नैंसी अपनी सहेली की खिड़की की ओर देखकर आहें भरी l बसंती वर्षा और धूप से सुरुचिपूर्ण ढंग से तैयार अनेक फूल खिले हुए थे l

“बिना मेहनत मुझे वही आभा चाहिए,” वह उत्साहपूर्वक बोली l

कुछ छोटे मार्ग ठीक और व्यावहारिक भी हैं l दूसरे हमारी आत्मा की उपेक्षा कर हमें मृत समान बनाते हैं l हम अपने से बिल्कुल भिन्न व्यक्तित्व के समक्ष स्वयं को समर्पित किये बिना किसी कठिनाई और मालिन्य के रोमांच चाहते हैं l हम वास्तविक जीवन के रोमांच में खतरा और पराजय बिना “महानता” चाहते हैं l हम असुविधा बगैर परमेश्वर को प्रसन्न करना चाहते हैं l

यीशु ने शिष्यों से कहा कि हम कठिन चुनाव से बचकर छोटे मार्ग द्वारा उसको अपना जीवन समर्पित नहीं कर सकते हैं l  यीशु ने एक प्रत्याशित शिष्य को चिताया, “जो कोई अपना हाथ हल पर रखकर पीछे देखता है, वह परमेश्वर के राज्य के योग्य नहीं” (लूका 9:62) l मसीह का अनुसरण हमारी वफादारी का पूरा परिवर्तन मांगता है l

यीशु की ओर मुड़ने पर यह कार्य आरंभ होता है l किन्तु यह अत्यधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि उसने यह भी कहा कि जो “मेरे और सुसमाचार के लिए [त्याग करता है] … इस समय सौ गुना न पाए, … और परलोक में अनंत जीवन” (मरकुस 10:29-30) l मसीह का अनुसरण कठिन है, किन्तु उसने पवित्र आत्मा दिया है और पुरस्कार अभी और हमेशा का पूर्ण आनंदित जीवन है l