हमारा बेटा नशीली दवाओं की लत से सात वर्षों तक संघर्ष करता रहा, और उन दिनों में मेरी पत्नी और मैं अनेक कठिन दिनों का अनुभव किये l जब हम उसकी आरोग्यता के लिए प्रार्थना करके ठहरे रहे, हमने छोटी-छोटी जीत का उत्सव मनाना सीखा l चौबीस घंटे में कुछ बुरा नहीं होने पर, हम एक दूसरे से बोलते, “आज का दिन अच्छा था l” यह छोटा वाक्य परमेश्वर की छोटी-से-छोटी सहायता के लिए धन्यवादी बनने की ताकीद बन गयी l
भजन 126:3 में परमेश्वर की कोमल करुणा की और बेहतर ताकीद है और वे हमारे लिए आख़िरकार क्या अर्थ रखते हैं : यहोवा ने हमारे साथ बड़े बड़े काम किये हैं; और इससे हम आनंदित हैं l” क्रूस पर यीशु की करुणा को स्मरण करते हुए यह पद हमारे लिए कितनी बड़ी ताकीद है! किसी भी प्राप्त दिन की कठिनाइयाँ इस सच्चाई को बदल नहीं सकती कि जो भी आए, हमारे प्रभु ने हमें अगम दयालुता दिखाई है, और “उसकी करुणा सदा की है” (भजन 136:1) l
कठिन परिस्थिति से निकलकर परमेश्वर की विश्वासयोग्यता अनुभव करने के बाद, हमें जीवन में आनेवाली कठिनाई में बहुत अधिक सहायता मिलती है l हमें यह ज्ञात नहीं परमेश्वर हमारी परिस्थिति में हमें कैसे ले चलेगा, किन्तु अतीत में उसकी करुणा हमें उसकी सहायता का भरोसा देता है l
जब हमें परमेश्वर का हाथ नहीं दीखता, हम उसके हृदय पर भरोसा कर सकते हैं l