उन दिनों में जब मैं नियमित यात्रा करता था, मैं हर दिन एक नए शहर में रात बिताते समय होटल में जागने की घंटी लगवाता था l मुझे सुबह उठकर अपने काम में जाने के लिए एक व्यक्तिगत अलार्म के साथ, टेलीफोन की तेज घंटी की भी ज़रूरत होती थी l

प्रेरित यूहन्ना प्रकाशितवाक्य में एशिया प्रान्त की सात कलीसियाओं को लिखे पत्रों में चेतावनी देता है l उसने सरदीस की कलीसिया को यीशु मसीह का यह सन्देश दिया : “मैं तेरे कामों को जानता हूँ : तू जीवित तो कहलाता है, पर है मरा हुआ l जागृत हो, और उन वस्तुओं को जो बाकी रह गईं हैं … उन्हें दृढ़ कर, क्योंकि मैं ने तेरे किसी काम को अपने परमेश्वर के निकट पूरा नहीं पाया” (प्रका. 3:1-2) l

हम आत्मिक मेहनत के मध्य परमेश्वर के साथ अपने सम्बन्ध में सुस्ती पर ध्यान नहीं देते l किन्तु परमेश्वर हमें याद दिलाता है “स्मरण कर कि तू ने कैसी शिक्षा प्राप्त की और सुनी थी, और उसमें बना रह” (पद.3) l

कुछ लोगों ने महसूस किया है कि आत्मिक रूप से जागृत रहने के लिए प्रति सुबह  बाइबिल पठन और प्रभु से प्रार्थना करने के लिए समय निर्धारण सहायक है l यह कोई काम नहीं है किन्तु यीशु के साथ समय बिताने का आनंद है और दिन के काम के लिए उसकी ओर से तैयारी है l