Month: दिसम्बर 2024

मैत्रीपूर्ण महत्वाकांक्षा

नाज़ियानज़स के ग्रिगरी(Gregory of Nazianzus) और कैसरिया के बेसिल(Basil of Caesarea)  चौथी शताब्दी के चर्च में प्रसिद्ध अगुआ और करीबी मित्र थे l वे पहली बार दर्शनशास्त्र के विद्यार्थियों के रूप में मिले थे, और ग्रिगरी ने बाद में कहा कि वे “एक आत्मा वाले दो शरीर” की तरह बन गए l 

उनके आजीविका पथ(career paths) इतने समान होने के कारण, ग्रिगरी और बेसिल के बीच प्रतिद्वंद्विता पैदा हो सकती थी l लेकिन ग्रिगरी ने समझाया कि उन्होंने विश्वास, आशा और अच्छे कर्मों के जीवन को अपनी “एकल महत्वाकांक्षा/single ambition” बनाकर एक दूसरे को इस प्रलोभन से बचा लिया, फिर व्यक्तिगत रूप से इस लक्ष्य में दूसरे को अपने से अधिक सफल बनाने के लिए “एक-दूसरे को प्रेरित किया l” परिणामस्वरूप, दोनों में विश्वास बढ़ा और बिना प्रतिद्वंद्विता के नेतृत्व के उच्च सत्र तक पहुँच गए l 

इब्रानियों की पुस्तक हमें विश्वास में मजबूत बने रहने में मदद करने के लिए लिखी गयी है(इब्रानियों 2:1), जो हमें “अपनी आशा के अंगीकार को दृढ़ता से थामे [रहने]” और “प्रेम, और भले कामों में उस्काने के लिए एक दूसरे की चिंता [करने के लिए]” प्रोत्साहित करती है(इब्रानियों 10:23-24) l जबकि यह आदेश एक मण्डली के सन्दर्भ में दिया गया है(पद.25), इसे अपनी मित्रता पर लागू करके, ग्रिगरी और बेसिल ने दिखाया कि कैसे मित्र एक-दूसरे को बढ़ने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं और किसी भी “कड़वी जड़” से बच सकते हैं, जैसे कि प्रतिद्वंद्विता जो उनके बीच बढ़ सकती है(12:15) l 

क्या होगा यदि हमने विश्वास, आशा और अच्छे कर्मों को अपनी मित्रता की महत्वाकांक्षा बना लिया, फिर अपने मित्रों को इस लक्ष्य में व्यक्तिगत रूप से हमसे अधिक सफल होने के लिए प्रोत्साहित किया? पवित्र आत्मा हम दोनों को करने में मदद करने के लिए तैयार है l

वास्तविक प्रेम

जैसे ही मैं अपनी सहेली मार्गरेट के पास बैठी, जो अस्पताल में अपने बिस्तर पर लेती हुयी थी, मैंने अन्य रोगियों, चिकित्सा कर्मचारियों और आगंतुकों की हलचल और गतिविधि का ध्यान रखी l पास ही अपनी बीमार माँ के साथ बैठी एक युवती ने मार्गरेट से पुछा, “वे सभी लोग कौन हैं जो आपसे मिलने आते रहते हैं?” उसने उत्तर दिया, “वे मेरे चर्च परिवार के सदस्य हैं!” युवती ने टिप्पणी की कि उसने ऐसा कभी नहीं देखा; उसे ऐसा महसूस हुआ जैसे कई आगंतुक “वास्तिक प्यार की तरह उमड़ पड़े हों l” मार्गरेट ने मुस्कुराते हुए उत्तर दिया, “यह सब परमेश्वर के पुत्र यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर के प्रति हमारे प्रेम पर निर्भर करता है!”

अपनी प्रतिक्रया में, मार्गरेट ने शिष्य यूहन्ना की बात दोहराई, जिसने अपने अंतिम वर्षों में प्रेम से भरे तीन पत्र लिखे थे l अपने पहले पत्र में उसने कहा, “परमेश्वर प्रेम है, और जो प्रेम में बना रहता है वह परमेश्वर में बना रहता है, और परमेश्वर उसमें बना रहता है”(1 यूहन्ना 4:16) l अर्थात्, जो लोग स्वीकार करते हैं कि “यीशु परमेश्वर का पुत्र है”(पद.15) उनमें परमेश्वर “अपनी आत्मा” के द्वारा वास करता है(पद.13 l हम प्रेमपूर्वक दूसरों की देखभाल कैसे कर सकते हैं? “हम इसलिए प्रेम करते हैं, कि पहले उसने हम से प्रेम किया”(पद.19) l 

परमेश्वर के प्रेम के उपहार के कारण, मार्गरेट से मिलना मेरे लिए या हमारे चर्च के अन्य लोगों के लिए किसी कठिनाई जैसा महसूस नहीं हुआ l मैंने जितना दिया उससे कहीं अधिक पाया, न केवल मार्गरेट से, बल्कि उसके उद्धारकर्ता, यीशु के बारे में उसकी सौम्य गवाही को देखकर l आज परमेश्वर आपके द्वारा दूसरों से कैसे प्रेम कर सकता है?

अद्भुत की ओर एक खिड़की

फोटोग्राफर रॉन मुरे(Ron Murray) को ठंडा मौसम पसंद है l वह बताते हैं, “ठण्ड का मतलब साफ़ आसमान है l” “और वह अद्भुत की ओर एक खिड़की खोल सकता है!” 

रॉन पृथ्वी के सबसे शानदार लाइट शो—ऑरोरा बोरेलिस/aurora borealis(the northern lights-एक स्वाभाविक रोशनी है) पर नज़र रखने के लिए समर्पित अलास्का फोटोग्राफी पर्यटन प्रदान करते हैं l मुरे अनुभव को “बहुत आध्यात्मिक” बताते हैं l यदि आपने कभी इस इन्द्रधनुषी प्रदर्शन को आकाश में नृत्य करते देखा है, तो आप समझ जाएंगे कि क्यों l 

लेकिन रोशनी केवल उत्तरी अद्भुत घटना(northern phenomenon) नहीं है l ऑरोरा ऑस्ट्रेलिस/aurora australis, ऑरोरा बोरेलिस/aurora borealis के समान, दक्षिण में एक साथ होता है—एक ही तरह की रोशनी l 

शिष्य यूहन्ना द्वारा क्रिसमस की कहानी बताने में, वह गौशाला और चावाहों को छोड़कर सीधे उसके पास जाता है जो “मनुष्यों की ज्योति” है(यूहन्ना 1:4) l जब यूहन्ना बाद में एक स्वर्गिक नगर के बारे में लिखता है, तो वह उसके प्रकाश के श्रोत का वर्णन करता है l इस “नगर में सूर्य और चाँद के उजियाले की आवश्यकता नहीं, क्योंकि परमेश्वर के तेज से उस में उजियाला हो रहा है, और मेम्ना उसका दीपक है”(प्रकाशितवाक्य 21:23) l यह प्रकाश श्रोत यीशु है—वही श्रोत जो यूहन्ना 1 में वर्णित है l और जो लोग इस भविष्य के निवास में रहते हैं, उनके लिए “फिर रात न होगी, और उन्हें दीपक और सूर्य के उजियाले की आवश्यकता न होगी, क्योंकि प्रभु परमेश्वर उन्हें उजियाला देगा”(22:5) l 

जब हमारा जीवन संसार की इस रोशनी को प्रतिबिंबित करता है—जिसने ऑरोरा बोरेलिस/aurora borealis और ऑरोरा ऑस्ट्रेलिस/aurora australis बनाया—हम वास्तव में अद्भुत की ओर एक खिड़की खोलते हैं l 

सच्चाई कभी नहीं बदलती

जब वह छोटा था, मैंने और मेरे बेटे ज़ेवियर ने एक लड़के के बारे में बच्चों की एक काल्पनिक कहानी पढ़ी, जिसने एक कलम/pen का मनगढ़ंत नाम देकर अपने शिक्षक के खिलाफ विद्रोह कर दिया l छात्र ने अपने साथ पांचवीं कक्षा के छात्रों को पेन/कलम के लिए उसके द्वारा दिए गए नाम का उपयोग करने के लिए राज़ी कर लिया l लड़के के द्वारा शब्द के बदले जाने का समाचार पूरे कस्बे में फ़ैल गया l आखिरकार, देश भर में लोगों ने कलम के प्रति अपना दृष्टिकोण बदल दिया, केवल इसलिए क्योंकि दूसरों ने एक लड़के की मनगढ़ंत वास्तविकता को सार्वभौमिक सत्य के रूप में स्वीकार कर लिए l 

पूरे इतिहास में, त्रुटिपूर्ण मनुष्यों ने अपनी इच्छाओं के अनुरूप सत्य या व्यक्तिगत पसंदीदा वास्तविकताओं के बदलते संस्करणों को अपनाया है l हालाँकि, बाइबल एक सत्य एक सच्चे परमेश्वर और उद्धार का एक मार्ग—मसीहा/उद्धारकर्ता/छुटकारा देनेवाला/Messiah—की ओर संकेत करती है जिसके द्वारा “यहोवा का तेज प्रगट होगा”(यशायाह 40:5) l यशायाह नबी ने पुष्टि की कि लोग, सभी सृजित वस्तुओं की तरह, अस्थायी, पतनशील और अविश्वसनीय हैं(पद.6-7) l उसने कहा, “घास तो सूख जाती, और फूल मुर्झा जाता है; परन्तु हमारे परमेश्वर का वचन सदैव अटल रहेगा”(पद.8) l 

आनेवाले अभिषिक्त/छुटकारा देनेवाले/Messiah के बारे में यशायाह की भविष्यवाणी एक भरोसेमंद आधार, एक सुरक्षित आश्रय और एक सुरक्षित आशा देता है l हम परमेश्वर के वचन पर भरोसा कर सकते हैं क्योंकि यीशु स्वयं वचन है(यूहन्ना 1:1) l यीशु सत्य है जो कभी नहीं बदलता l 

हमारे विषय परमेश्वर का दृष्टिकोण

यह1968 था, और अमेरिका वियतनाम के साथ युद्ध में फंस गया था, शहरों में नस्लीय हिंसा भड़क रही थी, और दो सार्वजनिक हस्तियों(public figures) की हत्या कर दी गयी थी l एक साल पहले, आग ने लॉन्चपैड/प्रक्षेपण स्थान पर तीन अन्तरिक्ष यात्रियों की जान ले ली थी, और चंद्रमा पर जाने का विचार एक स्वप्न जैसा लग रहा था l बहरहाल, अपोलो 8 क्रिसमस से कुछ दिन पहले लॉन्च/प्रक्षेपित होने में कामयाब रहा l 

यह चंद्रमा की कक्षा में जाने वाला पहला मानवयुक्त मिशन बन गया l फ्लाइट क्रू(कर्मीदल), बोर्मन, एंडर्स, एवं लोवेल—सभी विश्वासी व्यक्ति—ने क्रिसमस की पूर्व संध्या पर एक सन्देश प्रसारित किया : “आदि में परमेश्वर ने आकाश और पृथ्वी की सृष्टि की”(उत्पत्ति 1:1) l उस समय, यह संसार में सबसे अधिक देखी जाने वाली टीवी घटना थी, और लाखों लोगों ने पृथ्वी का ईश्वरीय-दृश्य साझा किया जो वर्तमान में एक प्रतिष्ठित तस्वीर(iconic photo) है l फ्रैंक बोर्मन ने पढ़ना समाप्त किया : “और परमेश्वर ने देखा कि अच्छा है”(पद.10) l 

कभी-कभी अपने आप को, और उन सभी कठिनाइयों को देखना जिनमें हम फंसे हुए हैं, और जो कुछ भी अच्छा है उसे देखना कठिन होता है l लेकिन हम सृष्टि की कहानी पर लौट सकते हैं और हमारे बारे में परमेश्वर के दृष्टिकोण को देख सकते हैं : “अपने ही स्वरूप के अनुसार परमेश्वर ने “[उनको] उत्पन्न किया”(पद.27) l आइये इसे एक और दिव्य-दृष्टि/divine-eye view के साथ जोड़ें : “क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा”(यूहन्ना 3:16) l आज, याद रखें कि परमेश्वर ने आपको बनाया है, वह पाप के बावजूद अच्छाई देखता है और जो उसने आपको बनाया है, उससे प्यार करता है l