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Articles by सोचितल डिक्सॉन

जयवन्त से बढ़कर

जब मेरे पति ने हमारे बेटे की लिटिल लीग बेसबॉल टीम को कोचिंग दीए तो उन्होंने खिलाड़ियों को साल के अंत की पार्टी के साथ पुरस्कृत किया और उनमें हुये सुधार को स्वीकार किया। हमारे सबसे युवा खिलाड़ियों में से एक डस्टिन ने कार्यक्रम के दौरान मुझसे संपर्क किया “क्या आज हमने मैच नहीं  हारे?” मैंने बोला “हाँ,लेकिन हमें अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए आप पर गर्व है।”

“मुझे पता है”, उसने  कहा।  “लेकिन हम हार गए। सही?”

मैने सिर हिलाकर सहमति दी।

“तो मैं एक विजेता की तरह क्यों महसूस करता हूँ?” डस्टिन ने पूछा।

मुस्कुराते हुए मैंने कहा, “क्योंकि तुम विजेता हो।”

डस्टिन ने सोचा था कि एक गेम हारने का मतलब है कि वह तब भी असफल रहा जब उसने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। यीशु में विश्वासियों के रूप में हमारी लड़ाई खेल के मैदान तक ही सीमित नहीं है। फिर भी, जीवन के कठिन समय को हमारे मूल्य के प्रतिबिंब के रूप में देखना अक्सर लुभावना होता है।

प्रेरित पौलुस ने हमारे वर्तमान दुखों और परमेश्वर की सन्तान के रूप में हमारी भविष्य की महिमा के बीच संबंध की पुष्टि की। हमारे लिए अपने आप को दे देने के बाद, यीशु पाप के साथ हमारी चल रही लड़ाई के दौरान हमारी ओर से काम करना जारी रखता है और हमें उसकी समानता में बदल देता है  (रोमियों 8:31–32)। यद्यपि हम सभी कठिनाई और उत्पीड़न का अनुभव करेंगे, परमेश्वर का अटूट प्रेम हमें बनें रहने में मदद करता है(पद 33–.34)। उसकी सन्तान के रूप में, हमें अपने मूल्य को परिभाषित करने के लिए संघर्षों को अनुमति देने के लिए प्रलोभित हो सकते हैं, फिर भी हमारी अंतिम जीत निश्चित है। हम रास्ते में ठोकर खा सकते हैं, लेकिन हम हमेशा  जयवन्त से बढ़कर  रहेंगे  (पद 35–39)।

बचाव अभियान

ऑस्ट्रेलिया में एक कृषि पशु बचाव संगठन के स्वयंसेवकों  को  एक भटकती हुई भेड़ मिली जो  34 किलो से अधिक गंदी, उलझी हुई ऊन के बोझ से दबी  थी। बचाव दल को संदेह था कि भेड़  भूल से,  कम से कम पांच साल से खोई हुई थी, और झाडी में फंसी थी। स्वयंसेवकों ने उसके भारी ऊन को कष्टप्रद प्रक्रिया द्वारा काटा  और उसे शांत किया। एक बार अपने बोझ से मुक्त होकर, बराक ने अच्छी तरह खाया । उसके पैर मजबूत हो गए।  शरणस्थान में अपने बचाव दल और अन्य जानवरों के साथ समय बिताने के साथ–साथ वह और अधिक आश्वस्त और संतुष्ट हो गया।

भजनहार दाऊद ने भारी बोझ से दबे होने, भूले हुए और खोए हुए महसूस करने और बचाव अभियान के लिए बेताब होने के दर्द को समझा। भजन संहिता 38 में, दाऊद ने परमेश्वर की दोहाई दी। उसने अलगाव, विश्वासघात, और लाचारी का अनुभव किया था (पद 11–14)। फिर भी, उसने पूरे विश्वास के साथ प्रार्थना की, “हे प्रभु, मैं तेरी बाट जोहता हूं, हे मेरे परमेश्वर यहोवा, तू उत्तर देगा (पद 15)। दाऊद ने अपनी दुर्दशा से इनकार नहीं किया, या अपने आंतरिक कष्ट और शारीरिक बीमारियों को कम नहीं किया  (पद 16–.20)। इसके बजाय, उसने भरोसा किया कि परमेश्वर निकट होगा और उसे सही समय पर और सही तरीके से उत्तर देगा (पद 21– 22) ।

जब हम शारीरिक, मानसिक, या भावनात्मक बोझों से बोझिल महसूस करते हैं, जिस दिन से उसने हमें बनाया है उस दिन से परमेश्वर उस बचाव अभियान के प्रति वचनबद्ध है जिसकी उसने योजना बनाई थी। हम उसकी उपस्थिति पर भरोसा कर सकते हैं जब हम उसे पुकारते हैं, “हे मेरे प्रभु, और मेरे उद्धारकर्ता, मेरी सहायता के लिये फुर्ती कर (पद 22)।

परमेश्वर के वचन की सामर्थ्य

1968 में क्रिसमस की पूर्व संध्या पर, अपोलो 8 अंतरिक्ष यात्री-फ्रैंक बोरमैन, जिम लोवेल और बिल एंडर्स चंद्र कक्षा में प्रवेश करने वाले पहले इंसान बने। जैसे उन्होंने चाँद की परिक्रमा दस बार की, उन्होंने चाँद और पृथ्वी की तस्वीरों को साझा किया। एक लाइव प्रसारण के दौरान, उन्होंने बारी-बारी से उत्पत्ति 1 को पढ़ा। चालीसवीं वर्षगांठ समारोह में, बोरमैन ने कहा, “हमें बताया गया था कि क्रिसमस की पूर्व संध्या पर हमारे पास मानव आवाज सुनने वाले सबसे ज्यादा दर्शक होंगे। और नासा से हमें केवल यही निर्देश मिला था कि हम कुछ उचित करें।” अपोलो 8 अंतरिक्ष यात्रियों द्वारा बोले गए बाइबल के पद आज भी ऐतिहासिक रिकॉर्डिंग सुनने वाले लोगों के दिलों में सच्चाई के बीज बोते हैं।

यशायाह भविष्यद्वक्ता के द्वारा, प्रभु कहते हैं “कान लगाओ, और मेरे पास आओ; सुनो, तब तुम जीवित रहोगे; ”(यशायाह 55:3)। उद्धार के अपने मुफ्त प्रस्ताव को प्रकट करते हुए,  वह हमें अपने पापों से मुड़ने और उनकी दया और क्षमा को ग्रहण करने के लिए आमंत्रित करते हैं (vv. 6-7)।  वह अपने विचारों और कार्यों के दिव्य अधिकार की घोषणा करते हैं, जो वास्तव में समझने के लिए हमारे लिए बहुत विशाल है (vv. 8-9)। 

फिर भी, परमेश्वर हमें पवित्रशास्त्र के जीवन बदलने वाले शब्दों को बाँटने का अवसर देते हैं, जो यीशु को केन्द्रित करता, और पुष्टि करता है कि अपने लोगों की आत्मिक बढ़ौती के लिए वे ही जिम्मेदार है (vv.10-13)। 

पवित्र आत्मा हमें सुसमाचार बाँटने में मदद करता है जैसे पिता अपनी सिद्ध योजना और गति के अनुसार अपने सारे वादों को पूरा करते तो।

आपसी प्रोत्साहन

अधिक चिकित्सा असफलताओं से मारे जाने के, एक और सप्ताह के बाद, मैं सोफे पर गिर पड़ा । मैं किसी चीज के बारे में सोचना नहीं चाहता था। मैं किसी से बात करना नहीं चाहता था। मैं प्रार्थना तक नहीं कर पा रहा था। जैसे ही मैंने टीवी ऑन किया निराशा और शंका ने मुझे भारी कर दिया। मैंने एक विज्ञापन देखना शुरू किया जो एक लड़की को अपने छोट्टे भाई से बात करते हुए दिखा रहा था। “तुम एक चैंपियन हो,” जैसे-जैसे वह इसे दृढ़ता के साथ कहती रही, उसकी और साथ में मेरी मुस्कराहट बढ़ गई।

परमेश्वर के लोगों ने हमेशा निराशा और संदेह से संघर्ष किया है। भजन 95 को उद्धृत करते हुए, जो यह पुष्टि करता है कि परमेश्वर की आवाज पवित्र आत्मा के द्वारा सुनी जा सकती है, इब्रानियों के लेखक ने यीशु में विश्वासियों को इस्राएलियों द्वारा की गई उन गलतियों से बचने के लिए आगाह किया जो उन्होंने जंगल में घूमते समय करी थी (इब्रानियों 3:7-11)। “ भाइयो, चौकस रहो कि तुम में ऐसा बुरा और अविश्‍वासी मन न हो, जो तुम्हें जीवते परमेश्‍वर से दूर हटा ले जाए।” उसने लिखा “हर दिन एक दूसरे को समझाते रहो,” (12-13)। 

मसीह में सुरक्षित हमारे आशा की जीवन रेखा के साथ, हम ऊर्जा से भरपूर ईंधन अनुभव कर सकते हैं जिसे हमें बनाए रखने की आवश्यकता है: विश्वासियों की संगति में आपसी प्रोत्साहन (v.13)। जब एक विश्वासी संदेह करता है, दूसरे विश्वासी प्रतिज्ञान और जवाबदेही की पेशकश कर सकते हैं। जैसे-जैसे परमेश्वर हमें सामर्थी बनाते हैं, उसके लोग, हम एक दूसरे को आपसी प्रोत्साहन की सामर्थ प्रदान कर सकते हैं।

स्थायी आशा

डॉक्टरों ने चार वर्षीय सोलोमन का ड्यूकेन मस्क्युलर डिस्ट्रॉफी (Duchenne Muscular Dystrophy) मांशपेशियों का कमज़ोर व पतली होने की बीमारी के साथ निदान किया l एक साल बाद, डॉक्टरों ने परिवार के साथ व्हीलचेयर के सम्बन्ध में चर्चा की l लेकिन सोलोमन ने विरोध किया कि उसे इसकी ज़रूरत नही पड़ेगी l परिवार और मित्रों ने उसके लिए प्रार्थना की और एक पेशवर प्रशिक्षित सेवा कुत्ते (प्रोफेशनलली ट्रेन्ड सर्विस डॉग/ professionally trained service dog) के लिए धन जुटाया ताकि यथासंभव लम्बे समय तक सोलोमन को व्हीलचेयर से बाहर रखने में सहायता मिल सके l टेल्स of लाइफ(Tails of Life) संगठन, जिसने मेरे कुत्ते कैली को प्रशिक्षित किया था वर्तमान में एक और कुत्ते को सोलोमन की सेवा करने के लिए तैयार कर रहा है l 

यद्यपि सोलोमन अपने इलाज को स्वीकार करता है, अक्सर परमेश्वर की प्रशंसा में एक गीत गाता है, कुछ दिन कठिन भी होते हैं l उन कठिन दिनों में से एक में, सोलोमन ने अपनी माँ को गले लगाकर बोला, “मुझे ख़ुशी है कि स्वर्ग में कोई ड्यूकेन बीमारी नहीं है l”

बीमारी के अपक्षयी प्रभाव अनंतकाल के इस पक्ष के सभी लोगों को प्रभावित करते हैं l लेकिन, सोलोमन की तरह, हमारे पास एक स्थायी आशा है जो उन अपरिहार्य कठिन दिनों में हमारे संकल्प को मजबूत कर सकती है l परमेश्वर हमें “नया आकाश और नयी पृथ्वी” की प्रतिज्ञा देता है (प्रकाशितवाक्य 21:1) l हमारा सृष्टिकर्ता हमारे साथ अपना घर बनाकर हमारे बीच में “निवास” करेगा (पद.3) l वह हमारी आँखों से “सब आँसू पोंछ डालेगा; और इसके बाद मृत्यु न रहेगी, और न शोक, न विलाप, न पीड़ा रहेगी” (पद.4) l जब प्रतीक्षा “बहुत कठिन” या “बहुत लम्बी” लगती हो हम शांति का अनुभव कर सकते हैं क्यंकि परमेश्वर की प्रतिज्ञा पूरी होगी l 

एक साथ बेहतर

मेरी, एक अकेली कामकाजी माँ, शायद ही कभी चर्च या बाइबल अध्ययन से चूकती थी l प्रत्येक सप्ताह, वह अपने पांच बच्चों के साथ बस से चर्च आना- जाना करती थी और वहां तैयारी में और सफाई करने में सहायता करती थीI

एक रविवार, पास्टर ने मेरी से कहा कि चर्च के कुछ सदस्यों ने उसके परिवार के लिए उदार उपहार दिए हैं l एक पति-पत्नी ने उस परिवार को कम किराये पर एक घर उपलब्ध कराया l एक और जोड़े ने अपनी कॉफ़ी की दूकान में उसे लाभदायक नौकरी दी l एक युवक ने उसे मरम्मत की हुयी अपनी एक पुरानी कार दी और व्यक्तिगत मैकेनिक के रूप में सेवा देने के लिए प्रतिज्ञा की l मेरी ने परमेश्वर और परस्पर सेवा में समर्पित समुदाय में रहने के आनंद के लिए परमेश्वर को धन्यवाद दिया l 

यद्यपि हम मेरी के चर्च परिवार की तरह उदारता से देने में सक्षम न हों, परन्तु, परमेश्वर के लोगों को परस्पर मदद करने के लिए बनाया गया है l सुसमाचार लेखक लूका यीशु में विश्वासियों का “प्रेरितों से शिक्षा पाने, संगति रखने में . . . लौलीन” रहने का वर्णन करता है (प्रेरितों 2:42) l जब हम सहायता करने के साथ साथ अपने संसाधनों को भी जोड़ देते हैं, तब हम यीशु में होकर, आरंभिक विश्वासियों की तरह ज़रूरतमंदों की सहायता कर सकते हैं (पद.44-45) l जब हम परमेश्वर और एक दूसरे के साथ की निकटता में बढ़ते है, तब हम एक दूसरे की देखभाल कर सकते हैं l परमेश्वर के लोगों के कार्यों द्वारा उसके प्रेम की साक्षी का प्रदर्शन दूसरों को यीशु तक पहुंचा सकता I(46-47) l 

हम एक मुस्कराहट और दयालु कार्य द्वारा दूसरों की सेवा कर सकते हैं l हम वित्तीय उपहार(गिफ्ट मनी) या प्रार्थना की पेशकश कर सकते हैं l जब परमेश्वर हमारे भीतर और हमारे द्वारा कार्य करता है, तो हम सरलता से एक साथ बेहतर होते हैं l 

आनन्दित होने के कारण

जब मिस ग्लेंडा चर्च सभा क्षेत्र में आईं, तो उनके संक्रामक आनंद ने कमरे को भर दिया। वह अभी एक कठिन चिकित्सा प्रक्रिया से उबरी थी। जैसे ही चर्च सभा समाप्त होने के बाद सामान्य अभिवादन के लिए वह मेरी तरफ आयी, मैंने परमेश्वर को धन्यवाद दिया इतने वर्षों में उन सभी समयों के लिए जब वह मेरे साथ रोती, मुझे कोमलता से सुधारती और मुझे प्रोत्साहन देती। उन्होंने मुझसे माफी भी मांगी है जब उन्हें लगा कि उन्होंने मेरी भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। कैसी भी परिस्थिति हो, उन्होंने हमेशा मुझे अपने संघर्षों को ईमानदारी से साझा करने के लिए आमंत्रित करती है और मुझे याद दिलाती है कि हमारे पास परमेश्वर की स्तुति करने के कई कारण हैं।

मामा ग्लेंडा, जैसे की वह मुझे उन्हें बुलाने देती है, उन्होंने मुझे कोमलता से अपने गले लगा लिया। "हाय, बेबी," उन्होंने कहा। हमने एक छोटी बातचीत का आनंद लिया और एक साथ प्रार्थना की। फिर वह चली गई - हमेशा की तरह गुनगुनाती और गाती हुई, किसी और को आशीष देने की तलाश में।

भजन संहिता 64 में, दाऊद अपनी शिकायतों और चिंताओं के साथ साहसपूर्वक परमेश्वर के पास पहुँचा (पद 1)। उसने अपने आस-पास में हो रही दुष्टता से निराश होकर आवाज़ उठाई (पद 2-6)। उसने परमेश्वर की शक्ति या उसके वादों की विश्वसनीयता में विश्वास नहीं खोया (पद 7-9)। वह जानता था कि एक दिन धर्मी लोग यहोवा के कारण आनन्दित होंगे, और उसकी शरण लेंगे; सब सीधे मन के लोग उस की बड़ाई करेंगे!” (पद 10 )।

यीशु की वापसी की प्रतीक्षा करते हुए, हम कठिन समय का सामना करेंगे। लेकिन हमारे पास हमेशा परमेश्वर द्वारा बनाए गए प्रत्येक दिन में आनन्दित होने के कारण होंगे।

दुखी और आभारी

मेरी माँ की मृत्यु के बाद, उनके एक साथी कैंसर रोगी ने मुझसे संपर्क किया। "तुम्हारी माँ मुझ पर बहुत दयालु थी," उन्होंने रोते हुए कहा। "मुझे दुःख है कि मेरे बजाय ...वो मर गयी।"

"मेरी माँ आपसे बहुत प्रेम करती थी" मैंने कहा। "हमने प्रार्थना किया था  कि परमेश्वर आपको अपने लड़कों को बड़े होते हुए देखने दे" उनका हाथ पकड़कर मैं उनके साथ रोया और परमेश्वर से उनके लिए सहायता मांगी कि वह शांति के साथ दुःख सह पाए। मैंने उनकी क्षमा के लिए भी धन्यवाद दिया जिसके द्वारा वह अपने पति और दो बढ़ते बच्चों से प्यार करना जारी रख पायी।

बाइबल दुःख की जटिलता को प्रकट करती है जब अय्यूब ने लगभग सब कुछ खो दिया, जिसमें उसके सभी बच्चे भी शामिल थे। अय्यूब शोकित हुआ और "भूमि पर गिर पड़ा और दण्डवत् करके" (अय्यूब 1:20)। एक टूटा –हृदय आशावादी कार्य समर्पण और कृतज्ञता की अभिव्यक्ति के साथ, उसने कहा, "यहोवा ने दिया और यहोवा ही ने लिया; यहोवा का नाम धन्य है” (पद 21)। जबकि अय्यूब को आगे अपने शोक और परमेश्वर द्वारा अपने जीवन के पुनर्निर्माण के लिए अत्यंत संघर्ष करना था, किन्तु इस क्षण में उसने अच्छी और बुरी परिस्थितियों पर परमेश्वर के अधिकार को स्वीकार किया और आनन्दित भी हुआ।

परमेश्वर उन कई तरीकों को समझता है जिन्हें हम भावनाओं में दर्शाते और संघर्ष करते हैं। वह हमें ईमानदारी और ये यह स्वीकारते हुए कि हम कमज़ोर है शोक करने के लिए आमंत्रित करता है। यहां तक ​​कि जब दुख अंतहीन और असहनीय लगता है, तब भी परमेश्वर दृढ़तापूर्वक कहते हैं की वह न बदला है और न बदलेगा। इस वादे के साथ, परमेश्वर हमें शांति देता है और हमें उसकी उपस्थिति के लिए आभारी होने के लिए सशक्त बनाता है।

एक स्वर्गीय पुनर्मिलन

मेरी माँ का मृत्यु-लेख लिखते समय, मृत शब्द स्वर्ग में हमारे वादा किए गए पुनर्मिलन में मुझे जो आशा थी, उसके लिए बहुत अंतिम लग रहा था। इसलिए, मैंने लिखा: “यीशु की बाहों में उसका स्वागत किया गया।” अभी भी जब मैं कुछ दिन बहुत अधिक वर्तमान पारिवारिक तस्वीरों को देखते हुए दुखी होता हूँ जिसमें मेरी माँ शामिल नहीं। हालाँकि, हाल ही में मैंने एक चित्रकार की खोज की जो जिन्हें हम खोए हैं उन्हें शामिल करने के लिए पारिवारिक चित्र बनाता है। जो हमसे पहले गए हैं, परिवार की तस्वीर में उन्हें चित्रित करने के लिए कलाकार उन प्रियजनों की तस्वीरों का उपयोग करता है। तूलिका के झोंकों से, यह चित्रकार परमेश्वर के स्वर्गीय पुनर्मिलन के वायदे को दर्शाता है। मेरी माँ को मेरे पास फिर से मुस्कुराते हुए देख के मैं इस सोच पर बहुत आंसू बहाया।

प्रेरित पौलुस पुष्टि करता है की यीशु में विश्वासियों को “दूसरों के समान” शोकित नहीं होना है (1 थिस्सलुनीकियों 4:13)। “क्योंकि यदि हम विश्‍वास करते हैं कि यीशु मरा और जी भी उठा, तो वैसे ही परमेश्वर उन्हें भी जो यीशु में सो गए हैं, उसी के साथ ले आएगा। ” (14)। पौलुस यीशु के दूसरे आगमन को मानता है और दावा करता है की सारे विश्वासी यीशु के साथ फिर मिलेंगे (17)। 

 जब हम किसी प्रियजन जिसने यीशु पर भरोसा किया था के जाने का शोक मनाते हैं  तो स्वर्गीय पुनर्मिलन के लिए परमेश्वर का वायदा हमें सांत्वना दे सकता है। जब हम अपनी अमरता का सामना करते हैं, जीवित राजा के साथ हमारे भविष्य का वादा अनंत आशा प्रदान करता है जब तक यीशु वापस न आए या हमें घर न बुलाएं।