कमरे में मिश्रित मनमोहक रंगों की बहार दिखाई दी जब खूबसूरत साड़ियों में सजी स्त्रियाँ धन-संग्रह कार्यक्रम को अंतिम रूप दे रहीं थीं l भारत में जन्मी ये स्त्रियाँ अब अमरीकी नागरिक होकर भी अपने जन्मस्थान के लिए चिंतित हैं l उन्होंने Autism बीमारी से प्रभावित बच्चों के एक मसीही स्कूल की आर्थिक स्थिति जानकार, व्यवहारिक उत्तर दिया l

नहेम्याह ने साक़ी की अपनी आरामदायक पदवी और उस समय के सबसे ताकतवर व्यक्ति का उस पर भरोसे को अपने देशवासियों के प्रति अपनी चिंता के लिए प्रभावहीन किया l उसने नगर और नागरिकों की हालात जानने आये यरूशलेम वासियों से बातचीत की (नहे. 1:2) l उसने जाना कि “ बचे हुए लोग बन्धुआई से छूटकर …. बड़े दुर्दशा में पड़े हैं, और उनकी निंदा होती है l क्योंकि शहरपनाह टूटी हुई, और उसके फाटक जले हुए हैं” (पद. 3) l

नहेम्याह अति दुखित हुआ l उसने विलाप, उपवास, और प्रार्थना करके परमेश्वर से उस भयंकर स्थिति में सहायता मांगी (पद. 4) l परमेश्वर ने नहेम्याह को उस पुनःनिर्माण का नेतृत्त्व करने यरूशलेम लौटने योग्य बनाया (2:1-8) l

नहेम्याह अपने लोगों के लिए महान उपलब्धि प्राप्त की क्योंकि उसने अपने महान परमेश्वर से महान बातें मांगकर उसपर निर्भर रहा l परमेश्वर हमारे चारों ओर की ज़रुरतों के प्रति हमारी आँखें खोलकर हमें दूसरों को आशीष देने हेतु जोशीला और रचनात्मक समस्या-निवारक बनाए l