अखबार ने घोषणा की कि पेप ने गवर्नर की पत्नी की बिल्ली की जान ली है – लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। एक बात जिसका वह दोषी हो सकता था वह थी के गवर्नर की हवेली में सोफा चबाने का।

पेप 1920 के दशक में पेंसिल्वेनिया के गवर्नर गिफोर्ड पिंचोट के स्वामित्व वाला एक तेजतर्रार युवा लैब्राडोर कुत्ता था। कुत्ते को वास्तव में ईस्टर्न स्टेट पेनिटेंटरी भेजा गया था, जहां कैदी की पहचान संख्या के साथ उसकी तस्वीर ली गई थी। जब एक अखबार के रिपोर्टर ने इसके बारे में सुना तो उसने बिल्ली की कहानी बनाई। क्योंकि उनकी रिपोर्ट अखबार में छपी थी, कई लोगों का मानना था कि पेप वास्तव में एक बिल्ली-हत्यारा था।

इसराएल का राजा सुलैमान अच्छी तरह जानता था कि गलत जानकारी की ताकत क्या होती है। उसने लिखा, “कानाफूसी करनेवाले के वचन स्वादिष्ट भोजन की नाईं लगते हैं; वे पेट में पच जाते हैं।” (नीतिवचन 18:8)। कभी-कभी हमारा पतित मानव स्वभाव हमें दूसरों के बारे में उन बातों पर विश्वास करने के लिए प्रेरित करता है जो सत्य नहीं हैं।

फिर भी जब दूसरे हमारे बारे में झूठ पर विश्वास करते हैं, तब भी परमेश्वर हमें भलाई के लिए उपयोग कर सकते हैं। वास्तव में, गवर्नर ने पेप को जेल भेज दिया ताकि वह वहां के कैदियों का दोस्त बन सके- और उसने कई वर्षों तक अग्रणी चिकित्सा कुत्ते के रूप में सेवा की।

दूसरे क्या कहते या सोचते हैं, इसकी परवाह किए बिना हमारे जीवन के लिए परमेश्वर के उद्देश्य अभी भी कायम हैं। जब दूसरे हमारे बारे में कानाफूसी करते हैं, तो याद रखें कि उसके विचार—और हमारे लिए उसका प्रेम—ही है जो अत्यधिक मायने रखता है।