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Articles by मोनिका ब्रांड्स

पूरी तरह संभाला गया

हाल ही में मुझे कॉलेज की अपनी कुछ डायरी मिली जिसे मैं दोबारा पढ़ने के लिए मजबूर हुयी l लेखों को पढ़ते हुए, मैंने महसूस किया कि मैं उस समय खुद के विषय ऐसा महसूस नहीं करती थी l इस समय मैं खुद को अकेलेपन से संघर्ष करते हुए और अपने विश्वास पर शक करते हुए देखकर हरी हुई महसूर करती होती हूँ, किन्तु मुझे याद है कि किस तरह परमेश्वर मुझे बेहतर स्थान पर ले गया था l उन दिनों में परमेश्वर की अगुवाई याद करके आज मैं मजबूत महसूर करती हूँ जो एक दिन उसके चंगा करनेवाले प्रेम की बड़ी कहानी का भाग होगा l

भजन 30 उत्सव भजन है जो आश्चर्य और धन्यवाद के साथ बीते समय में परमेश्वर की सामर्थी चंगाई को याद करता है : रोग से आरोग्यता तक, मृत्यु के डर से जीवन तक, परमेश्वर के न्याय से उसकी कृपादृष्टि तक, विलाप से आनंद तक (पद.2-3,11) l

हम इस भजन में, दाऊद का दर्द-भरा शोक देखते हैं l किन्तु दाऊद ने असाधारण चंगाई का अनुभव भी प्राप्त किया जिसे वह बता पाया, “कदाचित् रात को रोना पड़े, परन्तु उसकी प्रसन्नता जीवन भर की होती है” (पद.5) l समस्त दुःख उठाने के बाद भी, दाऊद ने और भी बड़ी बात खोज ली अर्थात् परमेश्वर का चंगा करनेवाला हाथ l

यदि आज आप दुखित हैं और आपको उत्साह चाहिए, अतीत को याद करें जब परमेश्वर ने आपको चंगाई के स्थान पर लिए चला l भरोसा के लिए प्रार्थना करें कि वह आज भी करेगा l

भरपूर जीवन

जब मैं अपनी बहन के घर गयी, मेरे भांजों ने उत्सुकता से मुझे दैनिक कार्यों का हिसाब रखनेवाला एक कार्य प्रणाली, दिखाया l प्रत्येक रंगीन इलेक्ट्रॉनिक बोर्ड उनके कार्य का हिसाब रखता है l ढंग से किये हुए कार्य अर्थात् एक बच्चा हरा बटन दबा सकता है, जो उनके “खर्च” अकाउंट में अंक जोड़ता है l पीछे का दरवाजा खुला छोड़ने जैसा एक गलत कार्य के लिए दण्ड देना पड़ता है जिससे कुल योग से अंक कम हो जाता है l उच्च अंक कंप्यूटर समय प्राप्त करने के समान आकर्षक पुरस्कार देता है-और गलत कार्य कुल योग से अंक कम करता है-मेरे भांजे असामान्य रूप से अपने कार्य करने और दरवाजा बंद रखने के लिए प्रेरित हैं l

यह शानदार प्रणाली मेरे लिए मजाक बन गया कि मुझे यह प्रेरणादायक उपकरण प्राप्त करने की इच्छा हुई! किन्तु वास्तव में परमेश्वर ने हमें प्रेरणा दी है l यूँ ही आज्ञाकारिता का आदेश देने की बजाए, यीशु ने प्रतिज्ञा की है कि उसका अनुसरण करनेवाला जीवन जबकि, कीमती है, बहुतायत का जीवन भी है, “जीवन ... बहुतायत से” (यूहन्ना 10:10) l उसके राज्य में जीवन का अनुभव कीमत से “सौ फीसदी” अधिक है – अभी और अनंत तक (मरकुस 10:29-30) l

हम इस सच्चाई में आनंदित हो सकते हैं कि हम एक उदार परमेश्वर की सेवा करते हैं, और जिसके हम लायक हैं वह उसके अनुसार हमें पुरस्कृत अथवा दण्डित नहीं करता है l वह हमारे कमज़ोर प्रयासों को भी उदारता से स्वीकार करता है-अपने राज्य में पहले आनेवालों के साथ-साथ देर से आनेवालों का भी स्वागत करता हैं और पुरस्कार देता है (देखें मत्ती 20:1-16) l इस सच्चाई के प्रकाश में, आइये हम आज उसकी सेवा आनंदपूर्वक करें l

घर की सफाई

हाल ही में मुझे अपना कमरा बदलने में अपेक्षाकृत अधिक समय लगा, क्योंकि मुझे एक सम्पूर्ण नया और सुव्यवस्थित आरंभ चाहिए था l पुराने कमरे की घंटों सफाई और छंटाई के बाद, सामान भरे हुए थैले फेंकने, बांटने, या पुनर्चक्रण के लिए मेरे दरवाजे पर थे l किन्तु इस थकाऊ प्रक्रिया के अंत में मेरे रहने के लिए एक सुन्दर कमरा था l

 मुझे घर साफ़ करने की योजना से 1 पतरस 2:1 पढ़ते समय एक नूतन दृष्टिकोण प्राप्त हुआ, जैसे द मेसेज (बाइबिल) में सरल ढंग से लिखा गया है : “इसलिए, घर साफ़ करें! बैरभाव और छल, डाह और निंदा को पूरी तौर से हटाएँ l” रुचिकर बात यह है, नए जीवन के आनंददायक अंगीकार के बाद (1:1-12) पतरस मसीह में उनसे हानिकारक व्यवहार हटाने को कहता है (1:13-2:3) l जब परमेश्वर के साथ हमारी चाल अव्यवस्थित और दूसरों के लिए हमारा प्रेम अस्वाभाविक लगे, यह हमारे उद्धार पर प्रश्न न उठाए l हम बचेंगे के लिए नहीं किन्तु हम बचे हुए हैं के कारण अपना जीवन बदलते हैं (1:23) l

मसीह में नए जीवन की वास्तविकता की तरह, हमारे बुरे आचरण रातों रात गायब नहीं होते l हमें प्रति दिन “घर की सफाई” करनी है, दूसरों को प्रेम करने से रोकनेवाली(1:22) और उन्नति में बाधक(2:2) बातों को हटाना है l तब, उस नए स्थान में, हम मसीह की सामर्थ्य और जीवन द्वारा नूतन निर्माण (पद.5) का आश्चर्य अनुभव करेंगे l

कोई भरोसेमंद व्यक्ति

मेरी सहेली आँसुओं से बोली, “कोई भरोसेमंद नहीं है l भरोसा करने पर, वे हर समय मुझे दुःख देते हैं l” मैं उसकी कहानी से क्रोधित हुयी-एक भरोसेमंद पूर्व मित्र, ने उनके बीच सम्बन्ध टूटने पर अफ़वाहें फैलाने लगा l पीड़ादायक बचपन के बाद पुनः भरोसा करने हेतु प्रयासरत, यह धोखा मात्र एक और पुष्टिकरण था कि लोग भरोसेमंद नहीं हैं l

मुझे सुखकर शब्द नहीं मिला l एक बात मैं न  कह सकी कि उसका यह ख्याल गलत था कि पूर्ण भरोसेमंद व्यक्ति खोजना कठिन है, अर्थात् अधिकतर लोग पूर्ण दयालु और भरोसेमंद हैं l उसकी कहानी दर्दनाक थी, और मैंने अपने जीवन में अनपेक्षित धोखे के क्षण याद किये l वस्तुतः, वचन मानवीय स्वभाव के विषय बहुत निष्पक्ष है l नीतिवचन 20:6 में, लेखक भी मेरी सहेली की तरह धोखे के दर्द को हमेशा याद करके विलाप करता है l

मैं यह कह सकती हूँ कि  दूसरों की क्रूरता कहानी का केवल एक हिस्सा है l यद्यपि दूसरों का दिया हुआ घाव वास्तविक और पीड़ादायक है, यीशु ने सच्चा प्रेम सम्भव किया है l यूहन्ना 13:35 में, यीशु ने अपने शिष्यों से कहा कि संसार उनके प्रेम से जानेगा कि वह उसके शिष्य हैं l यद्यपि कुछ लोग हमें दुःख देंगे, यीशु के कारण हमेशा ऐसे लोग होंगे जो, खुलकर उसका प्रेम बाँटकर, हमें शर्तहीन सहयोग देकर देखभाल करेंगे l उसके अक्षय प्रेम में विश्राम करते हुए, चंगाई, संगति, और उसकी तरह प्रेम करने का साहस प्राप्त करें l