मेरी सहेली सूज़ी और मैं समुद्र तट के कुछ शिलाखंडों पर बैठकर, समुद्र के झाग को धनुषाकार छल्ले उछालते हुए देख रहे थे l एक के बाद एक लहरों को लौटकर चट्टानों से टकराते हुए देखकर, सूज़ी बोल पड़ी, “मुझे समुद्र से प्यार हैl वह गतिमान रहता है इसलिए मुझे ज़रूरत नहीं! 

क्या यह दिलचस्प नहीं है कि हममें से कुछ महसूस करते हैं कि हमें अपने काम से विश्राम करने के लिए “अनुमति” की ज़रूरत होती है? और बिल्कुल यही है जो हमारा अच्छा परमेश्वर हमें प्रदान करता है! छह दिनों तक, परमेश्वर ने प्रकाश, भूमि, वनस्पति, जानवरों और मनुष्यों को बनाकर पृथ्वी को अस्तित्व में लाया l फिर सातवें दिन, परमेश्वर ने विश्राम किया (उत्पत्ति 1:31-2:2) दस आज्ञाओं में, परमेश्वर ने उसका सम्मान करने के लिए स्वस्थ जीवन के लिए अपने नियमों को सूचीबद्ध किया (निर्गमन 20:3-17) जिसमें सब्त को विश्राम के दिन के रूप में याद रखने की आज्ञा शामिल है (पद.8-11) नए नियम में हम यीशु को नगर के सभी बीमारों को चंगा करते हुए देखते हैं (मरकुस 1:29:34) और फिर अगली सुबह प्रार्थना करने के लिए एकांत स्थान पर जाते हुए पाते हैं (पद.35) उद्देश्यपूर्ण ढंग से, हमारे परमेश्वर ने काम किया और विश्राम किया l 

कार्य में, परमेश्वर के प्रावधान की लय और विश्राम के लिए उसका निमंत्रण हमारे चारों ओर गूंजता हैl वसंत के रोपण से ग्रीष्मकाल में वृद्धि, पतझड़ में फसल और शीतकाल में विश्राम मिलाता है l सुबह, दोपहर, शाम, रात, परमेश्वर l परमेश्वर हमारे जीवन को काम और आराम दोनों के लिए आदेश देता है, हमें दोनों करने की अनुमति देता है l