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Articles by एमी बाउचर पाई

प्राचीन प्रतिज्ञाएँ

1979 में, डॉ. गेब्रियल बारके और उनकी टीम ने यरूशलेम के पुराने शहर के बाहर कब्रगाह  में चाँदी के दो घूँघर(scroll) की खोज की l 2004 में, पच्चीस वर्षों के सावधानीपूर्वक शोध के बाद, विद्वानों ने पुष्टि की कि स्क्रॉल अस्तित्व में सबसे पुराना बाइबल मूलग्रन्थ था, जिसे 600 ईसा पूर्व में ज़मीं में गाड़ा गया था l जो स्क्रॉल में है वह मुझे मर्मभेदी लगता है – पुरोहित की आशीष जो परमेश्वर चाहता था कि उसके लोगों पर उच्चारित किया जाए : यहोवा तुझे आशीष दे और तेरी रक्षा करे; यहोवा तुझ पर अपने मुख का प्रकाश चमकाए” (गिनती 6:24-25) l 

इस आशीष वचन को देने में, परमेश्वर ने हारून और उसके पुत्रों को (मूसा के द्वारा)  दिखाया कि लोगों को उसकी ओर से कैसे आशीष दी जाए l अगुओं को शब्दों को उसी रूप में कंठस्थ करना था जैसे परमेश्वर ने दिये थे ताकि वे उन्हें वैसे ही बोलें जैसे परमेश्वर चाहता था l ध्यान दें कि ये शब्द कैसे जोर देते हैं कि परमेश्वर ही है जो आशीष देता है, तीन बार वे कहते हैं, “परमेश्वर l” और छह बार वह कहता है, “तुझे, तेरी, तुझ पर,” जो यह दर्शाता है कि परमेश्वर कितना चाहता है कि उसके लोग उसका प्रेम और अनुग्रह प्राप्त करें l 

एक पल के लिए विचार करें कि बाइबल के सबसे पुराने मौजूदा अंश परमेश्वर की आशीष देने की इच्छा को बताते हैं l परमेश्वर के असीम प्रेम की याद दिलाने की कितनी बड़ी ताकीद और वह हमारे साथ एक रिश्ते में कैसे रहना चाहता है l यदि आप आज परमेश्वर से दूरी महसूस करते हैं, तो इन प्राचीन शब्दों में प्रतिज्ञा को कसकर पकड़ें l यहोवा तुम्हें आशीष दे और तेरी रक्षा करे l 

अनुग्रह का प्रदर्शन

“उन पलों में जहाँ त्रासदी होती है या चोट भी लगती है, अनुग्रह या सटीक प्रतिशोध प्रदर्शित करने के अवसर हैं,” हाल ही में शोक संतप्त व्यक्ति ने टिप्पणी की l “मैंने अनुग्रह दिखाने का चुनाव किया l” पास्टर एरिक फिट्ज़जेरल्ड की पत्नी एक कार दुर्घटना में मारी गयी थी जो एक थके अग्निशामक के कारण हुयी थी जो घर लौटते वक्त कार चलाते समय सो गया, और कानूनी अभियोजक जानना चाहते थे कि वह अधिकतम सजा की मांग करेगा या नहीं l  पास्टर ने उस क्षमा का अभ्यास करने का विकल्प चुना जिसके बारे में वह अक्सर प्रचार करते थे l उसे और अग्निशामक दोनों को आश्चर्यचकित करने के लिए, दोनों व्यक्ति आख़िरकार मित्र बन गए l 

पास्टर एरिक परमेश्वर से प्राप्त उस अनुग्रह को दर्शा रहे थे, जिसने उसे उसके सभी पापों को माफ़ कर दिया था l अपने कार्यों के माध्यम से उन्होंने नबी मीका के शब्दों को प्रतिध्वनित किया, जिसने पाप को क्षमा करने और जब हम गलतियाँ करते हैं को क्षमा करने के लिए परमेश्वर की प्रशंसा की (मीका 7:18) l नबी यह दिखाने के लिए कि परमेश्वर अपने लोगों को माफ़ करने में कितनी दूर जाता है अद्भुत रूप से दृश्य भाषा का उपयोग करता है, यह कहते हुए कि वह “हमारे अधर्म के कामों को लताड़ डालेगा” हमारे सब पापों को गहिरे समुद्र में डाल देगा (पद.19) l अग्निशामक को उस दिन स्वतंत्रता का उपहार मिला, जिसने उसे परमेश्वर के करीब लाया l

हम जो भी कठिनाई का सामना करते हैं, हम जानते हैं कि परमेश्वर प्रेमी, खुली बाहों के साथ हमारे पास पहुँचते हैं, उनका स्वागत करते हुए हम उनके सुरक्षित आलिंगन में शामिल होते हैं l वह “करुणा से प्रीति रखता है” (पद.18) l जब हम उसका प्यार और अनुग्रह प्राप्त करते हैं, वह हमें उन लोगों को माफ़ करने की ताकत देता है, जिन्होंने हमें चोट पहुंचाई है – यहाँ तक कि पास्टर एरिक ने भी की l 

एक क्रिसमस आगंतुक

1944 की क्रिसमस की पूर्व संध्या पर, “ओल्ड ब्रिन्कर नाम का एक व्यक्ति जेल के एक हॉस्पिटल में मरणासन्न अवस्था में पड़ा हुआ, अपने सह बंदियों के नेतृत्व में क्रिसमस सभा के अस्थायी इंतजाम का इंतज़ार कर रहा था l “संगीत कब शुरू होने वाला है?” उसने विलियम मैक्डोगल से पूछा, जो उसके साथ सुमात्रा के मुन्टोक जेल में कैद था l “शीघ्र,” मैक्डोगल ने उत्तर दिया l “अच्छा,” मरते हुए व्यक्ति ने जवाब दिया l “फिर मैं उनकी तुलना स्वर्गदूतों से कर पाऊंगा l”

यद्यपि दशकों पहले ब्रिन्कर परमेश्वर में अपने विशवास से दूर चला गया था, अपने मरने के दिनों में उसने अपने पापों को स्वीकार किया और उसके साथ शांति पायी l मैक्डोगल ने कहा, “अप्रिय रुख के साथ दूसरों का अभिवादन करने के बजाय, वह मुस्कुराता था, जो “बढ़िया रूपांतरण था l”

ग्यारह दुर्बल कैदियों के द्वारा उसके अनुरोध पर, “पावन रैन” के गायन के बाद, ब्रिन्कर की शांति से मृत्यु हो गई l यह जानकार कि ब्रिन्कर ने एक बार फिर यीशु का अनुसरण किया और स्वर्ग में परमेश्वर के साथ संयुक्त हो जाएंगे, मैक्डोगल ने ध्यान दिया, “ शायद मृत्यु ओल्ड ब्रिन्कर के लिए एक स्वागत योग्य क्रिसमस आगंतुक थी l”

ब्रिन्कर ने अपनी मृत्यु का पूर्वानुमान कैसे लगाया, यह मुझे शमौन की याद दिलाता है, एक पवित्र व्यक्ति जिसे पवित्र आत्मा द्वारा उस पर प्रगट हुआ था कि “जब तक वह प्रभु के मसीह को देख न लेगा, तब तक मृत्यु को न देखेगा” (लूका 2:26) l जब शमौन ने यीशु को मंदिर में देखा, तो उसने कहा, “अब तू अपने दास को . . . शांति से विदा करता है l क्योंकि मेरी आँखों ने तेरे उद्धार को देख लिया है” (पद.29-30) l

जैसा कि ब्रिन्कर के साथ हुआ, सबसे बड़ा क्रिसमस उपहार जो हम प्राप्त कर सकते हैं या साझा कर सकते, वह यीशु में बचाने वाला उद्धार है l

एक पुरानी कहानी के अनुसार, निकोलस नाम के एक व्यक्ति ने एक पिता के बारे में सुना जो इतना गरीब था कि वह अपनी तीन बेटियों को नहीं खिला सकता था, भविष्य में उनके विवाह के लिए नहीं के बराबर प्रबंध कर सकता था l उस पिता की सहायता करने की इच्छा से, लेकिन उसे गुप्त रखने की आशा से, निकोलस ने एक खुली खिड़की से सोने से भरी एक थैली फेंकी, जो एक मोज़े या जूती पर गिरी जो एक सिगड़ी पर सूखने के लिए रखी हुयी थी l वह व्यक्ति संत निकोलस के रूप में जाना गया जो आगे चलकर सांता क्लॉज़ के लिए प्रेरणा बन गया l

जब मैंने ऊपर से नीचे आने वाले एक उपहार की कहानी सुनी, तो मैंने परमेश्वर को पिता के रूप में देखा, जिसने प्रेम और करुणा से धरती पर सबसे महान उपहार, अपने बेटे को एक अद्भुत जन्म के द्वारा भेजा l मत्ती के सुसमाचार के अनुसार, यीशु ने पुराने नियम की नबूवत को पूरा किया कि एक कुँवारी गर्भवती होगी और एक पुत्र को जन्म देगी जिसे वे इम्मानुएल पुकारेंगे, अर्थात् “परमेश्वर हमारे साथ” (1:23) l

निकोलस का उपहार जितना प्यारा था, यीशु का उपहार उससे भी अधिक अद्भुत है l वह मनुष्य बनने के लिए स्वर्ग को छोड़ा, मर गया और पुनः जीवित हुआ, और परमेश्वर है जो हमारे साथ निवास करता है l वह हमें तब उत्साहित करता है जब हम निराश होते हैं; वह हमें सच्चाई बताता है जब हम धोखा खा सकते हैं l

तूफ़ान से आश्रय

जैसा कि कहानी में है, 1763 में, एक युवा सेवक, इंग्लैंड, सॉमरसेट में चट्टान के किनारे सड़क पर जाते समय, बिजली की कड़क, चमक और अत्यधिक बारिश से बचने के लिए एक गुफा में छिप गया l जब उसने उस शेडर घाटी के बाहर देखा, उसने परमेश्वर में आश्रय और शान्ति प्राप्त करने के उपहार पर विचार किया l वहां प्रतीक्षा करते हुए, उसने गीत लिखना शुरू किया, “अब्दी चट्टान मुझे(Rock of Ages),” जिसका आरंभिक स्मरणीय पंक्ति है : “अबदी चट्टान मुझे, उस दरार में छिपने दे l”

हम यह नहीं जानते हैं कि अगस्टस टॉपलेडी इस गीत को लिखते समय चट्टान की दरार में मूसा के अनुभव को प्राप्त किया या नहीं (निर्गमन 33:22), परन्तु शायद उसने किया l निर्गमन का वर्णन मूसा द्वारा परमेश्वर का आश्वासन खोजना और परमेश्वर का उत्तर बताता है l जब मूसा ने परमेश्वर से अपना प्रताप प्रगट करने को कहा, परमेश्वर ने यह जानते हुए दयालुता से उत्तर दिया, कि “मनुष्य मेरे मुख का दर्शन करके जीवित नहीं रह सकता” (पद.20) l उसने मूसा को चट्टान की दरार में छिपा दिया जब वह उसके सामने से निकला, और मूसा केवल उसकी पीठ देख सका l और मूसा जान गया कि परमेश्वर उसके साथ था l

हम भरोसा कर सकते हैं कि परमेश्वर ने मूसा से जो कहा था, “मैं आप तेरे साथ चलूँगा और तुझे विश्राम दूंगा” (पद.14), उसी प्रकार हम भी उसमें आश्रय पा सकते हैं l हम अपने जीवन में अनेक तूफानों का सामना करेंगे, जिस प्रकार मूसा और विलायती सेवक ने उस कहानी में किया, परन्तु जब हम उसे पुकारते हैं, वह हमें अपनी उपस्थिति की शांति देगा l

“वह मात्र कार्यालय था”?

मैं उत्तरी इंग्लैंड के लानकशायर में लहरदार, हरियाली से भरी पहाड़ियों को टकटकी नगाहों से देखती रही, पत्थरों के बाड़े जिनके अन्दर कुछ भेड़ पहाड़ियों पर चर रहीं थी l दीप्त आसमान में मोटे बादल उड़ रहे थे और मैंने उस नज़ारे का गहराई से आनंद लिया l जब मैंने रिट्रीट सेंटर की महिला कर्मी से इस खुबसूरत दृश्य के विषय चर्चा की जिसका मैं भ्रमण कर रही थी, उसने कहा, “आप जानती हैं, मैंने अतिथियों के बताने से पूर्व कभी भी यह ध्यान नहीं दिया l हम यहाँ पर वर्षों से रहते हैं; और जब हम किसान थे, यह मात्र कार्यालय था!”

हम सरलता से उस उपहार को खो सकते हैं जो ठीक हमारे सामना है, विशेषकर वह सुन्दरता जो हमारे दैनिक जीवनों का हिस्सा है l हम उन खुबसूरत तरीकों को भी आसानी से भुला सकते हैं जिसके द्वारा परमेश्वर प्रतिदिन हमारे अन्दर और हमारे चारों ओर कार्य करता है l परन्तु यीशु में विश्वासी परमेश्वर की आत्मा से अपनी आत्मिक आँखों को खोलने के लिए कह सकते हैं ताकि हम समझ सकें वह कैसे कार्य करता है, जिस प्रकार पौलुस ने इफिसियों के विश्वासियों को अपने पत्र में लिखा l पौलुस की यह हार्दिक इच्छा थी कि उनकी मन की आँखें ज्योतिर्मय हों कि वे परमेश्वर की आशा, प्रतिज्ञात भविष्य, और सामर्थ्य को जान लें (पद.18-19) l 

मसीह की आत्मा का परमेश्वर का उपहार हमारे अन्दर और हमारे द्वारा उसके कार्य के प्रति हमें जगा सकता है l उसके साथ, जो किसी समय “मात्र एक कार्यालय” दिखाई देता था उसकी ज्योति और महिमा को प्रदर्शित करने वाला एक स्थान के रूप में जाना जा सकता है l

दाखलता में

इम्मा ने बहुत उदास सर्दी के मौसम में परिवार के एक सदस्य की उसकी लम्बी बीमारी में सहायता की, और उसके बाद बसंत ऋतू के समय इंग्लैंड, कैंब्रिज में अपने घर के निकट मार्ग से बार-बार गुज़रते हुए एक चेरी के पेड़ से उत्साह प्राप्त किया l इस पेड़ में गुलाबी फूलों के ऊपर सफ़ेद फूल खिले हुए थे l एक बुद्धिमान माली ने सफ़ेद फूलों का एक कलम इस पेड़ में जोड़ दिया था l जब इम्मा इस असाधारण पेड़ के पास से गुजरी, उसने यीशु के शब्दों को याद किया कि वह दाखलता है और उसके अनुयायी डालियाँ हैं (यूहन्ना 15:1-8) l

खुद को दाखलता संबोधित करके, यीशु एक रूपक के विषय बात कर रहा था जिससे पुराना नियम में इस्राएली परिचित थे, क्योंकि वहां पर दाखलता परमेश्वर के लोगों का प्रतीक था (भजन 80:8-9; होशे 10:1) l यीशु ने इस प्रतीक को यह कहते हुए खुद तक बढ़ाया कि वह दाखलता है और उसके अनुयायी डालियों की नाई उसमें साटे गए हैं l और जब वे पोषण और ताकत प्राप्त करते हुए उसमें बने रहते हैं, वे फल लाएंगे (यूहना 15:5) l

अपने परिजन की सहायता करते हुए, इम्मा को स्मरण रखना था कि वह यीशु से जुडी हुयी है l गुलाबी फूलों के बीच सफ़ेद फूलों को देखकर उसे सत्य का दृश्य उत्साह मिला कि जब वह दाखलता में बनी हुयी है, वह उसके द्वारा पोषण प्राप्त करती है l

जब हम यीशु के विश्वासी दाखलता में एक डाली की तरह उसके निकट रहने को आत्मसात कर लेते हैं, हमारा विश्वास मजबूत और समृद्ध होता है l

जीवन परिवर्तन

स्टीफेन का पालन पोषण पूर्वी लंदन के एक अशिष्ट इलाके में हुआ था और वह दस वर्ष की उम्र से ही अपराध में फंस गया था l उसने कहा, “यदि सभी लोग नशीला पदार्थ बेचते हैं और डकैती और धोखेबाजी करते हैं, आप भी अवश्य उसमें लिप्त हो जाएंगे l” परन्तु बीस बर्ष की उम्र में, उसने एक स्वप्न देखा जिसने उसे बदल दिया : “मैंने परमेश्वर को कहते हुए सुना, स्टीफेन, तुम हत्या करने के कारण जेल जानेवाले हो l” यह सजीव स्वप्न एक चेतावनी थी, और वह परमेश्वर की ओर लौटकर यीशु मसीह को अपना उद्धारकर्ता ग्रहण कर लिया – और पवित्र आत्मा ने उसका जीवन रूपान्तरित कर दिया l

स्टीफेन ने एक संस्था स्थापित की जो स्पोर्ट्स के द्वारा शहर के सामजिक और आर्थिक रूप से समस्याग्रस्त बच्चों को अनुशासन, नैतिकता, और आदर सिखाती है l वह परमेश्वर को सफलता का श्रेय देते हुए जो उसने अपने जीवन में अनुभव किया है बच्चों के साथ प्रार्थना करता है और उनको प्रशिक्षित करता है l उसके अनुसार, “भटके हुए सपनों का पुनःनिर्माण l”

परमेश्वर के पीछे चलते हुए और अपने अतीत को पीछे छोड़ते हुए, हम – स्टीफेन की तरह – इफिसियों को दिए गए पौलुस के निर्देश का अनुसरण करते हैं कि जीवन के नये मार्ग पर चलो l यद्यपि हमारा पुराना मनुष्यत्व “जो भरमानेवाली आभिलाषाओं के अनुसार भ्रष्ट होता जाता है,” हम हर दिन “नए मनुष्यत्व को [पहिनने का प्रयास करते हैं] जो परमेश्वर के अनुरूप . . . सृजा गया है” (इफिसियों 4:22,24) l सभी विश्वासी परमेश्वर से उन्हें पवित्र आत्मा द्वारा और अधिक उसके समान बनाने का आग्रह करके इस निरंतर प्रक्रिया को ग्रहण करते हैं l

स्टीफेन ने कहा, “मेरे जीवन के पूर्ण परिवर्तन में विश्वास ही निर्णायक आधार था l” यह किस प्रकार आपके लिए सत्य रहा है?

परमेश्वर के लिए परिश्रम

जितनों की परवरिश विलियम कैरी (1761-1834) के साथ उस इंग्लिश गाँव में हुयी शायद वे सोचते थे कि वह अधिक उपलब्धि हासिल नहीं कर पाएगा, परन्तु आज उसे आधुनिक मिशंस का पिता कहा जाता है l जुलाहे माता-पिता से जन्मा, वह बहुत सफल शिक्षक या मोची नहीं बन सका, जब वह स्वयं यूनानी, इब्री, और लतीनी भाषा सीखा रहा था l अनेक वर्षों के बाद, उसने भारत में मिशनरी बनने के अपने सपने को पहचाना l परन्तु उसने अनेक वर्षों तक कठिनाईयों का सामना किया, जिसमें उसके बच्चे की मृत्यु हुयी, पत्नी मानसिक समस्याओं में रही और वह जिनके बीच में सेवा करता था उनसे कोई प्रतिउत्तर प्राप्त नहीं किया l

किस बात ने उसे कठिनाईयों के मध्य सेवा करने की उर्जा दी जब उसने पूरी बाइबल को छह और उसके कुछ हिस्सों को अन्य उन्तीस भाषाओं में अनुवाद किया l “मैं परिश्रम कर सकता हूँ,” उसने कहा l “मैं किसी भी निश्चित लक्ष्य/उद्य्यम में दृढ रह सकता हूँ l” हर तरह की प्ररिक्षाओं का सामना करते हुए उसने परमेश्वर की सेवा जारी रखी l

मसीह के प्रति यह निरंतर निष्ठा ही है जिसके विषय इब्रानियों का लेखक सलाह देता है l वह अपने पाठकों से जब वे परमेश्वर का आदर करने का प्रयास कर रहे हैं उनसे “आलसी [नहीं बनने] (इब्रानियों 6:12) का आह्वान करता है, परन्तु अंत तक पूरी आशा के लिए . . . प्रयत्न [करने को कहता है] (पद.11) l उसने उनको आश्वस्त किया कि परमेश्वर “तुम्हारे काम, और उस प्रेम को भूल [नहीं सकता है], . . .  जो तुम ने उसके नाम के लिए . . . दिखाया [है] (पद.10) l

विलियम कैरी के जीवन के अंतिम वर्षों में, उसने स्मरण किया कि किस प्रकार निरंतर परमेश्वर ने उसकी ज़रूरतों को पूरी किया l “वह कभी भी अपने वादे में चूका नहीं, इसलिए मैं भी उसकी सेवा में कभी विफल नहीं हूँगा l” परमेश्वर हमें भी प्रतिदिन उसकी सेवा करने में सामर्थी बनाए l