हाल ही में मुझे कॉलेज की अपनी कुछ डायरी मिली जिसे मैं दोबारा पढ़ने के लिए मजबूर हुयी l लेखों को पढ़ते हुए, मैंने महसूस किया कि मैं उस समय खुद के विषय ऐसा महसूस नहीं करती थी l इस समय मैं खुद को अकेलेपन से संघर्ष करते हुए और अपने विश्वास पर शक करते हुए देखकर हरी हुई महसूर करती होती हूँ, किन्तु मुझे याद है कि किस तरह परमेश्वर मुझे बेहतर स्थान पर ले गया था l उन दिनों में परमेश्वर की अगुवाई याद करके आज मैं मजबूत महसूर करती हूँ जो एक दिन उसके चंगा करनेवाले प्रेम की बड़ी कहानी का भाग होगा l

भजन 30 उत्सव भजन है जो आश्चर्य और धन्यवाद के साथ बीते समय में परमेश्वर की सामर्थी चंगाई को याद करता है : रोग से आरोग्यता तक, मृत्यु के डर से जीवन तक, परमेश्वर के न्याय से उसकी कृपादृष्टि तक, विलाप से आनंद तक (पद.2-3,11) l

हम इस भजन में, दाऊद का दर्द-भरा शोक देखते हैं l किन्तु दाऊद ने असाधारण चंगाई का अनुभव भी प्राप्त किया जिसे वह बता पाया, “कदाचित् रात को रोना पड़े, परन्तु सबेरे आनन्द पहुंचेगा” (पद.5) l समस्त दुःख उठाने के बाद भी, दाऊद ने और भी बड़ी बात खोज ली अर्थात् परमेश्वर का चंगा करनेवाला हाथ l

यदि आज आप दुखित हैं और आपको उत्साह चाहिए, अतीत को याद करें जब परमेश्वर ने आपको चंगाई के स्थान पर लिए चला l भरोसा के लिए प्रार्थना करें कि वह आज भी करेगा l