मैं हवाई जहाज़ से घर से हजारों मील दूर एक शहर में अध्ययन करने हेतु जाते समय घबराई हुई और अकेली महसूस कर रही थी l किन्तु हवाई जहाज़ में मुझे यीशु के अपने शिष्यों को दी गई पवित्र आत्मा की शांतिदायक उपस्थिति की प्रतिज्ञा याद आई l

“मेरा जाना तुम्हारे लिए अच्छा है” (यूहन्ना 16:7), यीशु के मित्र उसके इस कथन से चकित हुए होंगे l किस तरह वे उसके आश्चर्यकर्मों की साक्षी और उसकी शिक्षा से सीखकर उसके  बिना अच्छे रहेंगे? किन्तु यीशु ने उनसे कहा कि उसका उनसे अलग होने के बाद, सहायक-पवित्र आत्मा-आएगा l

यीशु संसार से अपने प्रस्थान के अंतिम घंटों से पूर्व अपने शिष्यों को अपनी मृत्यु और स्वर्गारोहण समझने में सहायता की (यूहन्ना 14-17 में), जिसे आज “अंतिम संवाद” कहा जाता है l इस संवाद का केंद्र उनके साथ रहनेवाला, पवित्र आत्मा था (14:16-17), एक सहायक जो उनके साथ रहकर (14:16-17), उनको सिखाएगा (15:15), गवाही देगा (पद.26), और उनका मार्गदर्शन करेगा (16:13) l

हम जिन्होंने परमेश्वर के नए जीवन की पेशकश को स्वीकारा है, में उसका आत्मा निवास करता है l  उससे हम बहुत पाते हैं : वह हमें पाप के प्रति निरुत्तर करके हमें पश्चाताप तक पहुंचता है l वह हमारे दुःख में सान्त्वना, कठिनाई सहने में सामर्थ्य, परमेश्वर की बातें समझने में बुद्धिमत्ता, भरोसा करने में आशा और विश्वास, और बांटने में प्रेम देता है l