Month: जून 2025

आसानी से कमाया जाने वाला धन

 
1700वे शतक के अंत में, एक युवक ने कनाडा के नोवा स्कोटिया के ओक द्वीप पर एक रहस्यमय गडढ़े की खोज की। यह अनुमान लगाते हुए कि समुद्री लुटेरों ने — शायद कैप्टन किड ने भी — वहाँ खजाना गाड़ दिया होगा, उसने और कुछ साथियों ने वहां पर खुदाई शुरू की। पर उन्हें कभी कोई ख़ज़ाना नहीं मिला, लेकिन अफवाह सब जगह फैल गई। सदियों से, अन्य लोगों ने उस जगह पर खुदाई करना जारी रखा: इसमें बहुत अधिक समय और धन खर्च हुआ। गड्ढा अब सौ फुट (तीस मीटर) से अधिक गहरा है। 
इस तरह के जुनून मानव हृदय में खालीपन को प्रकट करते हैं। बाइबल की एक कहानी दिखाती है कि कैसे एक आदमी के व्यवहार से उसके दिल में ऐसी ही एक शून्यता प्रकट हुई। गेहजी लंबे समय से महान भविष्यद्वक्ता एलीशा का विश्वसनीय सेवक था। लेकिन जब एलीशा ने एक सेनापति के, जिसे परमेश्वर ने कुष्ठ रोग से चंगा किया था, भव्य उपहारों को अस्वीकार कर दिया, तो गेहजी ने लूट में से कुछ पाने के लिए एक कहानी गढ़ी (2 राजा 5:22)। जब गेहजी घर लौटा, तो उसने नबी से झूठ बोला (पद 25)। परन्तु एलीशा जानता था। उस ने उस से पूछा, “जब वह पुरूष तुझ से भेंट करने को अपके रथ पर से उतरा, तब क्या मेरा आत्मा तेरे साथ न था? (पद 26)। अंत में, गेहजी को वह मिल गया जो वह चाहता था, परन्तु जो महत्वपूर्ण था उसने उसे खो दिया (पद 27)। 
यीशु ने हमें इस दुनिया के खज़ाने का पीछा नहीं करने और इसके बजाय “स्वर्ग में धन इकट्ठा करने की शिक्षा दी।” (मत्ती 6:20)। अपने दिल की इच्छाओं के लिए किसी भी शॉर्टकट (जुगाड़) से सावधान रहें। यीशु का अनुसरण करना, खालीपन को किसी वास्तविक चीज़ से भरने का तरीका है। 

बलिदान को याद करना

 
रविवार की सुबह की आराधना सभा के बाद, मास्को में मेरे मेज़बान मुझे किले के बाहर एक रेस्तरां में दोपहर के भोजन के लिए ले गये। पहुंचने पर हमने क्रेमलिन की दीवार के बाहर एक अज्ञात सैनिक के मकबरे के पास शादी की पोशाक में नवविवाहित जोड़ों की एक पंक्ति देखी। उनकी शादी के दिन की खुशी में जान–बूझकर उन बलिदानों को याद करना शामिल था, जो दूसरों ने ऐसे दिन को संभव बनाने में मदद करने के लिए किए थे। यह एक गंभीर दृश्य था क्योंकि जोड़ों ने स्मारक पर शादी के फूल चढ़ाने से पहले तस्वीरें लीं। 
हम सभी के पास उन लोगों के लिए आभारी होने का कारण है जिन्होंने हमारे जीवन में कुछ हद तक परिपूर्णता लाने के लिए बलिदान दिया है। उनमें से कोई भी बलिदान न तो महत्वहीन है, और न ही वे बलिदान सबसे महत्वपूर्ण हैं। केवल एक बलिदान ही ऐसा है — यीशु द्वारा हमारे लिए दिया गया बलिदान और जब हम क्रूस के नीचे खड़े होकर उस बलिदान को देखते हैं तो यह समझने लगते हैं कि हमारे जीवन किस तरह पूर्ण रूप से हमारे उद्धारकर्ता के ऋणी हैं। 
प्रभु भोज में शामिल होना हमें यीशु के बलिदान की याद दिलाता है — रोटी और प्याले में चित्रित। पौलुस ने लिखा, “जब कभी तुम यह रोटी खाते, और इस कटोरे में से पीते हो, तो प्रभु की मृत्यु को जब तक वह न आए, प्रचार करते हो” (1 कुरिन्थियों 11:26)। काश कि प्रभु भोज की मेज़ पर हमारा समय हमें हर दिन उस बलिदान की याद और कृतज्ञता में जीने की याद दिलाये जो यीशु ने हममें और हमारे लिए किया है। 

वह हमें नया बनाता है

 
एक यात्रा अधिकारी के रूप में, शॉन सेप्लर एक अजीब सवाल से जूझ रहे थे — होटल के कमरों में बचे हुये साबुन का क्या होता है? सेप्लर का मानना था कि जमीन के भराव (लैंडफिल) के लिए कचरे के रूप में फेंके जाने के बजाय लाखों साबुन के टुकड़ों को नया बनाया जा सकता है। इसलिए उन्होंने एक रीसाइक्लिंग (पुनरावर्तन) कार्य — क्लीन द वर्ल्ड आरम्भ किया, जिसने आठ हजार से अधिक होटलों, क्रूज लाइनों, और रिसॉर्ट्स को लाखों पाउंड के बेकार साबुन को कीटाणुरहित, नए ढाले हुए साबुन बार में बदलने में मदद की है। यह साबुन सौ से अधिक देशों में जरूरतमंद लोगों को भेजा गया। फिर से नया बना यह साबुन अनगिनत स्वच्छता संबंधी बीमारियों और मौतों को रोकने में मदद करता है। 
जैसा कि सेप्लर ने कहा, “मुझे पता है कि यह अजीब लगता है, लेकिन आपके होटल के कमरे में काउंटर पर साबुन की वह छोटी सी टिक्की सचमुच एक जीवन बचा सकती है।” 
किसी इस्तेमाल की गई या गंदी वस्तु को नया जीवन देने के लिए एकत्र करना हमारे उद्धारकर्ता, यीशु के सबसे प्यारे गुणों में से एक है। इस रीति से, जब उस ने पांच हजार की भीड़ को पांच छोटी रोटियां और दो छोटी मछलियाँ खिलाईं, उसने तब भी अपने शिष्यों से कहा, “बचे हुए टुकड़ों को इकट्ठा करो। कुछ भी फेंका न जाये (व्यर्थ न जाए) यूहन्ना 6:12। 
हमारे जीवन में, जब हम असफल महसूस करते हैं, तो परमेश्वर हमें बेकार जीवन के रूप में नहीं बल्कि अपने चमत्कारों के रूप में देखता है। उसकी दृष्टि में हम कभी फेंके हुये नहीं हैं, हमारे पास नए राज्य के कार्य के लिए ईश्वरीय क्षमता है। “इसलिये यदि कोई मसीह में है, तो वह नई सृष्टि है, पुरानी बातें बीत गई हैं, देखो सब बातें नई हो गई हैं।” (2 कुरिन्थियों 5:17)। हमें नया क्या बनाता है? – हमारे भीतर मसीह। 

परमेश्वर की पराक्रमी शक्ति

 
जब  तूफानी हवाओं ने उत्तरी अमेरिका में शक्तिशाली मिसिसिपी नदी के प्रवाह को बदल दिया तो असंभव संभव लगने लगा। अगस्त 2021 में, इडा तूफान लुइसियाना के तट पर आया, और उसका आश्चर्यजनक परिणाम एक “नकारात्मक प्रवाह” था, जिसका अर्थ है कि पानी वास्तव में कई घंटों तक ऊपर की ओर बहता रहा। विशेषज्ञों का अनुमान है कि अपने जीवन चक्र में एक तूफान दस हजार परमाणु बमों के बराबर ऊर्जा खर्च कर सकता है! बहते पानी के मार्ग को बदलने की ऐसी अविश्वसनीय शक्ति मुझे निर्गमन में दर्ज एक बहुत ही महत्वपूर्ण “नकारात्मक प्रवाह” के प्रति इस्राएलियों की प्रतिक्रिया को समझने में मदद करती है।  
मिस्रियों से भागते समय, जिन्होंने उन्हें सदियों से दास बनाया था, इस्राएली लाल सागर के किनारे पर आ गए। उनके सामने एक विशाल समुद्र था और उनके पीछे भारी हथियारों से लैस मिस्र की सेना थी। उस असम्भव प्रतीत होने वाली स्थिति में — “ यहोवा ने रात भर प्रचण्ड पुरवाई चलाई, और समुद्र को दो भाग करके जल ऐसा हटा दिया जिससे कि उसके बीच सूखी भूमि हो गई। तब इस्राएली समुद्र के बीच स्थल ही स्थल पर होकर चले” (निर्गमन 14:21–22)। शक्ति के उस अविश्वसनीय प्रदर्शन में बचाए गए “इस्राएलियों ने यहोवा का भय माना” (पद 31)। 
परमेश्वर की शक्ति की विशालता का अनुभव करने के बाद आदर युक्त भय के साथ उत्तर देना स्वाभाविक है। लेकिन यह वहाँ समाप्त नहीं हुआ, इस्राएलियों ने “उस पर विश्वास किया (प्रतीति की) (पद 31)। जब हम सृष्टि में परमेश्वर की शक्ति का अनुभव करते हैं, तो हम भी उसकी शक्ति के प्रति विस्मय में खड़े हो सकते हैं और उस पर अपना भरोसा रख सकते हैं। । 

विश्वास सुनने से आता है

 
जब पादरी बॉब को चोट लगी जिससे उनकी आवाज पर असर हुआ, तो उन्होंने पंद्रह साल तक संकट और निराशा का सामना किया। उन्होने सोचा, कि एक पादरी जो बात नहीं कर सकता वह क्या करे? वह इस प्रश्न से जूझता रहा, उसने अपने दुःख और भ्रम को परमेश्वर के सामने उंडेल दिया। उन्होंने बताया, “मैं केवल एक बात जानता था – परमेश्वर के वचन की तलाश करना।” जैसे–जैसे उसने बाइबल पढ़ने में समय बिताया, परमेश्वर के लिए उसका प्यार बढ़ता गया — “मैंने अपना जीवन पवित्रशास्त्र में आत्मसात करने और उसमें डूबने के लिए समर्पित कर दिया है क्योंकि विश्वास सुनने से और सुनना परमेश्वर के वचन से आता है।” 
रोमियों को लिखी प्रेरित पौलुस की पत्री में हम इस वाक्यांश को पाते हैं “विश्वास सुनने से आता है”। पौलुस अपने सभी साथी यहूदी लोगों से मसीह में विश्वास करने और बचाए जाने की लालसा रखता था (रोमियों10:9)। वे कैसे विश्वास करेंगे? उस विश्वास के द्वारा जो वचन सुनने से होता है— मसीह के वचन से (पद 17)। 
पादरी बॉब मसीह के वचन को ग्रहण करना और उसमें विश्वास करना चाहते हैं, खासकर जब वह बाइबल पढ़ते हैं। वह दिन में केवल एक घंटे के लिए ही बोल सकते हैं और ऐसा करने पर उन्हें लगातार दर्द होता है, लेकिन वह पवित्रशास्त्र में अपने आप को डुबो देने के द्वारा परमेश्वर से शांति और संतोष पाते रहते हैं। इसलिए हम भी भरोसा कर सकते हैं कि यीशु हमारे संघर्षों में खुद को हमारे सामने प्रकट करेंगे। जब हम उसका वचन सुनते हैं, चाहे हम किसी भी चुनौती का सामना करें, वह हमारे विश्वास को बढ़ाएगा।