क्या एक बच्चे  को अपने माता-पिता का नक़ल उतारना अच्छा नहीं लगता? कितनी बार हम एक किशोर बच्चे को कार के सीट पर बैठे, काल्पनिक स्टीयरिंग पकड़े हुए ड्राईवर को ध्यान पूर्वक देखते हुए पाते है कि पिता आगे क्या करेंगे l

मैं भी बचपन में ऐसा ही करता था l अपने पिता का नक़ल करने से अधिक आनंददायक कुछ भी नहीं था-और मेरा उनका नक़ल करते देखकर उन्हें ज़रूर ही अधिक आनंद आता होगा l

मैं परमेश्वर को उसी तरह महसूस करते हुए कल्पना कर सकता हूँ जब उसका प्रियतम पुत्र पिता की तरह ही कार्य करता है-भटके हुओं तक पहुंचना, ज़रुरतमंदों की मदद, बीमारों की चंगाई l यीशु ने कहा, “पुत्र आप से कुछ नहीं कर सकता, केवल वह जो पिता को करते देखता है; क्योंकि जिन जिन कामों को वह करता है उन्हें पुत्र भी उसी रीति से करता है” (यूहन्ना 5:19) l

हमें भी वही करने को बुलाया गया है-“प्रिय बालकों के समान परमेश्वर का अनुसरण करो, और प्रेम में चलो” (इफि. 5:1-2) l मसीह के समान बनने के लिए उसमें बढ़ते हुए, हमें पिता की तरह प्रेम करना, क्षमा करना, देखभाल करना, और उसको प्रसन्न करने हेतु जीवन बिताना होगा l पवित्र आत्मा की सामर्थ्य में उसका नक्ल करना आनंददायक है, जानते हुए कि हमारा पुरस्कार प्रेमी पिता की प्यार भरी, कोमल मुस्कराहट है l