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Articles by एमी बाउचर पाई

उसने मुझे बदल दिया

जब जॉन, जो लन्दन में सबसे बड़ा वैश्यालय चलाता था, को जेल भेज दिया गया, वह झूठे तौर पर विश्वास करता था कि मैं एक अच्छा आदमी हूँ l वहाँ रहते हुए, उसने जेल में बाइबल अध्ययन में भाग लेने का फैसला किया क्योंकि वहां केक और कॉफ़ी मिलती थी, लेकिन वह इस बात से चकित था कि दूसरे कैदी कितने खुश लगते थे l उसने पहले गाने के दौरान रोने लगा और बाद में एक बाइबल प्राप्त की l नबी यहेजकेल की पुस्तक से पढ़ने के कारण वह बदल गया,  मानों “उस पर बिजली गिर गयी हो l” उसने पढ़ा, “फिर जब दुष्ट अपने दुष्ट कामों से फिरकर, न्याय और धर्म के काम करने लगे, तो वह . . . इस कारण न मरेगा, जीवित ही रहेगा” (18:27-28) l परमेश्वर का वचन उसके लिए जीवित हो गया और उसने महसूस किया, “मैं एक अच्छा व्यक्ति नहीं था . . . मैं दुष्ट था और मुझे बदलने की ज़रूरत थी l” पास्टर के साथ प्रार्थना करते समय, उसने कहा, “मैंने यीशु मसीह को पाया और उसने मुझे बदल दिया l”

यहेजकेल के ये शब्द परमेश्वर के लोगों से कहे गए थे जब वे निर्वासन में थे l यद्यपि वे लोग परमेश्वर से विमुख हो गए थे, उसकी यह इच्छा थी कि वे अपने अपराध को त्याग दें और “अपने मन और अपनी आत्मा बदल [डालें]” (पद..31) l उन शब्दों ने जॉन को “पश्चाताप [करने]” और “जीवित [रहने दिया]”, जब उसने यीशु का अनुसरण किया, जिसने पापियों को मन फिराने के लिए बुलाया (लूका 5:32) l

हम भी पवित्र आत्मा द्वारा पाप के प्रति कायल किये जाने का प्रत्युत्तर दें, ताकि हम भी क्षमा और छुटकारा का आनंद ले सकें l

यात्रा के लिए सामर्थ्य

गर्मी के एक मौसम में, जो मुझे सामना करना पड़ा वह एक असंभव काम लग रहा था – एक संकट भरा निर्धारित समय के साथ लेखन का बड़ा प्रोजेक्ट। अपने बल पर एक दिन के बाद दूसरा दिन बिताने के बाद, शब्दों को ढूढ़कर पन्नों पर लिखने का प्रयास करते हुए, मैं थका हुआ और हतोत्साहित महसूस किया, और मैं हार मान लेना चाहता था। एक बुद्धिमान मित्र ने मुझसे पूछा, “पिछली बार आप कब तरोताजा महसूस किये थे? शायद आपको खुद को आराम देना चाहिये और आपको अच्छा भोजन खाना चाहिये।"
मुझे तुरंत पता चल गया कि वह सही थी। उसकी सलाह ने मुझे एलिय्याह और उस भयानक सन्देश के विषय जो ईज़ेबेल से उसे प्राप्त हुआ था पर सोचने को मजबूर किया (1 राजा 19:2) – हालाँकि, निश्चित रूप से नबी के अनुभव के लौकिक पैमाने के बराबर मेरा लेखन प्रोजेक्ट कहीं भी नहीं था। कर्मेल पहाड़ पर झूठे नबियों पर एलिय्याह की जीत के बाद, ईज़ेबेल ने सन्देश भेजी कि वह उसे गिरफ्तार करके मरवा देगी, और वह निराश हो कर, मृत्यु मांगने लगा। परन्तु उसके बाद वह अच्छी नींद से सोया और दो बार एक स्वर्गदूत उससे मिलने आया और उसको खाने के लिए भोजन दिया। परमेश्वर द्वारा उसकी शारीरिक शक्ति लौटने के बाद, वह अपनी यात्रा को जारी रख सका l 
जब हमें “लम्बी यात्रा” करनी हो (पद.7), हमें आराम करना चाहिये और स्वास्थ्यप्रद और तृप्त करनेवाला भोजन का आनंद लेना चाहिये। क्योंकि जब हम थके हुए और भूखे होते हैं, हम आसानी से निराशा या भय के अधीन हो सकते हैं। परन्तु जब परमेश्वर अपने श्रोतों के द्वारा हमारे भौतिक ज़रूरतों को पूरा करता है, इस पतित संसार में जितना संभव हो, हम उसकी सेवा में अगला कदम बढ़ा सकते हैं।

दृढ़ रहना

जिस देश में वे रहते हैं, एड्रियन और उसका परिवार यीशु में अपने विश्वास के लिए उत्पीड़न झेलते हैं l फिर भी, इन सब के माध्यम से, वे मसीह के प्रेम को प्रदर्शित करते हैं l अपने चर्च के आँगन में खड़े होकर, जिसे गोलियों से उड़ा दिया गया था जब आतंकवादियों ने इसे प्रशिक्षण ने मैदान के रूप में इस्तेमाल किया था, उसने कहा, “आज गुड फ्राइडे है l हमें याद है कि यीशु क्रूस पर हमारे लिए दुःख उठाया l” उसने आगे कहा, और पीड़ा, कुछ ऐसा है जो वहाँ के विश्वासियों को समझ में आता है l लेकिन उसके परिवार ने वहाँ रहने का चुनाव किया : “हम अभी भी यहाँ है, अभी भी दृढ़ हैं l”

ये विश्वासी उन महिलाओं के उदाहरण का अनुसरण करते हैं जो यीशु को मरते हुए देखीं  थीं (मरकुस 15:40) l वे – जिनमें मरियम मगदलीनी, याकूब की माता मरियम और यूसुफ, और सलोमी सहित – वहाँ खड़े रहने में बहादुर थे, क्योंकि राज्य के एक दुश्मन के मित्र और परिवार के सदस्यों का उपहास और उन्हें दण्डित किया जा सकता था l फिर भी महिलाओं ने उसके साथ अपनी उपस्थिति के द्वारा यीशु के लिए अपना प्रेम दिखाया l यहाँ तक कि जब वे गलील में (पद.41) “उसके पीछे हो लेती थीं और उसकी सेवाताहल किया करती थीं,” वे उसकी सबसे गहरी ज़रूरत के समय उसके साथ खड़ी थीं l 

इस दिन जब हम अपने उद्धारकर्ता का सबसे बड़ा उपहार याद करते हैं, क्रूस पर उसकी मृत्यु, एक क्षण लेकर विचार करें कि हम यीशु के लिए कैसे खड़े रह सकते हैं जब हम कई प्रकार की आजमाइशों का सामना करते हैं (देखें याकूब 1:2-4) l संसार भर के साथी विश्वासियों के बारे में भी सोचें जो अपने विश्वास के लिए पीड़ित हैं l जैसा कि एड्रियन ने पूछा, “क्या आप अपनी प्रार्थना में हमारे साथ खड़े रह सकते हैं?”

बिल का भुगतान हो चुका है

“आपके साथ क्या हुआ?” लागोस में एक अस्पताल के बिस्तर पर झुककर नाइजीरियाई व्यापारी, पीटर ने पूछा l “किसी ने मुझे गोली मार दी,” युवक ने उत्तर दिया, उसकी जांघ पर पट्टी बंधी थी l यद्यपि वह घायल व्यक्ति घर जाने लायक था, उसे छुट्टी नहीं मिलती जब तक कि वह अपना बिल चुका नहीं देता – एक नीति जिसका अनुसरण इस क्षेत्र के कई सरकारी अस्पताल करते हैं l एक सामाजिक कार्यकर्ता के साथ परामर्श करने के बाद, पीटर ने उस धर्मार्थ निधि के द्वारा जिसे उसने पहले कभी अपने मसीही विश्वास को व्यक्त करे के तरीके के रूप में स्थापित किया था गुमनाम रूप से बिल भुगतान कर दिया l बदले में, वह आशा करता है कि मुक्त होने का उपहार पाने वाले एक दिन दूसरों को भी देंगे l 

परमेश्वर की उदारता में से देने का प्रसंग पूरे बाइबल में धड़कता है l मिसाल के तौर पर, जब मूसा ने इस्राएलियों को कैसे प्रतिज्ञात देश में रहना है का निर्देश दिया, तो उसने उन्हें पहले परमेश्वर को वापस देने के लिए कहा (व्यवस्थाविवरण 26:1-3 देखें) और ज़रुरतमंदों की देखभाल करने के लिए – परदेशी, अनाथ, और विधवा (पद.12) l क्योंकि वे दूध और मधु की धाराओं के देश की भूमि” में रहते थे (पद.15), उन्हें ज़रुरतमंदों के लिए परमेश्वर के प्यार को व्यक्त करना था l 

हम भी अपने भौतिक सामानों को साझा करके परमेश्वर के प्रेम को फैला सकते हैं, चाहे वह बड़ा हो या छोटा l हमारे पास व्यक्तिगत रूप से पीटर की तरह देने का अवसर नहीं हो सकता है, लेकिन हम परमेश्वर को यह दिखाने के लिए कह सकते हैं कि हमें कैसे देना है या किसे हमारी सहायता की आवश्यकता है l 

प्राचीन प्रतिज्ञाएँ

1979 में, डॉ. गेब्रियल बारके और उनकी टीम ने यरूशलेम के पुराने शहर के बाहर कब्रगाह  में चाँदी के दो घूँघर(scroll) की खोज की l 2004 में, पच्चीस वर्षों के सावधानीपूर्वक शोध के बाद, विद्वानों ने पुष्टि की कि स्क्रॉल अस्तित्व में सबसे पुराना बाइबल मूलग्रन्थ था, जिसे 600 ईसा पूर्व में ज़मीं में गाड़ा गया था l जो स्क्रॉल में है वह मुझे मर्मभेदी लगता है – पुरोहित की आशीष जो परमेश्वर चाहता था कि उसके लोगों पर उच्चारित किया जाए : यहोवा तुझे आशीष दे और तेरी रक्षा करे; यहोवा तुझ पर अपने मुख का प्रकाश चमकाए” (गिनती 6:24-25) l 

इस आशीष वचन को देने में, परमेश्वर ने हारून और उसके पुत्रों को (मूसा के द्वारा)  दिखाया कि लोगों को उसकी ओर से कैसे आशीष दी जाए l अगुओं को शब्दों को उसी रूप में कंठस्थ करना था जैसे परमेश्वर ने दिये थे ताकि वे उन्हें वैसे ही बोलें जैसे परमेश्वर चाहता था l ध्यान दें कि ये शब्द कैसे जोर देते हैं कि परमेश्वर ही है जो आशीष देता है, तीन बार वे कहते हैं, “परमेश्वर l” और छह बार वह कहता है, “तुझे, तेरी, तुझ पर,” जो यह दर्शाता है कि परमेश्वर कितना चाहता है कि उसके लोग उसका प्रेम और अनुग्रह प्राप्त करें l 

एक पल के लिए विचार करें कि बाइबल के सबसे पुराने मौजूदा अंश परमेश्वर की आशीष देने की इच्छा को बताते हैं l परमेश्वर के असीम प्रेम की याद दिलाने की कितनी बड़ी ताकीद और वह हमारे साथ एक रिश्ते में कैसे रहना चाहता है l यदि आप आज परमेश्वर से दूरी महसूस करते हैं, तो इन प्राचीन शब्दों में प्रतिज्ञा को कसकर पकड़ें l यहोवा तुम्हें आशीष दे और तेरी रक्षा करे l 

अनुग्रह का प्रदर्शन

“उन पलों में जहाँ त्रासदी होती है या चोट भी लगती है, अनुग्रह या सटीक प्रतिशोध प्रदर्शित करने के अवसर हैं,” हाल ही में शोक संतप्त व्यक्ति ने टिप्पणी की l “मैंने अनुग्रह दिखाने का चुनाव किया l” पास्टर एरिक फिट्ज़जेरल्ड की पत्नी एक कार दुर्घटना में मारी गयी थी जो एक थके अग्निशामक के कारण हुयी थी जो घर लौटते वक्त कार चलाते समय सो गया, और कानूनी अभियोजक जानना चाहते थे कि वह अधिकतम सजा की मांग करेगा या नहीं l  पास्टर ने उस क्षमा का अभ्यास करने का विकल्प चुना जिसके बारे में वह अक्सर प्रचार करते थे l उसे और अग्निशामक दोनों को आश्चर्यचकित करने के लिए, दोनों व्यक्ति आख़िरकार मित्र बन गए l 

पास्टर एरिक परमेश्वर से प्राप्त उस अनुग्रह को दर्शा रहे थे, जिसने उसे उसके सभी पापों को माफ़ कर दिया था l अपने कार्यों के माध्यम से उन्होंने नबी मीका के शब्दों को प्रतिध्वनित किया, जिसने पाप को क्षमा करने और जब हम गलतियाँ करते हैं को क्षमा करने के लिए परमेश्वर की प्रशंसा की (मीका 7:18) l नबी यह दिखाने के लिए कि परमेश्वर अपने लोगों को माफ़ करने में कितनी दूर जाता है अद्भुत रूप से दृश्य भाषा का उपयोग करता है, यह कहते हुए कि वह “हमारे अधर्म के कामों को लताड़ डालेगा” हमारे सब पापों को गहिरे समुद्र में डाल देगा (पद.19) l अग्निशामक को उस दिन स्वतंत्रता का उपहार मिला, जिसने उसे परमेश्वर के करीब लाया l

हम जो भी कठिनाई का सामना करते हैं, हम जानते हैं कि परमेश्वर प्रेमी, खुली बाहों के साथ हमारे पास पहुँचते हैं, उनका स्वागत करते हुए हम उनके सुरक्षित आलिंगन में शामिल होते हैं l वह “करुणा से प्रीति रखता है” (पद.18) l जब हम उसका प्यार और अनुग्रह प्राप्त करते हैं, वह हमें उन लोगों को माफ़ करने की ताकत देता है, जिन्होंने हमें चोट पहुंचाई है – यहाँ तक कि पास्टर एरिक ने भी की l 

एक क्रिसमस आगंतुक

1944 की क्रिसमस की पूर्व संध्या पर, “ओल्ड ब्रिन्कर नाम का एक व्यक्ति जेल के एक हॉस्पिटल में मरणासन्न अवस्था में पड़ा हुआ, अपने सह बंदियों के नेतृत्व में क्रिसमस सभा के अस्थायी इंतजाम का इंतज़ार कर रहा था l “संगीत कब शुरू होने वाला है?” उसने विलियम मैक्डोगल से पूछा, जो उसके साथ सुमात्रा के मुन्टोक जेल में कैद था l “शीघ्र,” मैक्डोगल ने उत्तर दिया l “अच्छा,” मरते हुए व्यक्ति ने जवाब दिया l “फिर मैं उनकी तुलना स्वर्गदूतों से कर पाऊंगा l”

यद्यपि दशकों पहले ब्रिन्कर परमेश्वर में अपने विशवास से दूर चला गया था, अपने मरने के दिनों में उसने अपने पापों को स्वीकार किया और उसके साथ शांति पायी l मैक्डोगल ने कहा, “अप्रिय रुख के साथ दूसरों का अभिवादन करने के बजाय, वह मुस्कुराता था, जो “बढ़िया रूपांतरण था l”

ग्यारह दुर्बल कैदियों के द्वारा उसके अनुरोध पर, “पावन रैन” के गायन के बाद, ब्रिन्कर की शांति से मृत्यु हो गई l यह जानकार कि ब्रिन्कर ने एक बार फिर यीशु का अनुसरण किया और स्वर्ग में परमेश्वर के साथ संयुक्त हो जाएंगे, मैक्डोगल ने ध्यान दिया, “ शायद मृत्यु ओल्ड ब्रिन्कर के लिए एक स्वागत योग्य क्रिसमस आगंतुक थी l”

ब्रिन्कर ने अपनी मृत्यु का पूर्वानुमान कैसे लगाया, यह मुझे शमौन की याद दिलाता है, एक पवित्र व्यक्ति जिसे पवित्र आत्मा द्वारा उस पर प्रगट हुआ था कि “जब तक वह प्रभु के मसीह को देख न लेगा, तब तक मृत्यु को न देखेगा” (लूका 2:26) l जब शमौन ने यीशु को मंदिर में देखा, तो उसने कहा, “अब तू अपने दास को . . . शांति से विदा करता है l क्योंकि मेरी आँखों ने तेरे उद्धार को देख लिया है” (पद.29-30) l

जैसा कि ब्रिन्कर के साथ हुआ, सबसे बड़ा क्रिसमस उपहार जो हम प्राप्त कर सकते हैं या साझा कर सकते, वह यीशु में बचाने वाला उद्धार है l

एक पुरानी कहानी के अनुसार, निकोलस नाम के एक व्यक्ति ने एक पिता के बारे में सुना जो इतना गरीब था कि वह अपनी तीन बेटियों को नहीं खिला सकता था, भविष्य में उनके विवाह के लिए नहीं के बराबर प्रबंध कर सकता था l उस पिता की सहायता करने की इच्छा से, लेकिन उसे गुप्त रखने की आशा से, निकोलस ने एक खुली खिड़की से सोने से भरी एक थैली फेंकी, जो एक मोज़े या जूती पर गिरी जो एक सिगड़ी पर सूखने के लिए रखी हुयी थी l वह व्यक्ति संत निकोलस के रूप में जाना गया जो आगे चलकर सांता क्लॉज़ के लिए प्रेरणा बन गया l

जब मैंने ऊपर से नीचे आने वाले एक उपहार की कहानी सुनी, तो मैंने परमेश्वर को पिता के रूप में देखा, जिसने प्रेम और करुणा से धरती पर सबसे महान उपहार, अपने बेटे को एक अद्भुत जन्म के द्वारा भेजा l मत्ती के सुसमाचार के अनुसार, यीशु ने पुराने नियम की नबूवत को पूरा किया कि एक कुँवारी गर्भवती होगी और एक पुत्र को जन्म देगी जिसे वे इम्मानुएल पुकारेंगे, अर्थात् “परमेश्वर हमारे साथ” (1:23) l

निकोलस का उपहार जितना प्यारा था, यीशु का उपहार उससे भी अधिक अद्भुत है l वह मनुष्य बनने के लिए स्वर्ग को छोड़ा, मर गया और पुनः जीवित हुआ, और परमेश्वर है जो हमारे साथ निवास करता है l वह हमें तब उत्साहित करता है जब हम निराश होते हैं; वह हमें सच्चाई बताता है जब हम धोखा खा सकते हैं l

तूफ़ान से आश्रय

जैसा कि कहानी में है, 1763 में, एक युवा सेवक, इंग्लैंड, सॉमरसेट में चट्टान के किनारे सड़क पर जाते समय, बिजली की कड़क, चमक और अत्यधिक बारिश से बचने के लिए एक गुफा में छिप गया l जब उसने उस शेडर घाटी के बाहर देखा, उसने परमेश्वर में आश्रय और शान्ति प्राप्त करने के उपहार पर विचार किया l वहां प्रतीक्षा करते हुए, उसने गीत लिखना शुरू किया, “अब्दी चट्टान मुझे(Rock of Ages),” जिसका आरंभिक स्मरणीय पंक्ति है : “अबदी चट्टान मुझे, उस दरार में छिपने दे l”

हम यह नहीं जानते हैं कि अगस्टस टॉपलेडी इस गीत को लिखते समय चट्टान की दरार में मूसा के अनुभव को प्राप्त किया या नहीं (निर्गमन 33:22), परन्तु शायद उसने किया l निर्गमन का वर्णन मूसा द्वारा परमेश्वर का आश्वासन खोजना और परमेश्वर का उत्तर बताता है l जब मूसा ने परमेश्वर से अपना प्रताप प्रगट करने को कहा, परमेश्वर ने यह जानते हुए दयालुता से उत्तर दिया, कि “मनुष्य मेरे मुख का दर्शन करके जीवित नहीं रह सकता” (पद.20) l उसने मूसा को चट्टान की दरार में छिपा दिया जब वह उसके सामने से निकला, और मूसा केवल उसकी पीठ देख सका l और मूसा जान गया कि परमेश्वर उसके साथ था l

हम भरोसा कर सकते हैं कि परमेश्वर ने मूसा से जो कहा था, “मैं आप तेरे साथ चलूँगा और तुझे विश्राम दूंगा” (पद.14), उसी प्रकार हम भी उसमें आश्रय पा सकते हैं l हम अपने जीवन में अनेक तूफानों का सामना करेंगे, जिस प्रकार मूसा और विलायती सेवक ने उस कहानी में किया, परन्तु जब हम उसे पुकारते हैं, वह हमें अपनी उपस्थिति की शांति देगा l