कार्य से घर लौटकर मेरा मित्र नॉर्म कुक कभी-कभी अपने परिवार को चकित करताथा l वह घर में आकर चिल्लाता, “तुम क्षमा किये गए हो!” ऐसा नहीं था कि परिजनों ने उसकी हानि नहीं की थी इसलिए उनको उनकी  क्षमा चाहिए थी l  यह ताकीद थी कि बेशक दिन भर पाप करने पर भी, उन्हें परमेश्वर के अनुग्रह से पूर्णरूपेण क्षमा मिल गई थी l  

प्रेरित यूहन्ना अनुग्रह के विषय कहता है : “यदि जैसा वह ज्योति में है, वैसे ही हम भी ज्योति में चलें, तो एक दूसरे से सहभागिता रखते हैं, और उसके पुत्र यीशु का लहू हमें सब पापों से शुद्ध करता है l यदि हम कहें कि हममें कुछ भी पाप नहीं [पाप के प्रति कोई झुकाव नहीं], तो अपने आप को धोखा देते हैं, और हम में सत्य नहीं l यदि हम अपने पापों को मान लें, तो वह … हमें सब अधर्म से शुद्ध करने में विश्वासयोग्य और धर्मी है” (1 यूहन्ना 1:7-9) l

“ज्योति में चलें” यीशु के अनुसरण का एक अलंकार है l यूहन्ना अनुसार, आत्मा द्वारा यीशु का अनुकरण, विश्वास की संगति में प्रेरितों के साथ जुड़ जाने का संकेत है l हम असली मसीही हैं l किन्तु, वह आगे कहता है, हम धोखा न खाएं : हम कभी-कभी गलत चुनाव करेंगे l तथापि, अनुग्रह भरपूर है l हमें आवश्यकतानुसार क्षमा मिलेगी l  

सिद्ध नहीं, केवल यीशु द्वारा क्षमा! आज के लिए यह अच्छा शब्द है l