चेतावनी की ध्वनि
आपका करैत साँप(रैटटल स्नेक/rattle-snake) से कभी निकट से सामना हुआ है? यदि हाँ, तो आपने देखा होगा कि जैसे-जैसे आप करैत साँप के निकट जाते हैं, खड़खड़ाहट की आवाज़ और तेज हो जाती है l शोध बताता है कि जब कोई खतरा आ रहा होता है तो साँप अपनी खड़खड़ाहट का वेग बढ़ा देते हैं l यह “उच्च आवृत्ति मोड(हाई फ्रिकुएंसी मोड/ high frequency mode)” के कारण हम यह सोचने लगते है कि वे जितना निकट सुनाई दे रहा हैं उससे भी अधिक निकट हैं l जैसे कि एक शोधकर्ता ने कहा, “श्रोता द्वारा दूरी की गलत व्याख्या . . . दूरी सुरक्षा अंतर(डिस्टेंस सेफ्टी मार्जिन/distance safety margin) उत्पन्न करता है l”
लोग कभी-कभी कठोर शब्दों के साथ तेज आवाज़ का उपयोग करते हैं जो झगड़े के दौरान दूसरों को दूर धकेलते हैं—क्रोध दर्शाना और चीख का सहारा लेना l नीतिवचन का लेखक ऐसे समय के लिए कुछ बुद्धिपूर्ण परामर्श साझा करता है : “कोमल उत्तर सुनने से गुस्सा ठंडा होता है, परन्तु कटुवचन से क्रोध भड़क उठता है” (नीतिवचन 15:1) l वह आगे कहता है कि “शांति देनेवाली” और “बुद्धिपूर्ण” शब्द “जीवन-वृक्ष” है और वे “ज्ञान फैलाते हैं” (पद.4,7) l
यीशु ने बुनियादी ज्ञान/अंतर्दृष्टि प्रदान की है कि जिनके साथ हमारा टकराव/झगड़े की स्तिथि उत्पन्न होती है उनसे नम्रता से आग्रह करने के लिए: ताकि प्रेम का विस्तार करते हुए हम उसकी संतान के रूप में प्रकट होI (मत्ती 5:43-45) और सुलह/मेल करने की तलाश—“[उन्हें राज़ी कर लेना]” (18:15) l और जैसे परमेश्वर अपनी आत्मा के द्वारा हमारा मार्गदर्शन करता है झगड़े के दौरान अपनी आवाज़ तेज करना या निर्दयी/कठोर शब्दों का उपयोग करने के स्थान पर, हम दूसरों को सभ्यता, ज्ञान और प्रेम दिखाएँI
एक गर्म भोजन
बारबेक्यू चिकन, हरी बीन्स, पास्ता, ब्रेड l अक्टूबर के एक ठन्डे दिन पर, लगभग चौवन(54) बेघर लोगों ने जीवन के चौवन वर्ष का जश्न मनाने वाली एक स्त्री से यह गरमा-गर्म भोजन प्राप्त किया l उस स्त्री ने अपने जन्मदिन पर अपने साथियों के साथ एक रेस्टोरेंट में सामान्य तौर पर जन्मदिन का भोजन न खाकर उसके स्थान पर भोजन बनाकर शिकागो की सड़कों पर के लोगों के लिए परोसा l सोशल मीडिया पर, उसने दूसरों को जन्मदिन के उपहार के रूप में दयालुता का एक अनियत कार्य करने को कहा l
यह कहानी मुझे मत्ती 25 में यीशु के शब्दों की याद दिलाती है: मैं तुम से सच कहता हूँ कि तुमने जो मेरे इन छोटे से छोटे भाइयों (और बहनों) में से किसी एक के साथ किया, वह मेरे ही साथ किया” (पद.40) l यह घोषणा करने के बाद कि उसकी भेड़ें उस अनंत राज्य में अपना मीरास पाने के लिए आमंत्रित की जाएंगी, उसने ये शब्द कहे (पद.33,34) l उस वक्त, यीशु यह मान लेगा कि यही वे लोग हैं जिन्होंने उसे भोजन खिलाया और उसे कपडे पहनाए क्योंकि वे उसमें अपना असली विश्वास रखे थे (उन अहंकारी धार्मिक लोगों के विपरीत जो उसपर विश्वास नहीं करते थे (देखें 26:3-5) l यद्यपि “धर्मी लोग” पूछेंगे कि कब उन्होंने यीशु को भोजन खिलाया और उसे कपड़े पहनाए (25:37), वह उन्हें आश्वस्त करेगा कि जो उन्होंने दूसरों के लिए किया वही उसके लिए भी किया था (पद.40) l
भूखे को खाना खिलाना केवल एक तरीका है जिससे परमेश्वर अपने लोगों की देखभाल करने में हमारी सहायता करता है— जिससे की हम उसके लिए अपना प्रेम और उसके साथ अपना सम्बन्ध दर्शा सकें l आज हमें दूसरों की ज़रूरतों को पूरा करने में वह हमारी मदद करे l
मेरे संग चलें
कुछ साल पहले, एक लोकप्रिय गीत सबसे अधिक हिट (प्रसिद्ध) हुआ, जिसमें सुसमाचार संगीत मण्डली(choir) ने एक वृन्दगान (कोरस/chorus) गाया, “यीशु मेरे साथ चलता है(Jesus walks with me) l” इस गीत के पीछे एक जबरदस्त कहानी है l
इस संगीत मण्डली का आरम्भ जैज़ संगीतकार(Jazz Musician) कर्टिस लुंडी ने किया था जब उन्होंने कोकीन(नशीला पदार्थ) की लत के लिए एक उपचार कार्यक्रम में प्रवेश किया था l उन्होंने साथी व्यसनियों(अडिक्टस/addicts) को एक साथ आकर्षित किया और एक पुराने भजन से प्रेरणा पाते हुए, उन्होंने उस कोरस को पुनर्वसन(रिहेब/rehab) में उन लोगों के लिए आशा के एक गीत के रूप में लिखा l “हम अपने जीवन के लिए गा रहे थे,” एक गाना बजानेवाले ने इस गीत के बारे में कहा l “हम यीशु से हमें बचाने के लिए कह रह थे, ताकि हमें नशीले पदार्थों से बाहर निकलने में सहायता मिले l” एक अन्य ने पाया कि जब उसने गाना गाया तो उसका पुराना दर्द कम हो गयाl उस गाने को गानेवाले सिर्फ एक कागज़ पर लिखे शब्द नहीं गा रहे थे बल्कि छुटकारे के लिए अधीरता/उतावलेपन से प्रार्थना कर रहे थे l
आज का बाइबल पाठ उनके अनुभव का बखूबी वर्णन करता है l मसीह में, हमारा परमेश्वर सभी लोगों को उद्धार देने के लिए प्रकट हुआ है (तीतुस 2:11) l जबकि अनंत जीवन इस उपहार का हिस्सा है (पद.13), परमेश्वर अब हम पर कार्य कर रहा है, हमें आत्म-संयम प्राप्त करने के लिए, सांसारिक वासनाओं को इंकार या ना कहने के लिए,और हमें उसके साथ जीवन के लिए छुट्कारा पाने के लिए सशक्त कर रहा हैI पद.12, 14) l जैसे कि गायक मंडली ने पाया, यीशु न केवल हमारे पापों को क्षमा करता है—वह हमें विनाशकारी जीवन शैली से भी मुक्त करता है l
यीशु मेरे साथ चलता है l और आपके साथ भी l और जब कोई भी उससे सहायता मांगता है l भविष्य के लिए आशा और उद्धार देने के लिए, वह अभी, इसी समय हमारे साथ है l
बहत सुन्दर
मैं बहुत छोटा था जब मैं एक हॉस्पिटल की नर्सरी(छोटे बच्चों के लिए बनाया गया स्थान) की खिड़की से झांककर पहली बार एक नवजात शिशु को देखा l अपनी अज्ञानता में, मैं उस नन्हे, झुर्रीदार,बिना बाल के, शंख के आकार के सिर वाले उस छोटे बच्चे को देखकर निराश हो गया था l हालाँकि, हमारे पास खड़ी बच्चे की माँ, सभी से पूछना बंद न कर सकी, “वह कितना खुबसूरत है न?” मुझे वह पल याद आ गया जब मैंने एक युवा पिता को अपनी बच्ची के लिए “तुम बहुत सुन्दर हो(यू आर सो बीयूटिफ़ुल/ You Are So Beautiful)” गीत गाते हुए एक विडिओ देखा l अपने भावविभोर डैडी के लिए—वह नन्ही बच्ची अब तक की रची गई सबसे खुबसूरत चीज़ थी l
क्या परमेश्वर भी हमें इसी तरह देखता है? इफिसियों 2:10 कहता है कि हम उसके “बनाए हुए हैं”—उसकी श्रेष्ठ रचना l अपनी असफलताओं से अवगत, हमारे लिए यह स्वीकार करना कठिन हो सकता है कि वह हमसे कितना प्रेम करता है या यह विश्वास करना कि हम भी कभी उसके लिए मूल्यवान हो सकते हैं l परन्तु परमेश्वर हमसे इसलिए प्रेम नहीं करता क्योंकि हम उसके प्रेम के योग्य हैं (पद.3-4); वह हम से इसलिए प्रेम करता है क्योंकि वह स्वयं प्रेम है (1 यूहन्ना 4:8) l उसका प्रेम अनुग्रह का कारण है, और उसने इसकी गहराई को तब दिखाया जब, यीशु के बलिदान के द्वारा, उसने हमें उसमें जीवित किया जब हम अपने पापों में मरे हुए थे (इफिसियों 2:5,8) l
परमेश्वर का प्रेम अस्थिर नहीं है l यह निरंतर/स्थायी है l वह दोषियों को, टूटे हुओं को, जो निर्बल हैं और वह जो गड़बड़ी/भारी भूल कर देते हैं उनसे भी प्रेम करता है l जब हम गिरते हैं, वह हमें उठाने के लिए वहां उपस्थित है l हम उसकी निधि हैं, और हम उसके लिए अति सुन्दर हैं l