आप किस लिए याद किये जाएंगे?
चीन के एक बंदी शिविर के प्रांगन में एक पूर्व जापानी का स्मारक पत्थर खड़ा है जहाँ 1945 में एक व्यक्ति की मृत्यु हुई थी l उस पर लिखा है, “एरिक लिडल स्कॉटलैंड वासी माता-पिता से 1902 में तियानजिन में जन्म लिया l उसने 1924 के ओलिंपिक खेलों में 400 मीटर में स्वर्ण पदक जीतकर अपनी जीविका के चरम पर पहुँचा l वह तियानजिन में शिक्षक बनने चीन लौटा ... उसने अपना सम्पूर्ण जीवन मानव की बेहतरी हेतु सर्वोत्तम सहयोग देने के लिए युवा लोगों को उत्साहित करता रहा l”
अनेक लोगों की दृष्टि में, एरिक की महानतम उपलब्धि स्पोर्ट्स के क्षेत्र में था l किन्तु चीन में तियानजिन, अर्थात् जिस देश में वह जन्म लिया और जिससे वह प्रेम करता था, के युवाओं के प्रति सहयोग के लिए भी जाना जाता है l उसने विश्वास से जीवन बिताया और सेवा की l
हम किस लिए याद किये जाएंगे? हम शैक्षिक उपलब्धियां, काम की पदवी, अथवा आर्थिक सफलता के लिए याद किये जा सकते हैं l किन्तु लोगों के जीवनों में शांति से किये गए कार्य ही होंगे जो हमारे जाने के बाद भी याद रहेंगे l
मूसा को बाइबिल के विश्वास अध्याय में याद किया गया है l इब्रानियों 11, जहाँ उसने मिस्र के भंडार से बड़ा धन परमेश्वर के लोगों का साथ देना समझा (पद.26) l उसने विश्वास से परमेश्वर के लोगों का मार्गदर्शन और उनकी सेवा की l
तरोराजा बसंती वर्षा
अवकाश चाहिए, मैं निकट के पार्क में टहलने गयी l आगे बढ़ने पर ढेर सारी हरियाली ने मुझे आकर्षित किया l मिट्टी से जीवन की कोपलें निकलीं जो कुछ ही सप्ताहों में सुन्दर डैफोडिल फूल बनकर बसंत और गर्माहट की घोषणा कर रहीं थीं l सर्दी का एक और मौसम बीत चुका था l
होशे की पुस्तक पढ़ते समय, कहीं-कहीं कठोर सर्दी दिखाई देती है l इस्राएली लोगों के प्रति सृष्टिकर्ता के प्रेम को दर्शाने के लिए प्रभु ने नबी को एक विश्वासघाती स्त्री से विवाह करने का अपरिहार्य कार्य दिया (1:2-3) l होशे की पत्नी, गोमेर, के विवाह प्रतिज्ञा तोड़ने के बाद भी होशे ने उसे यह चाहते हुए वापस बुलाया कि वह उससे समर्पित प्रेम करेगी (3:1-3) l इसी तरह परमेश्वर की इच्छा है कि हम शक्ति और समर्पण के साथ उससे प्रेम करें जो सुबह की ओस की तरह गायब न हो जाए l
हम परमेश्वर के साथ कैसा सम्बन्ध रखते हैं? क्या हम उसे केवल संकट में खोजते हैं, दुःख में उत्तर चाहते हैं किन्तु हमारे आनंद के समय उसकी अवहेलना करते हैं? किन्तु हम इस्राएलियों की तरह हैं, अपने समय के मूर्तियों के प्रभाव में चले जाते हैं, जिसमें व्यस्ततता, सफलता, और प्रभाव शामिल है?
आज, पुनः हम स्वयं को प्रभु को समर्पित करें, जो बंसंत के खिलने वाली कलियों की तरह प्रेम करता है l
दौड़ और विश्राम
मुख्य समाचार ने मुझे आकर्षित किया, धावकों के लिए आराम के दिन आवश्यक हैं l” टॉमी मैनिंग के लेख में अमरीकी पर्वत धावक टीम, ने समर्पित धावकों द्वारा कभी-कभी नज़रन्दाज़ करने वाले एक सिद्धांत पर बल दिया-अभ्यास के बाद शरीर को विश्राम और फिर से ताकत पाने के लिए समय चाहिए l मैनिंग ने लिखा, “मनोवैज्ञानिक रूप से, प्रशिक्षण के परिणामस्वरूप सुधार आराम से ही होता है l इसका अर्थ है, कि काम के बराबर आराम है l”
यह हमारे विश्वास और सेवा में भी उतना ही सच है l अक्रियाशीलता और निराशा से दूर रहने के लिए नियमित आराम चाहिए l अत्यधिक ज़रूरत के समय भी, यीशु अपने पृथ्वी पर के जीवन में आत्मिक संतुलन बनाए रखा l शिष्यों के शिक्षण और चंगाई के ज़ोरदार सेवकाई के बाद लौटने पर, “उसने उनसे कहा, ‘तुम आप अलग किसी एकांत स्थान में चलकर थोड़ा विश्राम करो l’” (मरकुस 6:31) l किन्तु एक बड़ी भीड़ उनके पीछे हो ली, इसलिए यीशु ने उनको उपदेश दिया और केवल पाँच रोटी और दो मछलियों से उन सब को भोजन कराया (पद.32-44) l सभी के चले जाने पर, यीशु “पहाड़ पर प्रार्थना करने को गया” (पद.46) l
यदि हमारे जीवन काम से परिभाषित हैं, तो हमारे कार्य अत्यधिक प्रभावहीन होते चले जाते हैं l यीशु नियमित रूप से हमसे उसके साथ मिलकर प्रार्थना करने और कुछ विश्राम करने को आमंत्रित करता है l
एक छोटी आग
सितम्बर में एक रविवार की रात, जब सब लोग सो रहे थे, पुडिंग लेन पर थॉमस फेरिनर की बेकरी में छोटी सी आग लगी l जल्द ही आग एक घर से दूसरे घर में फ़ैल गयी और लन्दन 1966 के भयानक आग में घिर गया l इस आग से 70,000 से अधिक लोग बेघर हो गए जिसने शहर के चार बटे पाँच हिस्से को अपने चपेट में ले लिया l एक छोटी सी आग से कितना अधिक विनाश!
बाइबिल हमें एक और छोटी किन्तु विनाशक अग्नि के विषय चिताती है l याकूब यह लिखते समय, “जीभ भी एक छोटा सा अंग है और वह बड़ी-बड़ी डींगें मारती है l देखो, थोड़ी से आग से कितने बड़े वन में आग लग जाती है” (याकूब 3:5) l
किन्तु हमारे शब्द रचनात्मक भी हो सकते हैं l नीतिवचन 16:24 ताकीद देता है, “मनभावने वचन मधुभारे छत्ते के सामान प्राणों को मीठे लगते, और हड्डियों को हरी-भरी करते हैं l” प्रेरित पौलुस कहता है, “तुम्हारा वचन सदा अनुग्रह सहित और सलोना हो कि तुम्हें हर महुष्य को उचित रीति से उत्तर देना आ जाए” (कुलु. 4:6) l जैसे नमक भोजन को स्वादिष्ट करता है, हमारे अनुग्रही शब्द दूसरों का निर्माण करते हैं l
पवित्र आत्मा की सहायता से हमारे शब्द दुखित लोगों को, विश्वास में बढ़ने को इच्छित, अथवा जिन्हें उद्धारकर्ता के निकट आना ज़रूरी है, को उत्साहित करते हैं l हमारे शब्द आग उत्पन्न करने की जगह आग बुझा सकते हैं l
कुछ ठीक नहीं है
हमारे बेटे, ऐलन, के जन्म पश्चात डॉक्टर ने कहा, “कुछ ठीक नहीं है l” खतरनाक जन्म-दोष के कारण उसे शल्यचिकित्सा हेतु विमान से 700 मील दूर ले जाना ज़रूरी था l
डॉक्टर के आपके बच्चे में कमी बताने पर, आप घबरा जाते हैं l आने वाला डर आपकी आत्मा को पराजित करता है और आप लड़खड़ाकर परमेश्वर के लिए तड़पते हैं जो बच्चे को संभालने हेतु आपको मजबूत बनाता है l
क्या एक प्रेमी परमेश्वर ऐसा होने देगा? आप विचारते हैं l क्या उसे मेरे बच्चे की चिंता है? क्या वह उपस्थित है? उस दिन मुझे ऐसे और दूसरे विचारों ने झकझोर दिया l
डॉक्टर के जाने के बाद, मेरे पति, हिरम बोले, “जोलेन, आओ हम प्रार्थना करें l” हमनें हाँ में अपना सिर हिलाया और उसने मेरे हाथ थामें l “हमें ऐलन दिया, धन्यवाद l परमेश्वर वह आपका है l जन्म से पूर्व आपने उसे प्यार किया, और वह आपका है l हमारी असमर्थता में आप उसके साथ रहें l आमीन l”
हिरम कम बोलने वाला व्यक्ति है l वह बोलने में संघर्ष करता है क्योंकि वह जानता है कि किसी ख़ामोशी को भरने के लिए मेरे पास पर्याप्त शब्द हैं l किन्तु उस दिन मेरा हृदय और आत्मा निराश थी, और विश्वास गायब l परमेश्वर ने हिरम को बोलने के लिए शब्द दिए l ख़ामोशी में आँसुओं के साथ अपने पति का हाथ थामें हुए, मैंने परमेश्वर को करीब पाया l
आपके बाद
कुछ एक संस्कृतियों में बड़ा भाई छोटे भाई को कमरे में पहले प्रवेश देता है l दूसरी में, सबसे विशेष अथवा ऊँचे पद वाले व्यक्ति पहले प्रवेश करते हैं l चाहे कोई भी संस्कृति हो, हम विशेष विषयों में किसी को पहले चुनाव करने देना कठिन महसूस करते हैं, विशेषकर जब वह अधिकार हमारे पास हो l
अब्राम (बाद में अब्राहम) और उसके भतीजा लूत के पास बहुत पशु-धन, और तम्बू थे और उनकी यात्रा में उनके भोजन आदि की ज़रूरतें पूरी नहीं हो पा रही थी l अब्राम ने अलग होने की सलाह दी, और पहले लूत को क्षेत्र चुनने दिया l उसके भतीजे ने यर्दन की उपजाओ घाटी का चुनाव किया, और अब्राम को कम मनचाहा क्षेत्र मिला l
अब्राम ने इस स्थिति में अपने बड़े होने का अधिकार छोड़कर भविष्य के लिए परमेश्वर पर भरोसा किया l अब्राम ने लूत से कहा, “मेरे और तेरे बीच, और मेरे और तेरे चरवाहों के बीच में झगड़ा न होने पाए; ... क्या सारा देश तेरे सामने नहीं? इसलिए मुझ से अलग हो जा; यदि तू बाईं ओर जाए तो मैं दाहिनी ओर जाऊँगा; और यदि तू दाहिनी ओर जाए, तो मैं बाईं ओर जाऊँगा” (उत्प.13:8-9 ) l लूट का चुनाव आखिरकार उसके पुरे परिवार के लिए खौफनाक परिणाम लेकर आया (उत्प. 19) l
आज, अनेक चुनावों का सामना करते हुए; हम परमेश्वर से उसके मार्गदर्शन भरोसा करें l वह हमारी चिंता करने की प्रतिज्ञा करता है l वह हमारी ज़रूरत पूरी करेगा l
उँगलियों से गिराना
मेरी असावधानी से रेस्टोरेंट काउन्टर पर पेय गिरकर फर्श पर फ़ैल गया l कोरी शर्मिंदगी में, मैं चुल्लू से उसे इकट्ठा करना चाही l मेरा ज्यादातर प्रयास असफल रहा; अधिकतर पेय मेरी उँगलियों के बीच से निकलकर बह गया l अंत में, मेरी हथेलियों में एक चम्मच से थोड़ा अधिक पेय था, और मेरे पाँव तलैया में थे l
मेरा जीवन के कई दिनों में ऐसा ही होता है l मैं समस्याओं का हल निकालने, विवरण निरीक्षण, और स्थितियों को संभालने में लगी रहती हूँ l मेरे कठिन प्रयास के बावजूद, मेरे निर्बल हाथ सभी टुकड़ों और हिस्सों को संभाल नहीं पाते l कुछ-न-कुछ मेरी उँगलियों के बीच से फिसलकर मेरे पाँव के पास फर्श पर गिरकर मुझे अभिभूत करते हैं l मैं हाथों को मोड़कर अथवा उँगलियों को दबोच कर भी सब कुछ संभाल नहीं सकती l
फिर भी परमेश्वर सक्षम है l यशायाह कहता है कि परमेश्वर विश्व के जल को-सभी महासागर और नदियाँ और वर्षा-को चुल्लू से माप सकता है (40:12) l केवल उसके हाथ उन्हें थाम सकते हैं l हम एक चम्मच से अधिक थामने का प्रयास न करें जो उसने हमारे थामने के लिए रचा है l पराजित महसूस करने पर, हम उसके समर्थ हाथों में अपनी देखभाल और चिंता छोड़ दें l