लेखक और पासवान इरविन लूज़र एक टेलेविज़न कार्यक्रम में मेज़बान आर्ट लिंकलेटर और एक छोटे बच्चे की परमेश्वर की तस्वीर बनाने की कहानी बताते हैं l लिंकलेटर, खुश होकर, बोले, “तुम नहीं बना पाओगे क्योंकि कोई नहीं जानता कि परमेश्वर कैसा है l”

“मेरे बनाने के बाद वे जान जाएंगे!” बच्चे ने कहा l

हम सोच सकते हैं, परमेश्वर कैसा है? क्या वह अच्छा है, दयालु है, चिंता करता है?  फिलिप्पुस के निवेदन पर यीशु का प्रतिउत्तर इसका उत्तर था : “हे प्रभु, पिता को हमें दिखा दे l” यीशु ने उत्तर दिया, “हे फिलिप्पुस, मैं इतने दिन से तुम्हारे साथ हूँ, और क्या तू मुझे नहीं जानता? जिसने मुझे देखा है उसने पिता को देखा है” (यूहन्ना 14:8-9) l

परमेश्वर को देखने की कभी इच्छा हो तो यीशु को देखें l “वह तो अदृश्य परमेश्वर का प्रतिरूप है,” पौलुस ने कहा (कुलुस्सियों 1:15) l मत्ती, मरकुस, लूका, और यूहन्ना, चारों सुसमाचार पढ़कर यीशु के कार्य और वचन पर ध्यान दें l “पढ़ते समय अपने परमेश्वर का दिमागी चित्र “बनाएं l” पूरा पढ़ने के बाद, वह कैसा है, आप बहुत कुछ जान जाएंगे l

एक बार मेरे एक मित्र ने मुझसे कहा कि यीशु में दिखाई देनेवाले एकमात्र परमेश्वर में ही वह विश्वास करता है l निकट से देखने पर आप भी मानेंगे l उसके विषय पढ़ने पर आपका हृदय बहुत खुश होगा, क्योंकि यद्यपि आप जानते नहीं, यीशु ही वह परमेश्वर है जिसे आप सम्पूर्ण जीवन खोज रहें हैं l