लाल रंग हमेशा हमारे द्वारा बनाई जाने वाली वस्तुओं में स्वाभाविक रूप से नहीं होता है l आप सेब के जिवंत रंग को टी-शर्ट या लिपस्टिक में कैसे डालते हैं? आरंभिक समय में, लाल रंग मिटटी या लाल चट्टानों से बनाया जाता था l 1400 के दशक में, एजटेक(Aztec)—मेक्सिको के मूल निवासी—ने लाल रंग बनाने के लिए कोकीनल कीड़ों(cochineal insects) का उपयोग करने का एक तरीका खोजा l आज, वही छोटे कीड़े संसार को लाल रंग की आपूर्ति करते हैं l 

बाइबल में, लाल रंग राज्याधिकार, और पाप और शर्म को भी दर्शाता है l इसके अलावा, यह लहू का रंग है l जब सैनिकों ने “[यीशु को] नग्न कर दिया और उस पर लाल रंग का वस्त्र डाल दिया” (मत्ती 27:28), तो ये तीन प्रतीक लाल रंग की एक हृदय विदारक छवि में विलीन हो गए : यीशु का संभावित शाही परिवार के रूप में उपहास किया गया, वह शर्म से ढंका हुआ, और खून के रंग में रंगा हुआ था जिसे वह जल्द ही बहाने वाला था l यशायाह के शब्द हमें लाल रंग से बचाने के लिए इस लाल यीशु के वादे की नबूवत करते हैं जो हमें दाग़ लगाते है : “तुम्हारे पाप चाहे लाल रंग के हों, तौभी वे हिम के समान उजले हो जाएंगे” (1:18) l 

उस लाल रंग के लिए उपयोग किए जाने वाले उन कोकीनल कीड़ों के बारे में एक और बात—वे वास्तव में बाहर से दुधिया सफ़ेद होते हैं l कुचले जाने पर ही वे अपना लाल रक्त छोड़ते हैं l वह छोटा सा तथ्य हमारे लिए यशायाह के अन्य शब्दों को प्रतिध्वनित करता है : “[यीशु] हमारे अधर्म के कामों के कारण कुचला गया” (यशायाह 53:5) l 

यीशु, जो पाप से अनजान था, हमें बचाने के लिए यहाँ है जो पाप से लाल हैं l आप देखिए, उसकी कुचली हुयी मृत्यु में, यीशु ने ढेर सारे लाल रंग सहे ताकि आप बर्फ की तरह सफ़ेद हो सकें l