Month: दिसम्बर 2024

हम किसकी सुनते हैं

“मुझे आपातकाल की घोषणा करनी होगी l मेरे पायलट की मृत्यु हो गयी है l” डॉग वाइट(Daug White) ने घबराकर अपनी उड़ान की निगरानी कर रहे नियंत्रण टावर से ये शब्द कहे l उड़ान भरने के कुछ मिनट बाद, डॉग परिवार की चार्टर्ड निजी विमान के पायलट की अचानक मृत्यु हो गयी l डॉग ने उच्च विकसित विमान उड़ाने में केवल तीन महीने के प्रशिक्षण के साथ कॉकपिट में कदम रखा l इसके बाद उन्होंने एक स्थानीय हवाई अड्डे पर नियंत्रकों की बात ध्यान से सुनी, जिन्होंने विमान की लैंडिंग के दौरान उनसे बात की l बाद में, डॉग ने कहा, “[उन्होंने] मेरे परिवार को लगभग निश्चित अग्निमय मृत्यु से बचाया l”

हमारे पास एक ऐसा व्यक्ति है जो अकेले ही हमें जीवन में आने वाली चुनौतियों से निपटने में मदद कर सकता है l मूसा ने इस्राएलियों से कहा, “तेरा परमेश्वर यहोवा तेरे मध्य से . . . मेरे समान एक नबी को उत्पन्न करेगा; तू उसी की सुनना”(व्यवस्थाविवरण 18:15) l यह प्रतिज्ञा परमेश्वर द्वारा अपने लोगों के लिए प्रदान किये गए नबियों की एक श्रृंखला की ओर संकेत करता है, लेकिन इसमें उद्धारकर्ता/अभिषिक्त/Messiah के बारे में भी बात की गई है l पतरस और स्तिफनुस दोनों ने बाद में कहा कि यह परम भविष्यद्वक्ता यीशु था(प्रेरितों के काम 3:19-22; 7:37, 51-56) l वह अकेले ही हमें परमेश्वर के प्रेमपूर्ण और बुद्धिमान निर्देशों को बताने आया था(व्यवस्थाविवरण 18:18) l 

मसीह के जीवन के दौरान, परमेश्वर पिता ने कहा, “यह मेरा प्रिय पुत्र है, इसकी सुनो!”(मरकुस 9:7) l बुद्धिमानी से जीने और इस जीवन में सत्यानाश होने और जलने से बचने के लिए, आइये यीशु को सुने क्योंकि वह पवित्रशास्त्र(बाइबल) और पवित्र आत्मा द्वारा बोलता है l उसे सुनने से बहुत फर्क पड़ता है l 

यीशु हमारा बचानेवाला

जो एक पाकिस्तानी घाटी में एक सामान्य केबल कार(cable car) यात्रा के रूप में शुरू हुयी वह एक भयानक कटु अनुभव में बदल गयी l यात्रा आरम्भ होने के कुछ ही समय बाद, दो सहायक केबल टूट गए, जिससे स्कूली बच्चों सहित आठ यात्री हवा में सैकड़ों फीट ऊपर लटक गए l स्थिति के कारण पाकिस्तानी सेना को बारह घंटे का कठिन बचाव अभियान चलाना पड़ा, जिन्होंने यात्रियों को बचाने के लिए ज़िपलाइन(ziplines), हेलीकॉप्टर और बहुत कुछ का इस्तेमाल किया l 

उन अच्छी तरह से प्रशिक्षित बचावकर्ताओं की सराहना की जानी चाहिए, लेकिन उनका काम यीशु के शाश्वत कार्य की तुलना में छोटा है, जिसका मिशान हमें पाप और मृत्यु से बचाना और रक्षा करना था l यीशु मसीह के जन्म से पहले, एक स्वर्गदूत ने युसूफ को निर्देश दिया कि वह मरियम के घर जाए क्योंकि उसकी गर्भावस्था “पवित्र आत्मा” से थी(मत्ती 1:18,20) l युसूफ को अपने बेटे का नाम यीशु रखने के लिए भी कहा गया था, क्योंकि वह “अपने लोगों को उनके पापों से उद्धार करेगा”(पद.21) l फिर भी, जबकि यह नाम पहली सदी में सामान्य था, केवल यही बच्चा उद्धारकर्ता बनने के योग्य था(लूका 2:30-32) l मसीह उन सभी के शाश्वत उद्धार को सील/सुनिश्चित करने और सुरक्षित करने के लिए सही समय पर आया जो पश्चाताप करते हैं और उस पर विश्वास करते हैं l 

हम सभी पाप और मृत्यु की केबल कार में फंस गए थे, जो परमेश्वर से अनंत अलगाव की घाटी पर लटका हुआ था l लेकिन अपने प्यार और अनुग्रह में, यीशु हमें बचाने और हमें सुरक्षित रूप से हमारे स्वर्गिक पिता के घर ले जाने के लिए आया l उसकी प्रशंसा करें!

विश्वास की विरासत

एक शिक्षिका ने सुझाव दिया कि उसके विद्यार्थी अपने साथियों के लिए प्रोत्साहन और प्रेरणा के नोट्स लिखें l कुछ दिनों बाद, जब देश के एक दूसरे हिस्से में एक स्कूल त्रासदी हुयी, तो उनके नोट्स ने उनके साथी विद्यार्थियों की आत्माओं को उत्साहित किया जब वे परिणामी भय और दर्द से निपट रहे थे कि उनके साथ भी कुछ हो सकता है l 

जब पौलुस ने थिस्सलुनीके के विश्वासियों को पत्र लिखा तो प्रोत्साहन और पारस्परिक चिंता भी उसके मन में थी l उन्होंने मित्रों को खो दिया था, और पौलुस ने उन्हें निर्देश दिया कि वे यीशु की वापसी की प्रतिज्ञा कि उनके प्रियजन फिर से जी उठेंगे पर आशा रखें(1 थिस्सलुनीकियों 4:14) l हालाँकि वे नहीं जानते थे कि ऐसा कब होगा, उसने उन्हें याद दिलाया कि विश्वासियों के रूप में उन्हें उसकी वापसी पर परमेश्वर के फैसले के डर में इन्तजार करने की ज़रूरत नहीं है(5:9) l इसके बजाय, वे उसके साथ अपने भावी जीवन में विश्वास के साथ प्रतीक्षा कर सकते थे और इस बीच “एक दूसरे को शांति [देते रहें] और एक दूसरे की उन्नति का कारण [बनें](पद.11) l 

जब हम दर्दनाक हानि या अर्थहीन त्रासदियों का अनुभव करते हैं, तो भय और उदासी से अभिभूत होना आसान होता है l फिर भी पौलुस के शब्द आज भी हमारे लिए उपयोगी हैं, जैसे जब वे लिखे गए थे l आइये इस आशा के साथ प्रतीक्षा करें कि मसीह सभी चीजों को पुनर्स्थापित करेगा l और इस बीच, हम एक दूसरे को प्रोत्साहित कर सकते हैं—लिखित नोट्स, बोले गए शब्दों, सेवा के कार्यों या साधारण रूप से गले लगाकर l

जीवन भर के लिए मित्र

हम खाने की मेज पर बैठे थे जब मेरे नौ वर्षीय नाती ने मुस्कुराते हुए कहा, “मैं बिलकुल नानी की तरह हूँ l मुझे पढ़ना पसंद है!” उसकी बातों से मेरे दिल में ख़ुशी आ गयी, मैंने उस साल के बारे में सोचा जब वह बीमार था और स्कूल न जाकर घर पर ही रहता था l उसके एक लम्बी झपकी लेने के बाद, हम साथ-साथ बैठकर पढ़ने लगे l मैं अपनी माँ से मिली प्रेमपूर्ण पुस्तकों की विरासत को आगे बढ़ाते हुए खुश थी l 

लेकिन यह सबसे महत्वपूर्ण विरासत नहीं है जिसे मैं अपने नाती-नातनियों को सौंपना चाहती हूँ l मैं प्रार्थना करती हूँ कि विश्वास की जो विरासत मैंने अपने माता-पिता से प्राप्त की है और जिसे मैं अपने बच्चों को सौंपना चाहती हूँ, उससे मेरे नाती-नातनियों को भी विश्वास की ओर बढ़ने में मदद मिलेगी l 

तीमुथियुस के पास एक धर्मनिष्ट माँ और नानी—और एक आध्यात्मिक गुरु, प्रेरित पौलुस की विरासत थी l प्रेरित ने लिखा, “मुझे तेरे उस निष्कपट विश्वास की सुधि आती है, जो पहले तेरी नानी लोइस और तेरी माता यूनीके में था, और मुझे निश्चय है कि तुझ में भी है”(2 तीमुथियुस 1:5) l 

शायद हम सोच सकते हैं कि हमारा जीवन दूसरों के लिए एक अच्छा उदाहरण बनने के लिए पर्याप्त रूप से सकारात्मक नहीं है l हो सकता है कि जो विरासत हमें मिली वह अच्छी नहीं थी l लेकिन हमारे बच्चों, पोते-पोतियों/ नाती-नातनियों या किसी भी बच्चे के जीवन में विश्वास की विरासत बनाने में कभी देर नहीं होती है l परमेश्वर की सहायता से, हम विश्वास के बीज बोते हैं l यह वही है जो विश्वास को बढ़ाता है(1 कुरिन्थियों 3:6-9) l 

पापियों के लिए एक अस्पताल

यदि आप नेदरलैंड्स के रोएरमंड(Roermond) में प्रोटेस्टेंट और कैथोलिक कब्रिस्तानों के किनारे लम्बी पुरानी ईंट की दीवार के पास टहल रहे हों, तो आपको एक अजीब दृश्य देखने को मिलेगा l दीवार के दोनों ओर दो कब्रों पर समान विशाल हेडस्टोंस(headstones—कब्र के सिरहाने के पत्थर) हैं : एक प्रोटेस्टेंट पति के लिए और एक उसकी कैथोलिक पत्नी के लिए l उन्नीसवीं शताब्दी के दौरान सांस्कृतिक नियमों के अनुसार उन्हें अलग-अलग कब्रिस्तानों में दफनाया जाना आवश्यक था l हालाँकि, वे अपने अन्त/होनी/fate को स्वीकार नहीं करते l उनकी असामान्य हेडस्टोन(headstone) इतने ऊंचे है कि वे दीवार से ऊपर हैं ताकि ऊपर केवल एक या दो फुट की हवा उन्हें अलग कर सके l प्रत्येक के ऊपर, एक गढ़ा हुआ(sculptured) हाथ दूसरे की ओर बढ़ा हुआ है, दोनों ही एक दूसरे का हाथ पकड़े हुए हैं l इस जोड़े ने मौत के बाद भी अलग होने से इनकार कर दिया l 

श्रेष्ठगीत प्रेम की सामर्थ्य को समझाता है l सुलैमान कहता है, “प्रेम मृत्यु के तुल्य सामर्थी है”(8:6) l सच्चा प्यार शक्तिशाली, और अनवरत है l “यह ज्वाला अग्नि की दमक है”(पद.6) l सच्चा प्यार कभी समर्पण नहीं करता, शांत नहीं किया जा सकता और नष्ट नहीं होता l सुलैमान लिखता है, “पानी की बाढ़ से भी प्रेम नहीं बुझ सकता”(पद.7) l 

“परमेश्वर प्रेम है”(1 यूहन्ना 4:16) l हमारा सबसे मजबूत प्रेम हमारे प्रति उसके अनवरत प्रेम का एक खंडित प्रतिबिम्ब मात्र है  वह किसी भी सच्चे प्यार का अंतिम श्रोत है, कोई भी प्यार जो बांधे रहता है l