अपने कॉलेज के वर्षों के दौरान अपनी पहली अंशकालिक (पार्ट टाइम) नौकरी में, मैंने महिलाओं के कपड़ों की एक दुकान में काम किया, जहां एक महिला सुरक्षा गार्ड एक खरीददार के रूप में कपड़े पहन कर उन महिलाओं का पीछा करती थी जिन पर माल चुराने का संदेह था। कुछ लोग उन लोगों के प्रोफाइल फिट करते हैं जो स्टोर मालिकों के विचार से संदिग्ध थे। दूसरों को खतरा नहीं माना जाता था, इसलिये उन पर ध्यान नहीं दिया जाता था। मुझे स्वयं स्टोर में प्रोफाइल किया गया है और मेरा भी पीछा किया गया है, यह एक दिलचस्प अनुभव है क्योंकि मैं अभी भी कार्यनीति को पहचानती हूं।

इसके ठीक विपरीत, दाउद ने घोषणा की कि उसके पीछे एक ईश्वरीय आशीष है– परमेश्वर की भलाई और करुणा। परमेश्वर के ये दोनों वरदान हमेशा उसके साथ रहते हैं, शक से नहीं बल्कि सच्चे प्यार से उसका पीछा करते हैं। “जुड़वां रक्षक स्वर्गदूत” जैसा कि इंजीलवादी चार्ल्स स्पर्जन ने इन दोनों वरदानों का वर्णन किया है, अच्छे और बुरे दिनों में ये विश्वासियों का बहुत नज़दीकी से अनुगमन करती हैं – सर्दियों के नीरस दिन और साथ ही गर्मियों के उज्ज्वल दिन। भलाई हमारी आवश्यकताओं की पूर्ति करती है, और करुणा हमारे पापों को मिटा देती है।

एक समय के चरवाहे के रूप में, दाउद ने भलाई और करुणा के इस इरादतन बने जोड़े को समझ लिया क्योंकि  यह परमेश्वर द्वारा प्रदान किया गया है। अन्य चीजें भी विश्वासियों का अनुगमन कर सकती हैं—भय, चिंता, प्रलोभन, संदेह। लेकिन निश्चित रूप से, दाउद निस्संदेह निश्चितता के साथ घोषणा करता है, परमेश्वर की दयालुता और प्रेमपूर्ण दया हमेशा हमारे पीछे आती है।

जैसा कि दाऊद आनन्दित होता है, “निश्चय तेरी भलाई और प्रेम जीवन भर मेरे पीछे पीछे रहेगा, और मैं यहोवा के भवन में सर्वदा वास करूंगा” (भजन संहिता23:6)। हमारे घर आने के लिए अनुगमन करने का क्या ही अद्भुत वरदान है!