विफलता की दीवार
पढ़ें: मरकुस 9:14-29
“जब वह घर में आया, तो उसके चेलों ने एकांत में उससे पूछा, हम उसे क्यों न निकाल सके? उस ने उन से कहा, कि यह जाति बिना प्रार्थना किसी और उपाय से निकाल नहीं सकती।” (पद 28-29)
क्या हो यदि आप से कोई आपकी असफलताओं के बारे में दीवार पर लिखने को कहे कि सब उसको देख सकें?…
ऋतुओं में उपास्थिति
पढ़ें: 1 राजा 19:1-21
फिर भूंईडोल के बाद आग दिखाई दी, तौभी यहोवा उस आग में न था; फिर आग के बाद एक दबा हुआ धीमा शब्द सुनाई दिया। (पद 12)
सात वर्षों तक मैं पूरे समय अपने बच्चों के साथ थी। जबकि मैं स्वतंत्र रूप से (फ्रीलेंस) काम करके कुछ कमा लेती थी। मुझे उस लचीलेपन और दैनिक कार्यों में…
वह मार्ग जिस पर कम यात्रा की गई
पढ़ें: रोमियों 14:1-23
इसलिए हम उन बातों का प्रयत्न करें जिनसे मेल मिलाप और एक दूसरे का सुधार हो। (पद 19)
ब्रायन जेकसन साहसिक कार्यों के लिए जीवन जीता है। कई वर्षों से उसने कई अभियान या खोज यात्राओं का नेतृत्व किया है, जहां पर की पृथ्वी का सबसे चरम वातावरण रहता है। हजारों मील की लंबी लंबी दूरी की यात्रा (ट्रेकिंग)…
पवित्र आत्मा की आँधी
पढ़ें: प्रेरितों के काम 2:1-12
और एकाएक आकाश से बड़ी आँधी की सी सनसनाहट का शब्द हुआ, और उस से सारा घर जहां वे बैठे थे, गूंज गया। (पद 2)
अक्टूबर महीना था, जब कि संसार के मेरे इस भाग में तापमान गिरने लगता है और कई प्रकार के वृक्षों की पत्तियाँ चमकदार रंगों में परिवर्तित हो जाती हैं। वह वृक्ष मुझे…
आत्मा के द्वारा मार्गदर्शन
पढ़ें: मत्ती 4:1-11
तब उस समय आत्मा यीशु को जंगल में ले गया ताकि इब्लीस से उस की परीक्षा हो। (पद 1)
पुस्तक उलिसिस जो जेम्स जोयस के द्वारा लिखी गई, प्राय: आधुनिक काल्पनिक साहित्य की उत्कृष्ट रचना मानी जाती है। कुछ के लिए वह अजीब है, कुछ के लिए समझ से बिलकुल बाहर है। जोयस को प्राय: अजीब समझा जाता था।…
परमेश्वर निकट है
ह मारे इस तीव्रता और सदैव परिवर्तनशील संसार में, अगुवाई (मार्गदर्शन) और उद्देश्य को खोजना कभी कभी कठिन हो जाता है। इस गड़बड़ी के बीच हमें यीशु पर विश्वास में ही आशा दिखाई देती है। क्योंकि विश्वासी होने के कारण, हमें हमारे जीवन के प्रत्येक पहलू में पवित्र आत्मा की अगुवाई में चलना है। बाइबल हमें सिखाती है कि पवित्र आत्मा को…
यीशु का अनुकरण करो
एक "भेष बदलने का स्वामी" इंडोनेशिया के पानी और ग्रेट बैरियर रीफ में रहता है। नकली ऑक्टोपस, अन्य ऑक्टोपस की तरह, अपने आसपास के साथ मिश्रण करने के लिए अपने त्वचा के रंग को बदल सकता है। जब ज़हरीली लायनफ़िश और यहाँ तक कि घातक समुद्री साँप जैसे जीवों की नकल करने का धमकी मिलता तो यह बुद्धिमान जीव अपना आकार, चाल-ढाल और व्यवहार भी बदलता है।
नकली ऑक्टोपस के विपरीत, यीशु में विश्वास करने वालों का उद्देश्य उस दुनिया से जो हमें घेरा है अलग दिखना है। हम उन लोगों से भयभीत महसूस कर सकते हैं जो हमसे असहमत हैं और उनमें शामिल होने के लिए प्रलोभित हो जाते हैं ताकि हमें मसीह के अनुयायियों के रूप में पहचाना न जाए। हालाँकि, प्रेरित पौलुस हमसे आग्रह करता है कि हमारे जीवन के प्रत्येक पहलू में यीशु का प्रतिनिधित्व करते हुए हम अपने शरीरों को एक “जीवित, और पवित्र, और परमेश्वर को भावता हुआ बलिदान” (रोमियों 12:1) के रूप में पेश करें।
मित्र या परिवार के सदस्य हम पर "इस संसार के सदृश" के अनुरूप होने का दबाव डालने का प्रयास कर सकते हैं (पद. 2)। लेकिन हम परमेश्वर की संतानों के रूप में जो हम कहते हैं उसके साथ अपने जीवन को जोड़कर हम दिखा सकते हैं कि हम किसकी सेवा करते हैं। जब हम शास्त्रों का पालन करते हैं और उनके प्रेमपूर्ण चरित्र को प्रतिबिंबित करते हैं, तो हमारा जीवन यह प्रदर्शित कर सकता है कि आज्ञाकारिता का प्रतिफल हमेशा किसी भी हानि से अधिक होता है। आज आप यीशु का अनुकरण कैसे करेंगे?
एक परेशान दुनियां में शांति प्राप्ति
इ स परेशान दुनिया में शांति कहां से प्राप्त करें? कुछ का मानना की हिंसा का जवाब उग्रता से देकर शांति को स्थापित किया जा सकता है। अन्य लोगों का "मानना" है कि “जियो और जीने दो।” और अन्यों का माना है की “ प्रेम ही इसका उत्तर है।” फिर भी ऐसा लगता है जिनके पास अधिकार हैं वह इसका प्रयोग…