डैन को उसी जेल प्रहरी से रोजाना मार–पीट सहन करनी पड़ती थी। उसने महसूस किया कि यीशु ने उसे इस आदमी से प्यार करने के लिए बाध्य किया है, इसलिए एक सुबह, पिटाई शुरू होने से पहले, डैन ने कहा, “महोदय, अगर मैं जीवन भर आपको हर दिन देखने जा रहा हूं, तो आइये हम दोस्त बन जायें।” गार्ड ने कहा, “नहीं,  हम कभी दोस्त नहीं हो सकते।” पर  डैन ने अपनी बात पर जोर दिया और अपना हाथ बढ़ाया।

पहरेदार कुछ भी नहीं बोल सका और शान्त खड़ा रहा। वह कांपने लगा, फिर उसने डैन का हाथ पकड़ लिया और छोड़ा नहीं। उसकी आंखों  से आँसू बहने लगे। उसने कहा, “डैन, मेरा नाम रोसोक है। मैं आपका दोस्त बनना पसंद करूँगा।” उस दिन या फिर कभी बाद में भी गार्ड ने डैन को नहीं पीटा।

पवित्रशास्त्र हमें बताता है “यदि तेरा बैरी भूखा हो तो उसे भोजन खिलाना, यदि वह प्यासा हो तो उसे पानी पिला। ऐसा करने से तू उसके सिर पर अंगारे डालेगा, और यहोवा तुझे इसका फल देगा ”नीतिवचन 25:21—.22। कोयले की कल्पना मिस्र के एक अनुष्ठान (रिवाज़)को दशौती है जिसमें एक दोषी व्यक्ति  अपने सिर पर गर्म अंगारों का कटोरा लेकर अपना पश्चाताप दिखाता है। इसी तरह, हमारी दयालुता हमारे शत्रुओं के चेहरे को शर्मिंदगी से लाल कर सकती है, जो उन्हें पश्चाताप की ओर ले जा सकती है।

आपका दुश्मन कौन है ?आप किसे नापसंद करते हैं? डैन ने पाया कि मसीह की दया इतनी प्रबल थी कि वह किसी भी हृदय को बदल सकती थी — उसके शत्रु का और उसके स्वयं का। हम भी ऐसा कर सकते हैं।