अपनी पुस्तक Wearing God में, लेखक लॉरेन विनर कहती है कि हमारे वस्त्र शांति से हमारा व्यक्तित्व संप्रेषित करते हैं l हमारे पहिरावे जीविका, समाज या पहिचान, मिजाज़, अथवा सामजिक स्थिति दर्शाते हैं l स्लोगन वाला टी-शर्ट, बिज़नस सूट, यूनिफार्म, अथवा ग्रीस लगी जीन्स के विषय विचारे और वे क्या प्रगत करते हैं l वह लिखती है, “यह विचार कि, वस्त्र की तरह, मसीही शब्दहीन होकर यीशु के विषय कुछ कह सकते हैं-चित्ताकर्षक है l”

पौलुस के अनुसार, हम भी मसीह का प्रतिनिधित्व शब्दहीन तरीके से कर सकते हैं l रोमियों 13:14 हमसे “मसीह को [पहिनने], और शरीर की अभिलाषाओं को पूरा करने का उपाए [नहीं करने]” को कहता है l इसका अर्थ क्या है? मसीही हो जानने के बाद, हम मसीह की पहिचान बन जाते है l हम “विश्वास के द्वारा … परमेश्वर की संतान” हैं (गला.3:26-27) l यही हमारा दर्जा है l फिर भी हमें प्रतिदिन उसके चरित्र को धारण करना है l हम यीशु की तरह जी कर और उसकी तरह और भी बनकर, भक्ति, प्रेम और आज्ञाकारिता में उन्नति करते हुए और एक समय हमें दास बनाने वाले पापों की ओर पीठ फेरकर ऐसा करते हैं l       

यह उन्नत्ति पवित्र आत्मा का हमारे भीतर कार्य, और वचन, प्रार्थना, और दूसरे मसीहियों के साथ संगति का परिणाम है (यूहन्ना 14:26) l जब दूसरे हमारे शब्द और आचरण को देखते हैं, हम मसीह के विषय क्या बोल रहे हैं?