मंगल और बृहस्पति के बीच के ग्रहपथ में खरबों और खरबों डॉलर का एक क्षुद्रग्रह तेज़ी से गुज़रता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि १६ साइके(क्षुद्रग्रह) में सोना, लोहा, निकल और प्लैटिनम जैसी धातुएं हैं, जिनकी कीमत अथाह है। अभी के लिए, पृथ्वीवासी इस समृद्ध संसाधन का खनन करने का प्रयास नहीं कर रहे हैं, लेकिन संयुक्त राज्य अमेरिका मूल्यवान चट्टान की छानबीन करने के लिए एक जांच भेजने की योजना बना रहा है।

लेकिन उस धन की संभावना के बारे में क्या जो हमारी पहुँच के भीतर है? क्या हर कोई इसके लिए नहीं जाएगा? रोम की पहली सदी की कलीसिया को लिखते हुए, प्रेरित पौलुस ने प्राप्य धन के बारे में बात की—जो हम परमेश्वर के साथ अपने संबंध में पाते हैं। उन्होंने लिखा, “ओह, परमेश्वर का धन और बुद्धि और ज्ञान क्या ही गंभीर है!” (रोमियों ११:३३)।बाइबल विद्वान जेम्स डेनी  इस धन को इस तरह वर्णित करते है कि “प्रेम का अगम्य धन जो परमेश्वर को सक्षम करता है . . . दुनिया की [बड़ी ज़रूरतों] को पूरा करने से भी कहीं अधिक।”

क्या हमें इसकी आवश्यकता नहीं है – कुछ दूर के क्षुद्रग्रह से सोने की डली से भी ज्यादा? पवित्र आत्मा की सहायता द्वारा हम परमेश्वर के ज्ञान और बुद्धि के धन को प्राप्त कर सकते हैं जो पवित्रशास्त्र में मिलते है । परमेश्वर हमें इस धन को खोदने और उसे और अधिक जानने और संजोने के लिए अगुवाई करे।