एक सामान्य ज्ञान व्याख्या से पता चलता है कि एक सुपर बुद्धि ने भौतिकी के साथ साथ रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के साथ छेड़ छाड की है।” इस वैज्ञानिक की नज़र में सबूतों से पता चलता है कि ब्रह्मांड में हम जो कुछ भी देखते हैं, उसे किसी चीज़ ने डिज़ाइन किया था। उन्होंने कहा, “प्रकृति में बोलने लायक कोई अंधी ताकत नहीं है।” दूसरे शब्दों में, हम जो कुछ भी देखते हैं वह ऐसा लगता है जैसे किसी ने इसकी योजना बनाई थी। और फिर भी, खगोलशास्त्री नास्तिक बना रहा।
3000 साल पहले, एक और बुद्धिमान व्यक्ति ने असमान देखा और एक अलग निष्कर्ष निकाला। “जब मैं आकाश को जो तेरे हाथों का कार्य है, और चंद्रमा और तारागण को जो तू ने नियुक्त किए हैं, देखता हूं, तो फिर मनुष्य क्या है कि तू उसका स्मरण रखे, और आदमी क्या है कि तू उसकी सुधि ले?” दाऊद ने आश्चर्य किया (भजन संहिता 8:3–4)
फिर भी परमेश्वर हमारी बहुत परवाह करता है।ब्रह्मांड अपने बुद्धिमान डिज़ाइनर की कहानी कहता है, वह उत्तम बुद्धि जिसने हमारे मन को बनाया और हमें उसके कामों पर विचार करने के लिए यहाँ रखा। यीशु और उसकी सृष्टि के द्वारा, परमेश्वर को जाना जा सकता है। पौलुस ने लिखा, “वह तो (मसीह) सारी सृष्टि में पहिलौठा है, स्वर्ग की हो अथवा पृथ्वी की सारी वस्तुएं उसी के द्वारा और उसी के लिये सृजी गई हैं” (कुलिस्सियों 1:15–16)।
ब्रह्मांड के साथ वास्तव में छेड छाड की गई। बुद्धिमान डिज़ाइनर की पहचान वहाँ की खोज करने के इच्छुक किसी भी व्यक्ति द्वारा खोजी जा सकती है।
पश्चाताप का उपहार
“नहीं! मैंने उसे नहीं किया!” जेन ने अपने किशोर बेटे को इन्कार करते हुये बहुत उदास मन से सुनाए क्योंकि वह जानती थी वह सच नहीं बोल रहा था। फिर से साइमन से पूछने से पहले कि क्या हुआ था, उसने परमेश्वर से मदद के लिए प्रार्थना की। साइमन ने इनकार करना जारी रखा।अंत में निराश होकर वह बाहर जाने लगी जब उसने अपने कंधे पर एक हाथ महसूस किया और साइमन की क्षमा याचना सुनी। उसने पवित्र आत्मा के दोषी ठहराए जाने का उत्तर दिया और पश्चाताप किया।
पुराने नियम की योएल की पुस्तक में, परमेश्वर ने अपने लोगों को उनके पापों के लिए सच्चे पश्चाताप के लिए बुलाया क्योंकि उसने पूरे मन से अपने पास लौटने के लिए उनका स्वागत किया (2:12)। परमेश्वर ने पछतावे के बाहरी कृत्यों की तलाश नहीं की, बल्कि यह कि वे अपने कठोर रवैये को नरम कर देंगे, “अपना हृदय फाड़ोए न कि अपने वस्त्र।” योएल ने इस्राएलियों को याद दिलाया कि “परमेश्वर अनुग्रहकारी और दयालु, विलम्ब से कोप करने वाला, और अति प्रेम करने वाला है” (पद 13)।
हमें अपने गुनाहों को कबूल करना कठिन लग सकता है, क्योंकि हम अपने घमंड में अपने पापों को मानना नहीं चाहते। शायद हमने सच्चाई को ठगा है, और हम अपने कर्मों को यह कहते हुए सिद्ध करते हैं की यह केवल “थोड़ा सफेद झूठ” था। पर जब हम परमेश्वर के कोमल पर दृढ़ पश्चाताप की प्रेरणा को ध्यान देते है वह हमें क्षमा करेगा और हमारे सारे अधर्मों से शुद्ध करेगा (1 यूहन्ना 1रू9)। हम अपराध बोध और शर्म से आजाद हो सकते हैं,यह जानते हुए की हम क्षमा किए गये हैं ।