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Articles by बिल क्राऊडर

एक नाम में क्या है?

“जिप” हार्डिन, एक मेथोडिस्ट प्रचारक ने अपनी आशा और अभिलाषा को दर्शाते हुए अपने छोटे बेटे का नाम प्रसिद्ध प्रचारक जॉन वेस्ली के नाम पर रखा l हालाँकि, यह दुखद था कि जॉन वेस्ली हार्डिन, ने मिशनरी हमनाम के विपरीत अलग मार्ग का चुनाव किया l बयालिस लोगों की हत्या करने का दावा करते हुए, हार्डिन पश्चिमी अमरीका का 1800 वीं सदी के अंतिम काल का सबसे कुख्यात बन्दुक युद्ध में शामिल लड़ाका और अपराधी बना l

वर्तमान के अनेक संस्कृतियों की तरह,  बाइबल में, नाम का विशेष महत्त्व दिखाई देता है l परमेश्वर पुत्र के जन्म की घोषणा के समय, एक स्वर्गदूत ने युसूफ से मरियम के पुत्र का नाम यीशु, रखने को कहा, “क्योंकि वह अपने लोगों का उनके पापों से उद्धार करेगा” (मत्ती 1:21) l यीशु नाम का अर्थ “प्रभु उद्धार करता है” जो पापों से बचाने के उसके मिशन/उद्देश्य को प्रमाणित किया l

हार्डिन के विपरीत, यीशु पूरी रीति से और संतोषजनक तरीके से अपने नाम के अनुकूल जीवन व्यतीत किया l उसने बचाने के अपने मिशन को पूरा किया l यूहन्ना ने यीशु के नाम की जीवन देनेवाली सामर्थ की यह कहकर पुष्टि की, “परन्तु यह इसलिए लिखे गए हैं कि तुम विश्वास करो कि यीशु ही परमेश्वर का पुत्र मसीह है और विश्वास करके उसके नाम से जीवन पाओ” (यूहन्ना 20:31) l प्रेरितों के काम पुस्तक सबको उस पर भरोसा करने के लिए बुलाता है, क्योंकि, “स्वर्ग के नीचे मनुष्यों में और कोई दूसरा नाम नहीं दिया गया, जिसके द्वारा हम उद्धार पा सकें” (प्रेरितों 4:12) l

यीशु के अतुलनीय नाम पर विश्वास करनेवाले उसके द्वारा अपने लिए क्षमा और आशा का अनुभव् करेंगे l क्या आपने अभी तक उसका नाम पुकारा है?

स्काई गार्डन

जब मैं लंदन में था तो एक मित्र ने मेरी पत्नी मार्लीन और मेरे लिए स्काई गार्डन की यात्रा की व्यवस्था की। यह गार्डन पैंतीस मंजिला इमारत की छत पर बना है जिसका ढांचा (छत और दीवारें) कांच की हैं और वहां पौधे, पेड़ और फूल हैं। वहां 500 फीट की ऊंचाई से नीचे देखते हुए हम सेंट पॉल कैथेड्रल, टॉवर ऑफ लन्दन, और अन्य दृश्यों की सराहना कर रहे थे। यह लुभावना दृश्य हमारे देखने के नजरिए पर एक उपयोगी सबक दे रहा था।

परमेश्वर हमारे हर अनुभव को अपने नज़रिए से देखते हैं। भजनकार ने लिखा, "क्योंकि यहोवा ने अपने ऊंचे और पवित्र स्थान से दृष्टि ...; "(भजन संहिता 102:19-20 )

भजन संहिता 102 में वर्णित लोगों के समान, हम भी अक्सर निराशा से "तड़पते हुए" अपने संघर्षों के साथ वर्तमान में कैद हो जाते हैं, ऐसा संभव नही कि परमेश्वर न जानते हों कि हमारेजीवन में क्या होने वाला है। जैसे भजनकार ने आशा की, कि परमेश्वर का नज़रिया ऐसा छुटकारा देगा  जो अंत में “घात होन वालों: को भी छुड़ा लेगा" (पद 20, 27-28)।

कठिन क्षणों में, याद रखें: भले ही आगे होने बातों की हमें जानकारी न हो, परन्तु हमारे परमेश्वर को निश्चय है।  हम हर आने वाले क्षण के लिए उन पर भरोसा कर सकते हैं।

समय बताना

“पश्चिम के देश के लोगों के पास घड़ियाँ होती हैं l अफ्रीकियों के पास समय होता है l” ऑस गिनिस ने अपनी पुस्तक इम्पॉसिबल पिपल में  एक अफ़्रीकी कहावत का सन्दर्भ देते हुए यह कहा l यह मुझे उन समयों पर विचार करने को विवश किया जब मैंने किसी निवेदन का उत्तर, “मेरे पास समय नहीं है” से दिया था l मैंने विचार किया कि किस तरह अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य पीड़ादायक होता है, और कार्यक्रम और काम को पूरा करने का निर्धारित समय जो मेरे जीवन पर अधिकार रखता है l 

मूसा ने भजन 90 में प्रार्थना की, “हम को अपने दिन गिनने की समझ दे कि हम बुद्धिमान हो जाएं” (पद.12) l और पौलुस लिखता है, “इसलिए ध्यान से देखो, कि कैसी चाल चलते हो . . . अवसर को बहुमूल्य समझो, क्योंकि दिन बुरे हैं” (इफिसियों 5:15-16) l

मेरा अनुमान है कि पौलुस और मूसा इस बात में सहमत होंगे कि हमारे द्वारा समय का बुद्धिमत्ता से उपयोग केवल घड़ी देखना नहीं है l स्थिति हमें एक सख्त कार्यक्रम के पालन करने को विवश करेगी या हम अपने समय के बढ़ाए हुए भाग का उपहार किसी को देंगे l

इस संसार में हमारे पास मसीह के लिए अंतर लाने के लिए बहुत थोड़ा समय है और हमें उस अवसर को बढ़ाने की ज़रूरत है l इसका मतलब है कि मसीह जिन व्यक्तियों को हमारे जीवनों में आने देता है उन तक मसीह के धीरजवंत प्रेम को दिखाने के लिए हमें अपने घड़ियों और अपनी योजनाओं को थोड़े समय के लिए अलग रखना होगा l

जब हम अनंत मसीह की सामर्थ और अनुग्रह में जीवन बिताते हैं, हम अनंत के लिए अपने समय को प्रभावित करते हैं l

घड़ियाँ और कैलेंडर

मेरे पिता की मृत्यु 58 वर्ष की उम्र में हुई l उस समय से, मैं ठहर कर उस तारीख को अपने पिता और मेरे जीवन पर उनके प्रभाव को याद करता हूँ l जब मैंने पहचाना कि मैंने उनके साथ  रहने से अधिक उनके बिना  जीवन बिताया है, तो मैंने अपने जीवन की संक्षिप्तता पर विचार करने लगा l

पिछली बातों पर विचार करते समय, हम समय के किसी घटना और हमारे हृदयों में उससे उत्पन्न होने वाली भावनाओं से भी संघर्ष करते हैं l समय को घड़ियों और कैलन्डरों की सहायता से मापने  के बावजूद भी हम घटनाओं के कारण समय को याद करते हैं l जीवन के उन क्षणों में जो गहरी भावनाएं उत्पन्न करता हैं, हम आनंद, हानि, आशीष, पीड़ा, सफलता, और पराजय का अनुभव कर सकते हैं l

बाइबल हमें उत्साहित करती है : “हे लोगों, हर समय उस पर भरोसा रखो; उससे अपने अपने मन की बातें खोलकर करो; परमेश्वर हमारा शरणस्थान है” (भजन 62:8) l यह कथन आरामदायक समय का नहीं है l शत्रुओं से घिरे हुए दाऊद ने इन शब्दों को लिखा (पद.3-4) l ऐसी स्थिति में भी, वह परमेश्वर के सामने ठहरा रहा (पद.1,5) जिससे हम याद करते हैं कि परमेश्वर का अपराजित प्रेम (पद.12) संघर्ष के उन सभी समयों से कहीं महान है जिसका हम सामना करते हैं l

हर एक घटना में, हमें यह भरोसा है : हमारा परमेश्वर हमारे साथ खड़ा है, और वह हमारे जीवनों के सभी क्षणों में भरोसेमंद से कहीं बढ़कर है l जब जीवन के समय हमें पराजित करने की कोशिश करें, उसकी सहायता सही समय पर मिलेगी l

बाबुश्का महिला

1963 में अमरीकी राष्ट्रपति जॉन एफ. कैनेडी की हत्या सम्बंधित रहस्यों में “बाबुश्का महिला” एक रहस्य है l मूवी कैमरा द्वारा उन घटनाओं की ली गयी तस्वीरों में, वह पकड़ में नहीं आयी है l यह रहस्यमयी महिला, जो एक ओवरकोट और स्कार्फ(रुसी बूढ़ी महिला  की तरह दिखाई देती हुई) पहनी हुई दिखाई देती है, की पहचान नहीं हुई है और उसकी फिल्म कभी नहीं देखी गयी है l दशकों से, इतिहासकार और विद्वानों का अनुमान है कि भय ने “बाबुश्का महिला” को उस नवम्बर की दुखद शाम की अपनी कहानी बताने से रोका है l

यीशु के शिष्यों के छिप जाने के पीछे किसी तरह का अनुमान लगाना ज़रूरी नहीं है l वे उन अधिकारियों के भय से जिन्होंने उनके स्वामी की हत्या की थी दुबक गए थे (यूहन्ना 20:19) और सामने आकर अपने अनुभव बताने से हिचकिचा रहे थे l किन्तु तब ही यीशु मृतकों में से जी उठा l पवित्र आत्मा के आने के बाद मसीह के अनुयायियों का जो एक समय डरे हुए थे अब शांत रखना असंभव था! पेंतिकुस्त के दिन, पवित्र आत्मा की सामर्थ्य से पूर्ण शमौन पतरस ने घोषणा की, “अतः अब इस्राएल का सारा घराना निश्चित रूप से जान ले कि परमेश्वर ने उसी यीशु को जिसे तुम ने क्रूस पर चढ़ाया , प्रभु भी ठहराया और मसीह भी” (प्रेरितों 2:36) l

यीशु के नाम में निडरतापूर्वक बोलने का अवसर निर्भीक लोगों अथवा सेवा को जीविका के रूप में लेने का प्रशिक्षण प्राप्त करनेवालों तक सीमित नहीं है l यह तो अन्तर्निवास करनेवाला पवित्र आत्मा है जो यीशु का सुसमाचार बताने की योग्यता देता है l उसकी सामर्थ्य से, हम साहस का अनुभव करके दूसरों के साथ अपने उद्धारकर्ता के विषय में बताते हैं l  

नहीं लौटने का स्थान

एक और नदी पार करने की तरह यह इतना सरल नहीं था l कानून के अनुसार, कोई भी रोमी सेनापति सेना के टुकड़ी के साथ रोम में प्रवेश नहीं कर सकता था l  इसलिए जब जुलियस सीज़र ई.पू. 49 में सेना की 13 वीं टुकड़ी को रुबिकोन नदी के पार इटली में प्रवेश कराया, यह राजद्रोह था l सीज़र का निर्णय बदला नहीं जा सकता था, और रोम के महान सेनापति का पूर्ण शासक बनने तक गृह-युद्ध होता रहा l  आज भी, वाक्यांश “रुबिकोन नदी पार करना,” अलंकार “जहां से लौटा नहीं जा सकता है उस स्थान को पार करना” के रूप में उपयोग किया जाता है l

कभी-कभी हम दूसरों को कुछ बोलकर सम्बन्धात्मक रुबिकोन नदी पार कर देते हैं l कहे गए शब्द, वापस नहीं लिए जा सकते हैं l जब ये शब्द हमारे होठों से निकल जाते हैं, उनसे मदद और आराम मिलता है अथवा हानि होती है जो सुधारी नहीं जा सकती, उसी प्रकार जिस तरह सीज़र रोम में प्रवेश किया था l याकूब यह लिखते हुए, शब्दों के विषय एक और चित्रण देता है, “जीभ भी एक आग है; जीभ हमारे अंगों में अधर्म का एक लोक है, और सारी देह पर कलंक लगाती है, और जीवन गति में आग लगा देती है, और नरक कुण्ड कि आग से जलती रहती है (याकूब 3:6) l

जब हमें अहसास हो कि हमने किसी के साथ रुबिकोन नदी पार कर दी है, हम उनसे और परमेश्वर से क्षमा मांग सकते हैं (मत्ती 5:23-24); 1 यूहन्ना 1:9) l किन्तु इससे बेहतर परमेश्वर के पवित्र आत्मा में विश्राम प्राप्त करते हुए, पौलुस की चुनौती पर ध्यान देना है, “तुम्हारा वचन सदा अनुग्रह सहित और सलोना हो” (कुलु. 4:6), ताकि हमारे शब्दों द्वारा केवल प्रभु को आदर ही नहीं मिलेगा, किन्तु हमारे चारों ओर के लोग की उन्नत्ति होगी और वे उत्साहित होंगे l

कब तक?

लुईस कैरल की उत्कृष्ट कृतिएलिस इन वंडरलैंड में, ऐलिस पूछती है, "सदा के लिए कब तक होता है?" व्हाईट रेबिट उत्तर देता है, "कभी-कभी, सिर्फ एक सेकंड ।"

समय का आभास कुछ ऐसा ही था जब मेरे भाई डेविड का अचानक देहांत हो गया। उनकी शोकसभा तक जितने दिन बाकि थे, लंबे लगने लगे जिसने उन्हें खो देने के दुख को और  गहरा बना दिया। हर सेकंड सदा चलने वाले युग के समान प्रतीत होता।

एक दूसरे डेविड (राजा दाउद) ने इस भाव को इस गीत में प्रतिध्वनित किया, हे परमेश्वर, तू कब तक? ...? (भजन संहिता 13:1 -2)। सिर्फ दो छंदों में चार बार वह परमेश्वर से पूछते हैं, "कब तक?" कभी-कभी जीवन के दर्द अंतहीन लगने लगते हैं।

हमारे इस दर्द में हमारे स्वर्गीय पिता हमें अपनी उपस्थिति परवाह से भरते हैं। राजा दाऊद के समान हम अपनी दर्द और पीड़ा के साथ सच्चाई से उनके पास जा सकते हैं, यह जानते हुए कि वह हमें कभी न छोडेंगे और त्यागेंगे (इब्रानियों 13:5)। यह भजनकार भी जान गया था, उसने अपने विलाप को विजयी घोषणा में बदल दिया: परन्तु मैं ने तो तेरी...। "(भजन संहिता 13:5)।

उनकी करूणा  हमें उन संघर्ष के घड़ियों में थाम लेगी, जो अंतहीन प्रतीत होती हैं। हम उनके उद्धार में आनंदित हो सकते हैं।

फ़ोन का ज़ोन

मोबाइल फ़ोन के कारण दूसरों तक हमारी असीमित पहुंच हो गई है। कई लोग वाहन चलाते हुए फोन या टेक्स्ट करते हैं जिससे कभी-कभी भयानक दुर्घटनाएँ होती हैं। कई देशों में ध्यान भंग करके वाहन चलाना गैरकानूनी है। अमेरिका में  हाईवे पर विशेष ज़ोन बने हैं, जहाँ वाहन रोक कर लोग सुरक्षित रूप से जितना चाहें फ़ोन इस्तेमाल कर सकते हैं।

फ़ोन पर बात करते हुए वाहन चलाने पर प्रतिबंध अच्छा है, पर एक ऐसी बातचीत है जिसे करने पर कोई प्रतिबंध नहीं होता: प्रार्थना। परमेश्वर हमें उनसे बात करने को हर समय आमंत्रित करते हैं, आते-जाते समय या जब हम स्थिर हों। नए नियम में, पौलुस के शब्द हर उस व्यक्ति के लिए हैं जो परमेश्वर से बातचीत करना चाहता हैं, “निरन्तर प्रार्थना मे लगे रहो”। साथ ही वह हमें "सदा आनन्दित” रहने" और "सभी परिस्थितियों में धन्यवाद देने" के लिए प्रोत्साहित करता है (1 थिस्सलुनीकियों 5:16-18)। आनन्दित और धन्यवादित रहना-मसीह के द्वारा परमेश्वर पर हमारे विश्वास की अभिव्यक्ति है, निरन्तर प्रार्थना में जिसका लंगर है।

चाहे रोने के लिए हो या लंबी बातचीत के लिए, परमेश्वर सर्वदा हमारे लिए उपलब्ध होते हैं। वह चाहते हैं हम अपनी खुशियों, आभार, इच्छाओं, प्रश्नों और चिंताओं को निरन्तर उनसे साझा करें (इब्रानियों 4:15-16)। हम निरन्तर प्रार्थना के ज़ोन में होते हैं।

सीट बेल्ट पहन लो!

"हम एक हलचल वाले वायुमंडल में प्रवेश कर रहे हैं। कृपया अपनी सीट पर तुरंत लौटें और अपनी सीट बेल्ट को तुरंत और सुरक्षित रूप से पहन लें।" जब आवश्यक हो तो फ्लाइट अटेंडेंट ऐसी चेतावनी देते हैं क्योंकि तूफानी वायुमंडल में, बिना सीट बेल्ट लगाए यात्रियों की घायल होने के सम्भावना होती हैं। अपनी सीट पर बेल्ट लगाकर बैठने पर, वे सुरक्षित रूप से हलचल वाले क्षेत्र के बाहर निकल सकते हैं।

हमारे मार्ग में आने वाली गडबडियों के बारे में आमतौर पर जीवन हमें चेतावनी नहीं देता। परन्तु हमारे प्यारे पिता हमारे संघर्षों को जानते हैं और उनकी परवाह करते हैं, और वह हमें अपनी चिंताओं, दर्द और भय को उनके पास लाने के लिए आमंत्रित करते हैं। बाइबिल बताती है कि “हमारा महायाजक, हमारी निर्बलताओं को जानता है...” (इब्रानियों 4:15–16)।

अशांत ऋतु में  प्रार्थना में हमारे पिता के पास जाना सबसे उत्तम बात है। “आवश्यकता के समय अनुग्रह पाएं”-वाक्यांश का अर्थ है कि उनकी उपस्थिति में हम संकट में शांति की सुरक्षा की “बेल्ट” लगा सकते हैं, क्योंकि हम अपनी चिंताओं को उनके पास ले जाते हैं जो उन चिंताओं से बड़े हैं! जब जीवन बोझिल लगने लगे, तो हम प्रार्थना कर सकते हैं। अशांत वातावरण से गुज़रने में वे हमारी मदद कर सकते हैं।